लखनऊ । उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दिल दहला देने वाली घटना सामने आयी है। यहां के वनाथपुरा स्थित आंध्रा आश्रम के काशी कैलाश भवन के दूसरे तल पर स्थित कमरे में फंदा लगाकर आंध्र प्रदेश निवासी दंपती और उनके दो बेटों ने जान दे दी। गुरुवार की शाम भवन के मैनेजर की सूचना पर पहुंची दशाश्वमेध थाने की पुलिस ने दरवाजा तोड़ कर चारों का शव फंदे से नीचे उतारा।कमरे में मिली एक डायरी के ढाई पेज में तेलुगू में लिखे गए सुसाइड नोट के अनुसार सामूहिक आत्महत्या की वजह पैसे के लेनदेन का विवाद और आर्थिक तंगी है। आंध्र प्रदेश पुलिस को सूचना देकर दंपती और उनके दोनों पुत्रों का शव शिवपुर स्थित मोर्चरी में रखवाया गया है।

आंध्र प्रदेश के ईस्ट गोदावरी जिले के धर्मागुड़मू स्ट्रीट, मंडापेटा निवासी कोंडा बाबू (50), पत्नी लावन्या (45) और दो बेटों राजेश (25) व जयराज (23) के साथ बीते तीन दिसंबर की सुबह साढ़े 11 बजे देवनाथपुरा स्थित काशी कैलाश भवन पहुंचे थे। भवन के मैनेजर सुंदर शास्त्री ने बताया कि चारों लोगों के लिए 350 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से द्वितीय तल पर स्थित एस-6 कमरा राजेश ने बुक कराया।  पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन के मुताबिक सुसाइड नोट के अनुसार, चारों लोगों के आत्महत्या की वजह पैसे के लेनदेन का विवाद और आर्थिक तंगी है। आंध्र प्रदेश पुलिस को सूचना दी गई है। दशाश्वमेध थाने में मुकदमा दर्ज करा कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

चार अलग-अलग हुक के सहारे नायलॉन की रस्सी से लटके हुए थे

सात दिसंबर की सुबह उन्हें चेक आउट करना था और पूरा भुगतान छह दिसंबर को ही कर दिया गया था। बृहस्पतिवार की सुबह नौ बजे सफाईकर्मी पुष्पा साफ-सफाई के लिए कमरे का दरवाजा खटखटाई तो नहीं खुला। शाम पांच बजे के लगभग वॉचमैन ने फिर कमरे का दरवाजा खटखटाया तो नहीं खुला। शंकावश उसने कमरे की खिड़की को धकेल कर देखा तो एक व्यक्ति फंदे के सहारे लटका दिखा।  आनन-फानन इसकी सूचना पुलिस को दी गई। डॉग स्क्वॉड और फॉरेंसिक टीम के साथ पहुंची पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़ा। अंदर घुसने पर दंपती और उनके दोनों बेटे कमरे की छत में लगे लोहे के एंगल के चार अलग-अलग हुक के सहारे नायलॉन की रस्सी से लटके हुए थे।


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