लखनऊ । एसटीएफ यूपी के साथ हुई साहसिक मुठभेड़ में सुपारी लेकर हत्या, लूट एवं प्रतिष्ठित व्यवसायियों से रंगदारी वसूलने वाला कुख्यात अपराधी एवं थाना गुलरिहा, गोरखपुर में पंजीकृत मुकदमों में वांछित 1,00,000 रुपये का पुरस्कार घोषित अभियुक्त विनोद कुमार उपाध्याय घायल हो गया। जिसे इलाज के दौरान चिकित्सकों ने किया मृत घोषित।इसके कब्जे से एक पिस्टल 7.62 एमएम मय मैगजीन, एक स्टेनगन 9 एमएम मय मैगजीन, तीन जिंदा कारतूस 7.62 एमएम, चार खोखा कारतूस 7.62 एमएम मौके पर तथा एक स्विफ्ट डिजायर कार बिना रजिस्ट्रेशन के प्राप्त हुआ है।

एसटीएफ को काफी दिनों से थी इसकी तलाश

स्पेशल टास्क फोर्स, उत्तर प्रदेश को विगत काफी दिनों से वांछित व पुरस्कार घोषित अपराधियों के सक्रिय होने की सूचना प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों व टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था। इसी क्रम में दीपक कुमार सिंह, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ, लखनऊ के पर्यवेक्षण मे एसटीएफ मुख्यालय की टीम द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्रवाई की जा रही थी।

अभिसूचना संकलन के दौरान ज्ञात हुआ कि विनोद कुमार उपाध्याय एक कुख्यात बदमाश है। इसका आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने का अपना एक गिरोह है। जिनका जनपद गोरखपुर, बस्ती, संतकबीरनगर व आस-पास के जनपदों में हत्या, लूट, अवैध कब्जा, व्यापारियों व अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों से रंगदारी मांगना तथा रंगदारी का पैसा न मिलने पर उनकी हत्या कर लोगों में भय व्याप्त करता है।

इसके द्वारा इन घटनाओं को दिया गया था अंजाम

इसने वर्ष 2001 में थाना गोरखनाथ में राजू पुत्र नबीउल्लाह निवासी जटेपुर, दक्षिणी धर्मशाला, थाना गोरखनाथ, जनपद गोरखपुर की हत्या, वर्ष 2005 में जनपद संतकबीर नगर थाना बखिरा में जीत नारायण मिश्रा पुत्र बद्री नारायण मिश्रा निवासी भैरहवां, नेपाल की हत्या, वर्ष 2007 में हजरतगंज लखनऊ में मो. अफजल उर्फ फैजी पुत्र मो. जमील निवासी नरसिंहपुर, थाना तिवारीपुर, जनपद गोरखपुर की हत्या, वर्ष 2014 मे थाना कैण्ट गोरखपुर में लाल बहादुर यादव पुत्र राम धनेश यादव निवासी चैरिया थाना बेलीपार, गोरखपुर की हत्या कर चुका है।

इसके विरूद्ध हत्या के प्रयास, रंगदारी व अवैध कब्जे के कई अभियोग पंजीकृत हैं। इसके गिरफ्तारी हेतु अपर पुलिस महानिदेशक, गोरखपुर जोन गोरखपुर द्वारा 1,00,000 रुपये का पुरस्कार घोषित किया गया था एवं हाल में ही इसके द्वारा आपराधिक गतिविधियों से अर्जित की गयी कई संपत्तियों की ध्वस्तीकरण की कार्यवाही जिला प्रशासन द्वारा की गयी है।

पुलिस की टीम पहुंचने से पहले हो जाता था फरार

अभिसूचना संकलन के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि विनोद उपाध्याय जिन व्यवसायियों से रंगदारी मांग रहा था रंगदारी के पैसे न मिलने पर कभी भी उन पर जानलेवा हमला कर सकता है। साथ ही यह भी ज्ञात हुआ कि विनोद अपनी उपस्थिति छिपाने के लिए कार से यूपी के विभिन्न जनपदों एवं अन्य प्रान्तों में घूमता रहता है। सम्भावित स्थानों पर एसटीएफ टीम द्वारा दबिश दी गयी परन्तु पुलिस टीम पहुंचने से पहले ही फरार हो जाता था।

सुलतानपुर आने की सूचना पर मुस्तैद हुई एसटीएफ

गुरुवार की रात को दीपक कुमार सिंह, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ के नेतृत्व में निरीक्षक हेमन्त भूषण सिंह, उ.नि. तेज बहादुर सिंह, उ.नि. हरीश सिंह चैहान, मु.आ. कृष्णकांत शुक्ला, मु.आ. विनोद यादव, मु.आ. सुनील यादव, मु.आ. सरताज अहमद, मु.आ. पवन सिंह बिसेन, मु.आ. आलोक रंजन, मु.आ. कमाण्डो रामकेश यादव, आ. कमाण्डो रवि चालक भोला यादव, की टीम अभिसूचना संकलन के क्रम में जनपद सुलतानपुर में मौजूद थी। इस दौरान मुखबिर द्वारा बताया गया कि विनोद उपाध्याय थाना क्षेत्र कोतवाली देहात अन्तर्गत किसी से मिलने आने वाला है।

एसटीएफ ने कार रोकने का प्रयास किया तो लगा भागने

इस सूचना पर एसटीएफ टीम द्वारा स्थानीय पुलिस को अवगत कराते हुए मुखबिर द्वारा बताये हुए स्थान पर पहुंच कर अभियुक्त विनोद का इन्तजार करने लगे। मुखबिर ने लगभग 3.20 बजे प्रातः लखनऊ की ओर से आती हुई स्विफ्ट डिजायर कार की तरफ इशारा करके बताया कि यही स्विफ्ट कार विनोद उपाध्याय की है। इस पर एसटीएफ टीम द्वारा उक्त स्विफ्ट डिजायर कार को रोकने का प्रयास किया गया लेकिन कार सवार गाड़ी न रोकते हुए अर्द्धनिर्मित बाईपास पर भागने लगा। तत्पष्चात एसटीएफ टीम द्वारा उसका पिछा किया जाने लगा। लगभग 2-3 किमी आगे जाकर सर्विस लेन के अर्द्धनिर्मित सीमेण्ट के पत्थर से अनियंत्रित होकर टकरा गयी।

पीछा छुड़ाने के लिए एसटीएफ टीम पर करने लगा फायर

कार सवार तेजी से अपने कार का दरवाजा खोलकर भागकर पास में पडे़ मिट्टी के टीले का सहारा लेकर एसटीएफ टीम पर हथियार निकाल कर फायर करने लगा। जिस पर प्रतिक्रिया करते हुए नियंत्रित फायरिंग की गयी तो बदमाश एसटीएफ पार्टी को निशाना बनाते हुए जान से मारने की नियत से फायरिंग करता रहा, जिसके जबाब में एसटीएफ टीम द्वारा साहस, संयम एवं व्यवसायिक दक्षता का परिचय देते हुए आत्मरक्षार्थ संतुलित एवं नियंत्रित फायरिंग की गई, जिससे वह गोली लगने के कारण घायल हो गया।

प्रदेश के विभिन्न जनपद में इस पर दर्ज है कुल 45 मुकदमे

घायल बदमाश को तत्काल जीवन रक्षा के लिए सरकारी अस्पताल सुलतानपुर ले जाया गया जहां डाक्टरों ने उसे इलाज के दौरान मृत घोषित कर दिया। मृतक बदमाश की पहचान विनोद उपाध्याय पुत्र स्व. राम कुमार उपाध्याय जनपद फैजाबाद उपरोक्त के रूप में हुई, घटना स्थल से उपरोक्त बरामदगी भी हुई।इसके ऊपर प्रदेश के विभिन्न थानों को मिलाकर कुल 45 मुकदमे गंभीर धाराओं में दर्ज है। उक्त पुलिस मुठभेड़ के सम्बन्ध में थाना कोतवाली देहात, जनपद सुलतानपुर पर अाम्र एक्ट का अभियोग पंजीकृत कराया गया है। अग्रिम वैधानिक कार्रवाई स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।

विनोद उपाध्याय की आपराधिक गतिविधियां

1-वर्ष 2001 में अपने साथियों के साथ मिल कर राजू पुत्र नबीउल्ला नि0 जटेपुर दक्षिणी धर्मषाला थाना गोरखनाथ की हत्या कर दी गयी थी, जिसके सम्बन्ध में थाना गोरखनाथ, गोरखपुर में मु0अ0सं0 573/2001 धारा-147, 148, 149, 336, 302, 421, 422, 423, 504, 506 भा0द0वि0 पंजीकृत हुआ था।

2- वर्ष-2005 में साथियों के साथ मिलकर जीतनरायण मिश्र पुत्र बद्रीनरायण मिश्र नि0 भैरहवा नेपाल की दिनांक 07-08-2005 को गोली मारकर हत्या कर दिया था, जिसके सम्बन्ध में थाना बखिरा, संतकबीरनगर में मु0अ0सं0 796/2005 धारा-307,302,120बी भा0द0वि0 पंजीकृत हुआ था।

3- वर्ष-2007 में साथियों के साथ मिलकर मोहम्मद अफजल उर्फ फैजी पुत्र मोहम्मद जमील नि0 भरसिंहपुर थाना तिवारीपुर जनपद गोरखपुर की हत्या कर दिया था, जिस सम्बन्ध में थाना हजरतगंज, लखनऊ में मु0अ0सं0 143/2007 धारा-147, 148, 149, 307, 302 भा0द0वि0 पंजीकृत हुआ था।

4- वर्ष-2014 में साथियों के साथ मिलकर लाल बहादूर यादव पुत्र रामधनेष यादव नि0 चैरिया बेलीपार गोरखपुर की गोली मारकर हत्या कर दिया था, जिसके सम्बन्ध में थाना कैण्ट, गोरखपुर में मु0अ0सं0 399/2014 धारा 302 भा0द0वि0 पंजीकृत हुआ था।

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