रायबरेली। जिले के लालगंज स्थित आधुनिक रेल कोच कारखाना के आवासीय परिसर में उस समय हड़कम्प मच गया जब डॉक्टर, उसकी पत्नी एक बेटे व बेटी का शव उनके आवास के अंदर बरामद हुआ, सूचना पर पहुची आरपीएफ और पुलिस ने दरवाजा तोड़ कर शवों को बाहर निकाला। चिकित्सक का शव फांसी के फंदे पर था जबकि, उनकी पत्नी, पुत्र और पुत्री बेड पर पड़े हुए थे। सूचना पर पहुची आरपीएफ और पुलिस ने दरवाजा तोड़ कर शवों को बाहर निकाला। चिकित्सक के परिवार को अंतिम बार रविवार को देखा गया था।
आरपीएफ और पुलिस ने दरवाजा तोड़कर निकाला शव
कल देर रात उनके सहयोगी उनका हालचाल जानने के लिए जब उनके आवास पहुंचे तो घटना की जानकारी हुई। सूचना पर पुलिस अधीक्षक फारेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया।फारेंसिक टीम मौके से साक्ष्य संकलन में जुटी हुई है। लालगंज में संचालित आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना है जो कि देश में चलने वाली ट्रेनों के लिए आधुनिक डिब्बों का निर्माण करता है। इसी कारखाने में 2017 में डीएमओ के पद पर कार्यरत डॉ अरुण सिंह, जो कि नेत्र सर्जन विशेषज्ञ थे, तैनात थे।कारखाना के आवासीय परिसर में उनकी पत्नी अर्चना (40), बेटे आरव (चार) और बेटी अरीबा (12) के साथ रहते थे।
आरेडिका लालगंज में हुई दिल दहलाने वाली वारदात
डॉ अरुण सिंह को अंतिम बार रविवार को देखा गया। उसके बाद उनके घर के किसी भी सदस्य को परिसर में रहने वाले व्यक्ति ने नहीं देखा।सूचना पर पहुंची पुलिस ने इसकी सूचना आलाधिकारी को दी तो पुलिस अधीक्षक फरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे और घर का दरवाजा तुड़वा कर कमरे में दाखिल हुआ गया।चिकित्सक फांसी के फंदे पर लटक रहे थे और उनका पूरा परिवार मृत अवस्था में बेड पर पड़ा था। शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया और मामले की तहकीकात शुरू कर दी गई।
मिर्जापुर के निवासी थे डॉक्टर अरुण
मिर्जापुर के निवासी अरुण कुमार सिंह (45) आधुनिक रेल कोच कारखाना स्थित अस्पताल में 2017 से नेत्र रोग विशेषज्ञ के पद पर तैनात थे। वह कारखाना परिसर स्थित आवास में परिवार के साथ रहते थे। इस घटना को सुनने व जानने के बाद हर कोई हैरान है। किसी को हजम नहीं हो रहा है कि एक डॉक्टर इस तरह की हरकत कर सकता है। फिलहाल पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।
योजनाबद्ध तरीके से की खुदकुशी
एसपी पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि डॉक्टर साहब 2017 से कारखाने में नौकरी कर रहे है। वह नेत्र सर्जन थे। उन्होंने कई तरह के इंजेक्शनों का प्रयोग किया और पहले बच्चों को बेहोश किया फिर उनके सिर पर वार कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया।खुद के हाथों की नस काटी जब सफल नहीं हुए तो कुर्सी रखकर फांसी लगा ली। रविवार को उनको अंतिम बार देखा गया था।आज उनके सहयोगी जब उनके आवास पर पहुचे तो दरवाजा तोड़ा गया और ये मंजर दिखाई दिया।
चिकित्सक अवसाद से था ग्रसित
शवों को कब्जे में ले लिया गया है। डॉक्टर साहब के एक पुत्र, पुत्री और पत्नी भी मृत अवस्था में मिले हैं। मामले की जांच की जा रही है। पोस्टमॉर्टम के बाद मौत का सही कारण स्पष्ट होगा। पुलिस ने कहा कि शुरुआती जांच में यह पता चला कि चिकित्सक अवसाद से ग्रसित था। आसपास रह रहे लोगों के अनुसार परिवार को दो दिन पहले रविवार को देखा गया। पुलिस ने कहा कि मामले में गहन छानबीन की जा रही है।