लखनऊ। पुणे-दानापुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस से घर जा रही है एक महिला को यात्रा के दौरान प्रसव पीड़ा होने लगी। वो ट्रेन में ही दर्द से चीखने लगी तो ट्रेन को बिना स्टापेज के ही शंकरगढ़ में रोक दिया गया। स्टेशन से एंबुलेंस के जरिए महिलाओं को एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां उसने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया है।बिहार के बस्तर जिले की रहने वाली 20 वर्षीय तरन्नुम अपने पति के साथ पुणे से घर जा रही थी।
पुणे से पति के संग पुणे-दानापुर सुपरफास्ट से बिहार जा रही थी महिला
वह पुणे-दानापुर एक्सप्रेस (12149) के स्लीपर कोच एस-वन मैं बैठी थी। मानिकपुर रेलवे स्टेशन पहुंचने से पहले तरन्नुम को अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी। कुछ देर तक तो पति के साहस देने पर वह खुद को संभालती रही लेकिन कुछ देर बाद जब वह दर्द से चीखने लगी तो पति ने उसकी सूचना टिकट चेकिंग स्टाफ को दी। जबलपुर कंट्रोल रूम से मदद के लिए प्रयागराज कमर्शियल कंट्रोल रूम से संपर्क किया गया। महिला की स्थिति को बताने के बाद तत्काल नजदीकी स्टेशन पर एंबुलेंस व प्राथमिक स्वास्थ्य की व्यवस्था करने की रणनीति बनी।
अस्पताल में महिला ने बच्ची को दिया जन्म
ट्रेन मानिकपुर रेलवे स्टेशन से आगे बढ़ चुकी थी । तय हुआ कि शंकरगढ़ रेलवे स्टेशन पर स्टापेज ना होने के बावजूद भी इस ट्रेन को रोका जाएगा और वहां से महिला को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। रात 7.22 बजे ट्रेन शंकरगढ़ स्टेशन पर रुकी तो वहां पहले से ही तैयार एंबुलेंस से महिला को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। रात 8.45 बजे महिला ने नार्मल डिलीवरी से बच्ची को जन्म दिया। दोनों स्वस्थ हैं। रेल प्रशासन द्वारा तत्काल मदद मुहैया कराए जाने पर दोनों ने खूब धन्यवाद दिया।