लखनऊ। कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट, लखनऊ में पहली बार माइक्रोवैस्कुलर सर्जरी की गई है। कैंसर से ग्रस्त जीभ के हिस्से को काट कर अलग किया गया तथा फ्री रेडियल आर्टरी फोरआर्म फ्लैप से सात सेंटीमीटर की जीभ का पुनर्निर्माण करते हुए कटे हुए हिस्से में वापस जोड़ा गया। मरीज अब तेजी से स्वास्थ्य लाभ कर रहा है।

रोगी को चार माह से जीभ में अल्सर की शिकायत थी

प्राथमिक ट्यूमर (कैंसरग्रस्त जीभ) का रिसेक्शन डॉ इंदु शुक्ला, सहायक प्रोफेसर, ईएनटी द्वारा किया गया और बांह के मांस से जीभ की पुनर्निर्माण सर्जरी डॉ मुक्ता वर्मा, सहायक प्रोफेसर, प्लास्टिक और रीकन्स्ट्रक्टिव सर्जरी द्वारा की गई। 6 अप्रैल को केएसएससीआई की ईएनटी ओपीडी में फैजाबाद निवासी 56 वर्षीय रोगी ओपीडी में आया, रोगी को लगभग 4 महीने से अल्सर और जीभ के बाएं किनारे पर दर्द की शिकायत थी।

टाइप 2 डायबिटीज और लिवर रोग से भी पीड़ित है रोगी

हिस्टोपैथोलॉजी जांच से स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा के रूप में रोग की पुष्टि हुई और उन्हें जीभ के कैंसर के मामले के रूप में निदान किया गया। इसके बाद सर्जरी प्लान की गयी तथा 27 अप्रैल को मरीज का ऑपरेशन किया गया। फ्री रेडियल आर्टरी फोरआर्म फ्लैप (माइक्रोवैस्कुलर तकनीक) की मदद से जीभ को फिर से बनाया गया। बताया गया है कि अल्कोहल का सेवन और धूम्रपान करने वाला यह रोगी टाइप 2 डायबिटीज और लिवर रोग से भी पीड़ित है। आज ऑपरेशन के बाद का पांचवा दिन है। मरीज अब स्वस्थ है। सर्जरी करने वाली टीम में डॉ मुक्ता वर्मा, डॉ इंदु शुक्ला के अलावा रेजीडेंट ईएनटी डॉ अर्चना और ओटी स्टाफ ऋ चा शामिल रहीं।

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