लखनऊ । वर्ष 2016 में यूपी-112 सेवा को आरम्भ किया गया जिसमें निरन्तर तकनीकी उन्नयन व आधुनिकीकरण एवं सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। ताकि यूपी 112 को और अधिक जनपयोगी बनाया जा सके। वर्ष 2023 से यूपी-112 के द्वितीय चरण का संचालन सफलतापूर्वक आरम्भ किया जा रहा है। यूपी-112 के प्रथम चरण में 4800 पीआरवी थी। जिसे शासन के निर्देशानुसार द्वितीय चरण में बढ़ाकर 6278 पीआरवी किया जायेगा। इससे जहां प्रथम चरण में लगभग 50.68 वर्ग किमी. पर एक पीआरवी उपलब्ध थी वहीं द्वितीय चरण में यह क्षेत्र घटकर 38.75 वर्ग किमी. रह जायेगा ।

यूपी 112 ने जारी किया यह बयान

यूपी 112 हेल्पलाइन को अपग्रेड करने के बाद 1.30 लाख कॉल रिसीव की जा सकेंगी। कॉल ड्रॉपिंग में कमी आएगी। इसके लिए कॉल टेकर्स की संख्या को 673 से बढ़ाकर 825 किया जा रहा है। यूपी 112 ने बयान जारी किया है कि नई सेवा प्रदाता कंपनियां भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वी-विन लिमिटेड श्रम आयुक्त द्वारा निर्धारित वेतन दर एवं अन्य अनुमन्य व सुसंगत अधिनियमों व नियमों के अधीन सुचारू रूप से यूपी-112 को अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

जीपीएस लिंक का रियल टाइम मैसेज जायेगा

द्वितीय चरण में पीआरपी वाइकल ट्रैकिंग सिस्टम होगा, जिसके प्रयोग से कॉलर के पास जीपीएस लिंक का रियल टाइम मैसेज जायेगा, जिससे कॉलर पीआरवी की लोकेशन अपने फोन में ट्रैक कर देख सकेगा कि पुलिस सहायता उस तक कितनी देर में पहुंच रही है ।शासन के निर्देशानुसार यूपी-112 को अन्य हेल्पलाइन नम्बरों जैसे- सीएम हेल्पस लाइन 1076, एनएचएआई हेल्पलाइन 103, सेफ सिटी, स्मार्ट सिटी आदि से एकीकृत किया जायेगा, जिससे नागरिकों को कई सेवाओं के लिये एकल नम्बर सम्पर्क की सुविधा उपलब्ध होगी।

संवाद अधिकारी की संख्या बढ़कर हुई 825

वर्तमान पीआरई तकनीक को SIP एवं CAD प्रणाली में उच्चीकृत करते हुये सिस्टम की कॉल हैंडलिंग की क्षमता को वर्तमान 50-60 हजार से 1.25-1.30 लाख तक बढ़ाया जा सकेगा, जिससे कॉल ड्रॉपिंग घट जायेगी और अधिक से अधिक लोगों की कॉल यूपी-112 में लग सकेगी । प्रथम चरण में जहां 673 संवाद अधिकारी जनमानस का फोन रिसीव करते थे अब उनकी संख्याा बढ़ाकर 825 की जा रही है, जिससे विभिन्न प्रकार के कॉल को अधिकतम संख्या में लिया जा सके । द्वितीय चरण में सभी पीआरवी के लिये बॉडी वार्न कैमरे प्रस्तावित किये गये हैं एवं महत्वपूर्ण/संवेदनशील क्षेत्रों में 688 पीआरवी के लिये वाहन पर Vehicle Mounted Camera लगवाये जायेंगे इससे किसी भी घटना के साक्ष्यह एकत्र करने एवं सही विवेचना करने में सहायता मिलेगी ।

अापात कालीन सेवा मुहैया कराना मुख्य उद्​देश्य

यूपी-112 की स्थापना प्रदेश के समस्त नागरिकों की सुरक्षा एवं संरक्षा के लिये त्वरित एकीकृत आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने के उद्देष्य से की गयी थी। इस परियोजना के क्रियान्वयन हेतु मेसर्स महिन्द्रा डिफेन्स सिस्टम लिमिटेड (MDSL) द्वारा इस परियोजना का संचालन 19.11.2016 से 2.11.2023 तक किया गया। 07.01.2023 को उक्त अनुबन्ध की समाप्ति की प्रत्याशा में, सेवा प्रदाता के लिए नयी निविदा आमंत्रित की गयी। विभिन्न चरणों में शीर्षस्थ स्तर पर लिये गये निर्णयों के आधार पर उक्त निविदा को दो भागों में क्रमशः सिस्टम इण्टीग्रेटर (SI) एवं काल सेन्टर सर्विस प्रावइडर (CCSP) में विभक्त्त कर जेम पोर्टल के माध्यम से आमंत्रित की गयी ।

जानिये अब कौन कंपनी ने संभाला है कार्यभार

समस्त वैधानिक प्रक्रियाओं का पालन सुनिनिश्चत करते हुए SI की निविदा में भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (BEL) एवं CCSP की निविदा में We Win Ltd. को L-1 पाया गया एवं शासन के अनुमोदनोपरान्त उक्त दोनो नये सेवा प्रदाताओं को LOI जारी किया गया। 02.09.2023 को MDSLका अनुबन्ध समाप्त हुआ एवं उपरोक्त BEL एवं We Win Ltd. ने अपना कार्यभार संभाला । वर्तमान में दोनो ही सेवा प्रदाता श्रम आयुक्ति, उत्तर प्रदेश द्वारा निर्धारित वेतन दर एवं अन्यन अनुमन्यम व सुसंगत अधिनियमों व नियमों के अधीन, सुचारू रूप से यूपी-112 को अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे है।

औसत रिस्पांस टाइम घटकर औसतन 9 मिनट 18 सेकेंड रह गया

वर्ष 2017 में यूपी-112 का औसत रिस्पांस टाइम 25 मिनट 42 सेकेण्ड था वह अब वर्ष 2023 में घटकर औसतन 9 मिनट 18 सेकेंड रह गया है । वर्ष 2018 में प्रदेश के सुदूर, दुर्गम एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जनमानस को त्वकरित पुलिस सहायता प्रदान किये जाने हेतु यूपी-112 की फ्लीट में 1600 दो पहिया पीआरवी वाहन शामिल किये गये। शासन के निर्देशानुसार महिला हेल्पूलाइन 1090, वीमेन एण्ड चाइल्ड हेल्पसलाइन 181, मेडिकल हेल्प2लाइन 108, जीआरपी, फायर सर्विसेज, स्मार्ट सिटी, लखनऊ एवं साइबर हेल्पसलाइन 1930 को यूपी-112 के साथ एकीकृत किया गया ।

दो हजार महिलाओं को रात्रि सहायता प्रदान की गई

इसके अतिरिक्त “सवेरा योजना” में लगभग 15 लाख 30 हजार वरिष्ठ नागरिकों का पंजीकरण किया जा चुका है एवं लगभग 2000 महिलाओं को “रात्रि स्कोर्ट सेवा” के माध्यम से सहायता प्रदान की जा चुकी है । यह काफी सराहनीय कदम माना जा रहा है। रिस्पांगस टाइम में इस उल्लेखनीय सुधार, फ्लीट में बढोत्तरी एवं त्वसरित कार्रवाई के फलस्व रूप वर्ष 2016 से 2022 तक, विभिन्ने अपराधों में एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार निम्न प्रकार से कमी आयी।

इन अपराधों में आयी कमी

डकैती के अपराध में वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2022 में 468 प्रतिशत कमी

लूट के अपराध में वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2022 में 202 प्रतिशत कमी

हत्या के अपराध में वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2022 में 59 प्रतिशत कमी

बलवा के अपराध में वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2022 में 123 प्रतिशत कमी

गृहभेदन के अपराध में वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2022 में 11 प्रतिशत कमी

फिरौती हेतु अपहरण के अपराध में वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2022 में 103 प्रतिशत कमी

महिला संबंधी अपराधों में भी कमी आयी

बलात्कार के अपराध में वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2022 में 77 प्रतिशत कमी

शीलभंग के अपराध में वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2022 में 17 प्रतिशत कमी

अपहरण के अपराध में वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2022 में 23 प्रतिशत कमी

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