लखनऊ।भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को वाराणसी में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 45वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप सम्मिलित हुईं। इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की गरिमामयी उपस्थिति रही।दीक्षांत समारोह में 65 गोल्ड मेडल और 77,692 छात्र-छात्राओं को डिग्री का वितरण किया गया। 65 में से 51 छात्राओं तथा 14 छात्रों ने गोल्ड मेडल प्राप्त किया। कुल गोल्ड मेडल प्राप्त करने वालों में 78 प्रतिशत संख्या छात्राओं की है। स्नातक में 57 प्रतिशत व स्नातकोत्तर में 68 प्रतिशत उपाधियां छात्राओं ने प्राप्त की।
शास्त्री जी के जीवन मूल्यों को अपने आचरण में अपनायें
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में बेटियों के बेहतर प्रदर्शन में विकसित भारत और बेहतर समाज की झलक दिखाई देती है। उन्होंने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देश के रूप में स्थापित करने के राष्ट्रीय संकल्प को पूरा करने में विद्यापीठ के विद्यार्थियों और आचार्यों की भविष्य में महत्वपूर्ण भूमिका बतायी।राष्ट्रपति ने कहा कि दो भारत रत्नों का इस संस्थान से जुड़ना महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की गौरवशाली विरासत का प्रमाण है। भारत रत्न डॉ. भगवान दास इस विद्यापीठ के पहले कुलपति थे और पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री इस संस्था के पहले बैच के छात्र थे। उन्होंने कहा कि इस संस्थान के विद्यार्थियों से अपेक्षा है कि वे शास्त्री जी के जीवन मूल्यों को अपने आचरण में अपनायें।
सभी छात्र स्वतंत्रता संग्राम के राष्ट्रीय आदर्शों के ध्वजवाहक
राष्ट्रपति ने कहा कि इस विद्यापीठ की यात्रा देश की आजादी से 26 साल पहले गांधीजी की परिकल्पना के अनुसार आत्मनिर्भरता और स्वराज के लक्ष्यों के साथ शुरू हुई थी। असहयोग आंदोलन से जन्मी संस्था के रूप में यह विश्वविद्यालय हमारे महान स्वतंत्रता संग्राम का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के सभी छात्र स्वतंत्रता संग्राम के राष्ट्रीय आदर्शों के ध्वजवाहक हैं।राष्ट्रपति ने कहा कि काशी विद्यापीठ का नाम महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ रखने के पीछे का उद्देश्य स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शों के प्रति सम्मान व्यक्त करना है। उन आदर्शों पर चलकर अमृत काल में देश की प्रगति में प्रभावी योगदान देना ही विद्यापीठ के राष्ट्र-निर्माण संस्थापकों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं को दी शुभकामनाएं
राष्ट्रपति ने कहा कि वाराणसी प्राचीन काल से ही भारतीय ज्ञान परंपरा का केंद्र रहा है। आज भी इस शहर की संस्थाएँ आधुनिक ज्ञान-विज्ञान के प्रचार-प्रसार में अपना योगदान दे रही हैं। उन्होंने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के छात्रों और शिक्षकों से ज्ञान के केंद्र की परंपरा को बनाए रखते हुए अपने संस्थान के गौरव को समृद्ध करते रहने का आग्रह किया।
इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने दीक्षांत समारोह में उपाधि/पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं व बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।इस अवसर पर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी, विश्वविद्यालय के कार्य परिषद, विद्या परिषद, उपाधि प्राप्तकर्ता, छात्र एवं छात्राएं तथा अन्य गणमान्य भी उपस्थित थे।