लखनऊ । यूपी एटीएस ने अवैध टेलीफोन एक्सचेंज लगाकर, राष्ट्र की सुरक्षा में सेंध लगाने व राजस्व की क्षति करने वाले गैंग के सक्रिय अभियुक्त को गिरफ्तार किया है।

एटीएस उत्तर प्रदेश को विगत कई दिनों से मेरठ क्षेत्र में इंटरनेशनल गेटवे को बाईपास कर विदेशों प्रमुखत: मिडिल इस्ट देशों से आने वाली अन्तर्राष्ट्रीय कॉल्स को अवैध टेलीफोन एक्सचेन्ज के माध्यम से लोकल कॉल्स में परिवर्तित करने की सूचना प्राप्त हो रही थी।

इंटरनेशनल गेटवे को बाईपास करने के कारण कॉलर की पहचान करना सम्भव नहीं होता, जिससे रेडिक्लाइजेशन, हवाला, टेरर फंडिग सम्बन्धी बातों की सम्भावनाएं बनी रहती है और साथ ही राजस्व की क्षति भी होती है। आसूचना को ग्राउंड एवं इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के माध्यम से विकसित करते हुए, एटीएस की मेरठ फील्ड इकाई द्वारा मेरठ के परीक्षितगढ़ थाना क्षेत्र में क्रियाशील अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का चिन्हीकरण कर कार्रवाई की गयी।

340 प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड किया बरामद

एटीएस उत्तर प्रदेश द्वारा कार्रवाई करते हुए अवैध टेलीफोन एक्सचेंज संचालक नूर मोहम्मद उर्फ साकिब को नौ नंबर की देर रात गिरफ्तार किया गया और अभियुक्त के कब्जे से अवैध टेलीफोन एक्सचेंज के तीन क्रियाशील सिमबॉक्स, लगभग 340 प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड, विभिन्न मॉडम व राऊटर मय सहवर्ती उपकरण, लैपटॉप, मोबाइल आदि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किये गये । पूछताछ पर गिरफ्तार अभियुक्त ने बताया कि उसकी दोस्ती आॅनलाइन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, फेसबुक पर नेडी नामक व्यक्ति से हुई, जिसने बताया कि वह दुबई 6 का रहने वाला है और इनके मध्य वार्ता होने लगी।

नेडी ने उपलब्ध कराया सिम बॉक्स

नेडी ने कहा कि यदि तुम इंटरनेट और लैपटॉप खरीद लोगे, तो तुम घर बैठे ही पैसे बना सकते हो। नेडी के कहने पर अभियुक्त ने इंटरनेट और लैपटॉप की व्यवस्था की और किराए पर एक कमरा ले लिया। नेडी ने इसको कोरियर के माध्यम से सिम बॉक्स उपलब्ध कराये और एनीडेस्क एप्लीकेशन के माध्यम से कॉनफिगर किया। सिम बॉक्स पर इंटरनेट के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रीय कॉल्स को इंटरनेशनल गेटवे बाईपास कराकर लैंड कराया जाता था, जिससे वीओआईपी (इंटरनेट) कॉल नॉर्मल वायस कॉल्स में परिवर्तित हो जाती है और कॉल प्राप्त करने वाले को कॉल करने वाले व्यक्ति के नम्बर के स्थान पर सिमबॉक्स में लगे सिमकार्ड का नम्बर प्रदर्शित होता है, इससे कॉलर की पहचान स्थापित नहीं हो पाती है

1,00,000 रुपये प्रतिमाह कमीशन के रूप में कमा लेता था

गिरफ्तार अभियुक्त नूर मोहम्मद अधिक पढ़ा लिखा भी नहीं है और पावर लूम में कपड़ा बुनने की मशीन चलाने का कार्य करता था। तकनीकी योग्यता न होने के उपरान्त भी यहअपने साथियों की सहायता से तकनीकी रूप से अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चलाने में सक्षम है, जिससे यह लगभग 1,00,000 रुपये प्रतिमाह कमीशन के रूप में कमा लेता था। बड़ी संख्या में प्री-एक्टीवेटेड सिम देने वाले रिटेलर्स एवं इस गैंग में शामिल अन्य सदस्य भी एटीएस के रडार में हैं, जिनके विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। अभियुक्त के खिलाफ मेरठ में मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है।

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