लखनऊ । यूपी एसटीएफ को थाना गंगानगर, जनपद मेरठ क्षेत्र से सेना का कर्नल बताकर अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर भारतीय सेना में भर्ती कराने के नाम पर धोखाधड़ी करने वालें गिरोह के सरगना व शातिर अपराधी को कसेरू बक्सर मेरठ से गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई। गिरफ्तार अभियुक्त का नाम सत्यपाल सिंह यादव पुत्र करन सिंह यादव ग्राम ईशापुर, थाना गुलावठी बुलन्दशहर हाल निवासी कसेरू बक्सर, अम्हेडा रोड, मेरठ है। इसके कब्जे से एक वर्दी भारतीय सेना के कर्नल रैंक की, आठ आईडी कार्ड, दो मोबाइल फोन, पांच रबड़ मोहर, एक प्रिन्टर, पांच ज्वानिंग लेटर सेना एलडीसी क्लर्क, 38 स्पीट पोस्ट स्लिप बरामद हुआ है।

काफी दिनों से एसटीएफ को फर्जी भर्ती करने की मिल रही थी सूचना

एसटीएफ को भारतीय सेना में अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर फर्जी तरीके से भर्ती कराने के सम्बन्ध में सूचना प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में फर्जी तरीके से भर्ती कराने वाले गिरोह के सरगना एंव सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ की इकइयों व टीमों को अभिसूचना संकलन कर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था। इसी क्रम में बृजेश कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ फील्ड यूनिट मेरठ के पर्यवेक्षण में एसटीएफ फील्ड इकाई, मेरठ द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्रवाई की जा रही थी।

उपरोक्त के क्रम में एसटीएफ फील्ड इकाई, मेरठ को आर्मी इंटलिजेंस मेरठ एंव अभिसूचा संकलन के माध्यम से ज्ञात हुआ कि अम्हेडा रोड कसेरू बक्सर में सत्यपाल नाम का व्यक्ति जो भारतीय सेना का रिटायर्ड है तथा अपने आपको सेना का कर्नल बताकर अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर भारतीय सेना में भर्ती कराने के नाम पर काफी अभ्यर्थियों के साथ धोखाधड़ी कर चुका है।आज अपने घर में कुछ लोगों को भर्ती कराने की बात कर रहा है।

एलडीसी क्लर्क की भर्ती के लिए दिये थे 16 लाख

इस सूचना पर निरीक्षक रविन्द्र कुमार के नेतृत्व में उप निरीक्षक दुर्वेश डबास, उ.नि. संजय सिंह, हे.कां. प्रमोद कुमार, हे.कां. विकास धामा एवं हे. कां. विनय कुमार की टीम अम्बेडा रोड कसेरू बक्सर स्थित सत्यपाल सिंह यादव के मकान पर पहुंची तो गेट का दरवाजा खुला था तथा घर के अन्दर से दो लड़के आते हुए मिले।

जिनसे नाम पता पूछा तो पहले ने अपना नाम जितेन्द्र सिंह पुत्र दिनेश कुमार निवासी मीनाक्षीपुरम, थाना गंगानगर, मेरठ व दूसरे ने अपना नाम सुनील कुमार पुत्र दिनेश कुमार निवासी उपरोक्त बताया। सत्यपाल के घर पर आने का कारण पूछा तो सुनील ने बताया कि सत्यपाल सिंह यादव ने उसे व उसकी बहन को भारतीय सेना में एलडीसी क्लर्क के पद पर भर्ती कराने के नाम पर 16 लाख रुपये करीब दो साल पहले लिए थे।

माह मई में उसके व उसकी बहन के नाम से ज्वाईनिंग लेटर स्पीड पोस्ट से उसके पैतृक निवास ग्राम- इस्माईलपुर, तहसील सिकन्द्राबाद, जनपद बुलन्दशहर प्राप्त हुये। जिसमें सात मई को रिक्रूरूटमेंट आफिस एमजी रोड लखनऊ केंट-दो में ज्वाईनिंग करने के लिए लिखा गया था। इस पर वह और उसकी बहन पूनम सात मई 2023 को ज्वानिंग करने के लिये गये तो वहां इस नाम का कोई आफिस नहीं था।

कर्नल की वर्दी पहनकर कुर्सी पर मिला बैठा

फिर उन्होंने आर्मी एएमसी हैड क्वार्टर लखनऊ जाकर जानकारी की गई तो वहां पर मौजूद आर्मी वालों ने बताया कि इस नाम का यहां पर कोई भी हैड क्वार्टर नहीं है, यह ज्वानिंग लेटर फर्जी है तथा आपके साथ किसी ने धोखा किया है। आज वह लोग इसी सम्बन्ध में बात करने आये थे। तत्पश्चात एसटीएफ टीम घर के अन्दर गयी तो ड्राईगं रूम में एक व्यक्ति भारतीय सेना के कर्नल की वर्दी पहने बैठा मिला तथा नेम प्लेट पर डीएस चौहान अंकित है।

यह व्यक्ति दाहिनी पेर से पैरालाईसिज है। अपना परिचय देकर पूछताछ की गई तो उसने बताया कि मैं भारतीय सेना में कर्नल हूं तथा मेडीकल पर चल रहा हूॅ। साथ में आये लड़कों के बारे में पूछा कि क्या आप इन्हें जानते हो तो उसने कहा कि हां मैं इन्हें जानता हॅू। तदोपरान्त सत्यपाल सिंह यादव उपरोक्त को गिरफ्तार करते हुए उपरोक्तानुसार बरामदगी की गयी।

भारतीय सेना में भर्ती केंद्र का कर्नल बताकर वसूल रहा था मोटी रकम

गिरफ्तार अभियुक्त ने संक्षिप्त पूछताछ पर बताया कि उसका असली नाम सत्यपाल सिंह यादव पुत्र करनसिंह यादव निवासी ग्राम ईशापुर, थाना गुलावठी, जनपद बुलन्दशहर है तथा वर्तमान में मकान नंबर 587 कसेरू बक्सर, अम्हेडा रोड, मेरठ में रह रहा है। वह भारतीय सेना वर्ष-1985 में भर्ती हुआ था तथा वर्ष-2003 में नायक एमटी (ड्राईवर) के पद से रिटायर्ड हुआ है। उसकी शिक्षा 10वीं फेल है।

रिटायर्ड होने के करीब तीन साल बाद उसे पैरालाईसिस हो गया था। सुनील कुमार उपरोक्त द्वारा उपलब्ध कराये गये ज्वानिंग लेटर के बारे में पूछताछ की तो बताया कि उसके लड़के रजत उर्फ देवेन्द्र व प्रशांत लेपटाॅप पर टाईप कर प्रिंट निकालते है तथा वही ज्वानिंग लेटर विभिन्न जगहों से सम्बन्धित अभ्यार्थियों को उनके पते पर स्पीड पोस्ट करते हैं। वह अपने आपको भारतीय सेना में भर्ती केन्द्र का कर्नल बताकर लड़कों से उन्हें भारतीय सेना में भर्ती कराने के नाम पर मोटी रकम वसूल करता है।

प्रत्येक अभ्यार्थी से सात से नौ लाख रुपये लेते थे

रजत उर्फ देवेन्द्र व प्रशांत के बारे में पूछताछ पर बताया कि वह लखनऊ किसी काम से गये हुये है तथा जिस लैपटाॅप पर वह लेटर टाईप करते हैं उन्हीं के पास है। वह व उसके दोनों लड़के भारतीय सेना में भर्ती कराने के नाम पर प्रत्येक अभ्यार्थी से 7 लाख से लेकर 9 लाख रूपये तक लेते हैं। वह यह काम लगभग वर्ष-2016 से लगातार कर रहे हैं।

इसी प्रकार के एक फर्जी वाडे के मामले में उसके दोनों लडकों के विरूद्ध वर्ष-2019 में थाना इंचैली जनपद मेरठ पर भी अभियोग संख्याः 97/2019 धारा 420, 406, 506 भादवि पंजीकृत हुआ था, जिसमें उसेे भी आरोपी बनाया गया था। गिरफ्तार अभियुक्त उपरोक्त के पुत्र रजत उर्फ देवेन्द्र व प्रशांत की गिरफ्तारी हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। गिरफ्तार अभियुक्त सत्यपाल सिंह यादव उपरोक्त के विरूद्ध थाना गंगानगर जनपद मेरठ पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।

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