लखनऊ । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आयी है। यहां पर एक किशोरी का अपहरण करने के बाद चार युवकों ने उसके साथ चलती कार में सामूहिक दुष्कर्म किया। किशोरी उनकी चंगुल से किसी तरह छूटने के बाद थाने पहुंची तो पुलिस मामले को गंभीरता पूर्वक से नहीं लिया। जिसकी वजह से आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं हो पाया। इतनी बड़ी लापरवाही उजागर होने पर एसपी ने इंस्पेक्टर, दरोगा और महिला सिपाही को निलंबित कर दिया है। अब घटना के 14 दिन बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी इस घटना में शामिल अन्य की पहचान करने के लिए पूछताछ की जा रही है।
14 दिन थाने का चक्कर काटने के बाद दर्ज हुआ मुकदमा
यहां बता दें कि किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में मुकदमा दर्ज कराने के लिए पीड़ित परिवार थाने का चक्कर काटता रहा लेकिन उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। ऐसे में 14 दिन बाद सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने आनन-फानन में कार्रवाई की है।
एसपी ने लापरवाह इंस्पेक्टर, दरोगा और महिला सिपाही को निलंबित कर दिया है। वहीं सोमवार को पूरे दिन पीड़ित किशोरी और घरवालों को पुलिस थाने पर बैठाई रही।थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली किशोरी को गांव का एक युवक नौ सितंबर को दोपहर में करीब एक बजे बहला फुसलाकर भगा ले गया। उस वक्त किशोरी घर पर अकेली थी। गांव की यज्ञशाला के पास बागीचे में किशोरी को रखा था।
घर वाले दरिंदों के खिलाफ कार्रवाई की करते रहे मांग
10 सितंबर को अपने तीन दोस्तों के साथ कार में किशोरी को लेकर हाइवे पर पूरे दिन घूमता रहा और दोस्तों ने चलती कार में किशोरी के साथ गैंगरेप किया। इसके बाद किशोरी किसी तरह से वहां से भाग निकली और घर आकर पहुंच गई। परिजन उसकी हालत को देखते हुए उसी दिन रात करीब आठ बजे किशोरी को लेकर युवक थाने में पहुंचा। घरवालों को पुलिस बुलाकर सुपुर्दगी में देना चाही। घरवाले दरिंदों पर कार्रवाई की मांग करते हुए किशोरी को घर ले जाने से इन्कार कर दिए। पूरी रात किशोरी थाने में रात गुजारी। 11 सिंतबर को दोपहर करीब एक बजे गांव में पूर्व प्रधान के दरवाजे पर पुलिस किशोरी को लेकर पहुंची।
एसपी ने इंस्पेक्टर, दरोगा व महिला सिपाही को किया निलंबित
इसमें हैरान करने वाली बात यह है कि एक तो पुलिस इस मामले में कार्रवाई नहीं की। ऊपर से पंचायत दबाव बनाकर किशोरी के घरवालों को पुलिस की मौजूदगी में सौंप दिया गया, लेकिन परिजन नहीं माने और लगातार थाने पर कार्रवाई के लिए पहुंचते रहे। बीच में घरवालों ने एसपी से भी मिलकर कार्रवाई की मांग की थी। बावजूद थानेदार विनय कुमार सिंह टरकाता रहा।
रविवार की देर शाम को सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने गांव के क्यामुद्दीन, जहांगीर, सिकंदर और एक अज्ञात पर गैंगरेप, अपहरण और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। आरोपियों पर कार्रवाई में लापरवाही बरतने वाले इंस्पेक्टर विनय कुमार सिंह, दरोगा मंगेश मिश्रा और महिला सिपाही अंतिमा सिंह को एसपी ने निलंबित कर दिया। इस पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही उजागर हुई है।