लखनऊ । कोर्ट के अंदर माफिया संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या के मामले में पुलिस ने सुरक्षा में चूक की बात को स्वीकार करते हुए कार्रवाई शुरू कर दिया है। इसी क्रम में गुरुवार देर रात चार हेड कांस्टेबल व दो कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया। बताया जा रहा है कि शुरुआती जांच में इनकी लापरवाही का दावा किया गया है। इनकी कोर्ट परिसर के अलग-अलग गेट पर ड्यूटी थी। वहीं, इतनी बड़ी वारदात में केवल हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल को जिम्मेदार ठहराया गया है।

सिर्फ अभी सिपाहियों पर की गई कार्रवाई

इस पूरे मामले में वास्तव में जो जिम्मेदार है उनके खिलाफ शुरूआती दौर में कार्रवाई न करके छोटे जिम्मेदारों पर गाज गिरी है। जबकि सबसे पहले बड़े जिम्मेदार पर कार्रवाई होने चाहिए। चूंकि यह हम इसलिए कह रहे है कि क्योंकि हमलावर विजय यादव कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था भेदते हुए रिवॉल्वर के साथ आसानी से कोर्ट रूम तक पहुंच गया।कोर्ट एक महत्वपूर्ण स्थान है लिहाजा सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़े अफसर भी जिम्मेदार होते हैं। मगर कार्रवाई सिर्फ सिपाहियों पर हुई। इस पर सवाल उठता है कि कोर्ट की सुरक्षा के लिए क्या सिर्फ ये चंद सिपाही जिम्मेदार थे। हेड कांस्टेबल सुनील दुबे, मो. खालिद, अनिल सिंह, सुनील श्रीवास्तव और कांस्टेबल निधि देवी व धर्मेंद्र, इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।

कोर्ट के अंदर बुधवार को अपराधी संजीव जीवा की हुई थी हत्या

लखनऊ के एससीएसटी कोर्ट रूम में बुधवार दोपहर बाद मुख्तार अंसारी के बेहद करीबी कुख्यात अपराधी संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा (50) की हत्या कर दी गई। वकील के लिबास में आए हमलावर ने कोर्ट रूम में ही रिवॉल्वर से ताबड़तोड़ छह राउंड फायरिंग की। इस दौरान दो पुलिसकर्मियों, एक डेढ़ साल की बच्ची व उसकी मां को भी गोली लगी। जीवा पर हमलावर ने पीछे से फायरिंग की। वारदात के बाद वकीलों ने दौड़कर हमलावर को दबोच लिया और पीटकर पुलिस को सौंप दिया। घायलों को ट्रामा में भर्ती कराया गया है।

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