सौरभ जासवाल, लखनऊ । एसटीएफ उत्तर प्रदेश को विगत काफी समय से मल्टीलेवल मार्केटिंग के माध्यम से जनता से अरबों रूपये की ठगी करने वाले संगठित गिरोह की सचूनाएं प्राप्त हो रही थीं। जिसके परिप्रेक्ष्य मे लाल प्रताप सिंह, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ लखनऊ के पर्यवेक्षण में एसटीएफ मुख्यालय में स्थित टीम को अभिसूचना संकलन एवं कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था। इसी क्रम में टीम द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्रवाई प्रारम्भ की गयी तथा अभिसूचना तन्त्र को सक्रिय किया गया।

एसटीएफ की टीम काफी दिन से महिला की कर रही थी तलाश

अभिसूचना संकलन के माध्यम से ज्ञात हुआ कि हैलोराइड लिमिटेड, इनफिनिटी वर्ड इफ्रावेंचर लिमिटेड व ओजोन इनफिनिटी वर्ड एग्रो प्रोड्यूसर लिमिटेड नाम की कम्पनियां बनाकर जनता से अरबों रूपये की ठगी करने वाले कम्पनियों की डायरेक्टर व मास्टरमाइंड जो लखनऊ व विभिन्न जनपदों में 23 मुकदमों मे चार वर्षों से वांछित चल रही है जो लखनऊ के मानक नगर इलाके में मौजूद है।

इस सूचना पर निरीक्षक अंजनी कुमार तिवारी के नेतृत्व में मुख्य आरक्षी विनोद सिंह, प्रभाकर पाण्डेय, रणधीर सिंह, गौरव सिंह, प्रशान्त सिंह व आरक्षी शेरबहादुर एसटीएफ की टीम द्वारा विशेष आर्थिक अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) उ.प्र. की टीम को साथ लेकर ज्ञात स्थान से वांछित अभियुक्ता नीलम वर्मा को 29 जुलाई को बहादुरखेड़ा थाना मानकनगर से गिरफ्तार कर लिया गया।

कई फर्जी कंपनी बनाकर खुद बनी डायरेक्टर और करती थी यह काम

पूछताछ में नीलम वर्मा ने बताया कि अभय कुशवाहा ने वर्ष 2013 मे इनफिनिटी वर्ड इफ्रावेंचर लि. कम्पनी बनायी थी, जो रियल स्टेट में काम करती थी । इस कम्पनी में सस्ते प्लाट देने के नाम पर किस्त के रूप में रूपया जमा किया जाता था। इस कम्पनी के डायरेक्टर अभय कुशवाहा, राजेश पाण्डेय, निखिल कुशवाहा, आजम सिद्दीकी व शकील अहमद खान थे, जिसमें वह डायरेक्टर थी।

इसके बाद हम लोगों ने वर्ष-2017 मे ओजोन इनफिनिटी वर्ड एग्रो प्रोड्यूसर लि. नाम की कम्पनी बनायी इस कम्पनी में वह, अभय कुशवाहा, राजेश पाण्डेय, निखिल कुशवाहा, आजम सिद्दीकी व शकील अहमद खान डायरेक्टर थे। यह कम्पनी कम समय मे धन दोगुना करने का लालच देकर लोगों से रूपया जमा कराती थी। इसके बाद हम लोगों ने वर्ष-2018 में हैलोराइड लि. नामक कम्पनी बनायी। जिसमें वह, अभय कुशवाहा, राजेश पाण्डेय, निखिल कुशवाहा, आजम सिद्दीकी व शकील अहमद खान डायरेक्टर थे, इसका आफिस साइबर हाइट्स विभूति खण्ड में आठवे तल पर था।

बाइक टैक्सी चलाने के नाम पर भी खोल रखी थी कंपनी

यह कम्पनी बाइक टैक्सी चलाने के नाम पर ग्राहकों से 61,000 रुपये जमा करने के बदले प्रति माह 9,582 प्रतिमाह 12 माह तक देने का प्रलोभन देकर रूपया जमा कराती थी। कम्पनी में रूपया जमा कराने के लिए सात टीमे बनायी गयी थी, इन टीमों के लगभग 150 लोग काम करते थे, जिसमें प्रेसिडेंट अपनी टीमों के माध्यम से रूपया जमा करते थे, जिसका उनको लगभग 15 प्रतिशत कमीशन दिया जाता था। इस कम्पनी में वह ग्राहकों से एग्रीमेंट करने का काम करती थी। इन कम्पनियों में जब लगभग 100 करोड़ रूपये जमा हो गया, तो कम्पनी ने ग्राहकों को पेमेंट देना बंद कर दिया, जिसके कारण किसी ग्राहक ने थाना विभूतिखण्ड मे मुकदमा पंजीकृत करा दिया।

उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार व पंजाब में खोल रखी थी आफिस

जिससे अभय कुशवाहा को मार्च 2019 में विभूतिखण्ड पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जेल में लगभग 3 महीने रहने के बाद अभय कुशवाहा की जमानत हो गयी। कुछ समय बाद पुनः अभय कुशवाहा जेल चला गया, जो वर्तमान समय में जेल में निरूद्ध है। वर्ष-2019 से अब तक कम्पनी व हम लोगों पर सैकड़ों मुकदमे पंजीकृत हो गये, तब से वह फरार थी। हमारी कम्पनी के आफिस लखनऊ, फतेहपुर, नोएडा (उ.प्र.), मुजफ्फरपुर (बिहार), मोहाली, पठानकोट, जीरकपुर (पंजाब), आदि जगह थे।

अब तक सौ करोड़ रुपये की कर चुकी है ठगी

उल्लेखनीय है कि एसटीएफ उत्तर प्रदेश की टीम द्वारा वर्ष-2019 मे निखिल कुशवाहा, मोहम्मद आजम अली व वर्ष-2021 में राजेश पाण्डेय को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, जो वर्तमान समय में भी जेल में निरूद्ध है। इस गिरोह का जाल दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, मध्य प्रदेश आदि राज्यों मे फैला हुआ है। गिरफ्तार अभियुक्ता की अन्य अपराधिक गतिविधियों एवं बैंक का एकाउन्ट डिटेल प्राप्त करके कुल धोखााधड़ी के सम्बन्ध में जानकारी की जा रही है। अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार इस गैंग द्वारा लगभग 100 करोड़ रूपये की ठगी की जा चुकी है। अभियुक्ता को थाना विभूति खण्ड लखनऊ में पंजीकृत मुकमदा व अन्य 22 मुकदमों में दाखिल कर अग्रेतर कार्रवाई विशेष आर्थिक अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) उप्र द्वारा की जायेगी।

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