लखनऊ । प्रयागराज के मेडिकल कालेज के पास माफिया अतीक अहमद और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई। तीन हमलावरों ने दोनों को मारी गोली। मौके पर पुलिस तीनों हत्यारों को हिरासत में ले लिया है। यह सारा घटनाक्रम पुलिस की आंखों के सामने हुआ। अतीक और अशरफ को मेडिकल परीक्षण के लिए लाया जा रहा था। पुलिस की कस्टडी में दोनों की हत्या किये जाने के बाद पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवालियां निशान लग गया है। वहीं गोलीबारी में एक सिपाही भी घायल होने की सूचना है।
मीडिया को बयान देते समय मारी गई गोली
अतीक व अशरफ पर उस समय गोली मारी गई जब वह मीडिया को अपना बयान दे रहे थे। उसी समय उन दोनों के ऊपर ताबड़तोड फायरिंग कर हत्या कर दी गई है।दोनों को पांच दिनों की रिमांड पर लाया गया था। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही थी। इसी बीच मेडिकल कॉलेज के पास दोनों की हत्या कर दी गई। बताया जा रहा है कि पहली गोली अतीक को लगती है। बाद में दोनों को आनन-फानन स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मौके से तीन पिस्टल व छह खोखे मिले हैं।
रूटीन मेडिकल चेकअप के लिए कॉल्विन अस्पताल ले जाया जा रहा था
उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ चार दिन की पुलिस कस्टडी में थे। शनिवार को तीसरे दिन धूमनगंज थाने के लॉकअप में बंद अतीक व अशरफ से एटीएस ने हथियार तस्करी की बाबत पूछताछ की थी। रात लगभग साढ़े दस बजे जब दोनों को रूटीन मेडिकल चेकअप के लिए कॉल्विन अस्पताल ले जाया जा रहा था। तभी मीडियाकर्मी बनकर तीन बदमाश बाइक से आए और ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू कर दी।बताया जा रहा है तीनों बदमाशों ने हत्याकांड को अंजाम देने के बाद धार्मिक नारे भी लगाए और पिस्टल फेंक कर सरेंडर कर दिया। घायल सिपाही धूमनगंज थाने में तैनात मानसिंह है। उसके हाथ में छर्रे लगे हैं।
अतीक अहमद की हत्या पर सपा प्रमुख अखिलेश की प्रतिक्रिया
अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘उत्तर प्रदेश में अपराध की पराकाष्ठा हो गयी है और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसीकी हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या. इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं।