लखनऊ । धोखाधड़ी एवं जालसाजी के मामले में आरोपित सचिवालय कर्मी राकेश कुमार श्रीवास्तव को आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन यूपी द्वारा मंगलवार को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इनके ऊपर 23 लाख रूपये से अधिक जालसाजी का आरोप था। जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद से ईअोडब्लू को काफी दिनों से इसकी तलाश थी जो अब जाकर सफलता मिली। हालांकि इसे शासन द्वारा बर्खास्त किया जा चुका था।

23 लाख रुपये से अधिक जालसाजी का था आरोप

राकेश कुमार श्रीवास्तव, तत्कालीन सहायक समीक्षा अधिकारी, सचिवालय प्रशासन अनुभाग-3 (अधि.) यूपी ने 5 अक्टूबर 2012 से 11 जून 2013- के मध्य अपनी नियुक्ति के दौरान शिकायतकर्ता अमित कुमार पाण्डेय से उसकी नार्दन इण्डिया इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. को अच्छा कार्य दिलाने के नाम पर भारतीय स्टेट बैंक सचिवालय शाखा लखनऊ, एक्सिस बैंक लखनऊ के खातों में शिकायतकर्ता से आईसीआईसीआई बैंक झण्डेवाला पार्क एक्सटेंशन दिल्ली के खाते तथा कोटक महेन्द्रा बैंक गुड़गांव, हरियाणा के खाता से आरोपित धनराशि का आदान प्रदान किये जाने तथा राकेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा उत्तर प्रदेश सचिवालय में कार्यरत रहने का अनुचित प्रभाव शिकायतकर्ता अमित कुमार पाण्डेय पर डालकर बैंक खातों में विभिन्न चरणों में कुल 23,40,000 रुपये (अपराध में निहित धनराशि) धोखाधड़ी करके प्राप्त किये।

मुहल्ला रामगढ़ थाना क्षेत्र कृष्णानगर से गिरफ्तार किया गया

इसी प्रकरण में प्रकरण मु.अ.सं.-2/19, धारा 420 भा.द.वि. एवं 13(2) भ्र.नि.अधि. 1988 थाना लखनऊ सेक्टर की विवेचना आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन उत्तर प्रदेश लखनऊ के मुख्यालय सेक्टर के निरीक्षक नरेन्द्र सिंह द्वारा सम्पादित की जा रही है।अभियुक्त राकेश कुमार श्रीवास्तव, तत्कालीन सहायक समीक्षा अधिकारी, सचिवालय प्रशासन (अधि.) अनु.-3 को मंगलवार को पुलिस अधीक्षक, मुख्यालय सेक्टर, ईओडब्लू लखनऊ के निर्देशन व पर्यवेक्षण में निरीक्षक नरेन्द्र सिंह व उ.नि. राजकुमार सिंह व स्थानीय थाना कृष्णानगर के आरक्षी शिवानन्द द्वारा मुहल्ला रामगढ़ थाना क्षेत्र कृष्णानगर, लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है।

गिरफ्तार अभियुक्त वर्ष 2020 से चल रहा था फरार

इनके विरूद्ध शासन से 18 जून 2020 को अभियोजन स्वीकृति प्राप्त हुई थी। तभी से इसकी गिरफ्तारी के लिए ईओडब्लू द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा था। उल्लेखनीय है कि अभियुक्त वर्ष 2020 से फरार चल रहा था व अपने मूल निवास स्थान से भिन्न-भिन्न स्थानों पर लुक-छिपकर रह रहा था। इसकी गिरफ्तारी गोपनीय सूत्रों से प्राप्त आसूचना के आधार पर आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन की टीम द्वारा की गयी है।

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