लखनऊ । यूपी एसटीएफ एवं वन विभाग के संयुक्त अभियान में वन्यजीवों की तस्करी करने वाले गैंग के सरगना को गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई। अभियुक्त का नाम अनिल कुमार पुत्र विजय कुमार निवासी ग्राम कोठिया थाना मझगयीं जनपद लखीमपुर खीरी है। विगत कुछ दिनों से राष्ट्रीय पशु बाघ के लिए सरंक्षित वन्य जीव अभ्यारणों से इन्हें मारकर इनकी खाल, हड्डी, नाखून इत्यादि की तस्करी करने वाले गैंगों के सदस्यों के जनपद लखीमपुर-खीरी व पीलीभीत के आस-पास सक्रिय होने की सूचना प्राप्त हो रही थी।

दो सदस्यों को एसटीएफ पहले कर चुकी है गिरफ्तार

इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था। इसी क्रम में एसटीएफ को मुखबिर द्वारा ज्ञात हुआ कि निघासन जनपद लखीमपुर खीरी के कुछ व्यक्ति एक टाइगर को मारकर उसकी खाल व नाखून बेच चुके हैं व अब उसकी हड्डियों को किसी नेपाली तस्कर को बेचने की फिराक में है। इस सूचना पर एसटीएफ की गठित टीम द्वारा इसी गैंग के दो सदस्यों को 30 सितंबर को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से राष्ट्रीय पशु बाघ (पैन्थेरा टिगरिस) की हड्डियों का ढांचा (स्कलटोन) की बरामदगी की गयी थी।

शक्तिवर्धक औषधियों के निर्माण में इनका किया जाता है प्रयोग

इसी क्रम में मुखबिर द्वारा प्राप्त सटीक सूचना पर एसटीएफ एवं वन विभाग की संयुक्त टीम द्वारा दबिश देकर टाइगर पोचर गैंग के सरगना अनिल को गिरफ्तार किया गया । गिरफ्तार अभियुक्त से पूछताछ पर बताया कि 30 सितंबर को बरामद किया गया राष्ट्रीय पशु बाघ (पैन्थेरा टिगरिस) की हड्डियों का ढांचा (स्कलटोन) की बिक्री नेपाल व चीन में होती है जहो इनकी हड्डियों का चूर्ण बनाकर इनसे विभिन्न प्रकार की शक्तिवर्धक औषधियों का निर्माण किया जाता है। बाघ के शिकार के सम्बन्ध में पूछताछ पर बताया कि बाघ के शिकार का काम हमलोग पीढ़ियों से करते आ रहे हैं, हम लोग बाघ के आने-जाने के स्थानों की रेकी करते हैं फिर उन रास्तों पर लोहे का बना एक कुढ़ा लगा देते हैं जहाँ गुजरने पर बाघ का पांव उस कुठे में फंस जाता है और बाघ की वहीं तड़प-तड़प कर मृत्यु हो जाती है ।

बाघ की हड्डी की चीन व नेपाल में करते हैं तस्करी

इसके बाद हम लोग मौका देखकर उनकी खाल, मांस हड्डी आदि को अलग-अलग कर छुपा देते हैं इसके उपरांत नेपाल व चीन के तस्करों से सम्बन्ध साधकर इनकी बिक्री कर पांच से 10 लाख रुपये कमा लेते हैं । तीस सितंबर को भी हम लोग बाघ की हड्डियों को बेचने जा रहे थे कि एसटीएफ टीम द्वारा मेरे साथियों को पकड़ लिए गया था। बरामद टाइगर की हड्डी उसी टाइगर की है जिसे हम लोगों ने कुछ महीनों पूर्व जंगल में लोहे का कुड़का लगाकर शिकार किया गया था। जिसकी खाल व नाखून हम लोग पहले ही नेपाल के तस्करों को बेच चुके हैं। गिरफ्तार अभियुक्त के विरुद्ध अग्रिम विधिक कार्रवाई प्रभागीय वन अधिकारी वन रेंज माला पीलीभीत के स्तर से सम्पादित की जायेगी।

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