प्रयागराज। किन्नर अखाड़ा की ओर से ट्रांसजेंडर डे पर आज सिविल लाइन के हनुमान मंदिर से सुभाष चौराहे तक जागरूकता रैली निकाली गई। इस दौरान सभी किन्नर व ट्रांसजेंडरों के हाथ में नारों से लिखी हुई बैनर और होर्डिंग्स लिए थे। वह लोगों को अपने प्रति जागरूक करते हुए सरकार से राजनीतिक सहभागिता की भी मांग कर रहे थे। जिससे कि वह समाज में सम्मान के साथ लोगों के बीच में रह सके।
सम्मान तो मिला, अब अधिकार चाहिए
जागरूकता रैली में उत्तर प्रदेश किन्नर वेलफेयर बोर्ड की वरिष्ठ सदस्य और किन्नर अखाड़ा की प्रदेश अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्या नंद गिरी (टीना मा) और प्रयागराज की महामंडलेश्वर स्वामी कल्याणी नंद गिरी (छोटी गुरुमा) सहित बड़ी संख्या में किन्नर व टांसजेंडर शामिल हुए। सभी ने एक स्वर में प्रदेश सरकार से मांग किया कि समाज किन्नर व टांसजेण्डरों को सम्मान दे रहा है ऐसे में सरकार उनको राजनीति में शामिल करके जनप्रतिनिधित्व का अधिकार देते हुए राजनीतिक रूप से भागीदारी सुनिश्चित करें जिससे कि वह अपनी समस्याओं का निस्तारण कर सके।कहा कि वह आम लोगों की तरह आम लोगों के बीच में सम्मान सहित रहकर जीवन निर्वहन कर सकें ।
अब उनको राजनीतिक रूप से भी अधिकार दिया जाए
उत्तर प्रदेश किन्नर कल्याण बोर्ड की वरिष्ठ सदस्य और किन्नर अखाड़ा उत्तर प्रदेश की प्रदेश अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्यानंद गिरि महाराज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का नाश्ला जजमेंट आज ही के दिन आया था इससे किन्नर व ट्रांसजेंडर अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के नाश्ला जजमेंट से किन्नर व टांसजेण्डरों को तीसरे का दर्जा भी मिला था। उन्होंने कहा कि समाज में रहने का अधिकार तो मिल गया है अब उनको राजनीतिक रूप से भी अधिकार दिया जाए। जिससे कि किन्नर व ट्रांसजेंडर भी समाज में समान रूप से अधिकार प्राप्त कर के सम्मान के साथ रह सके।
किन्नरों व टांसजेण्डरों के लिये विशेष योजनाएं बनाकर लागू करें
किन्नर अखाड़ा प्रयागराज की महामंडलेश्वर स्वामी कल्याणी नंद गिरि ने कहा कि सरकार को चाहिए कि किन्नरों व टांसजेण्डरों के लिये विशेष योजनाएं बनाकर लागू करें। जिससे कि उनको कोई परेशानी न हो सके। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा जरूरी है कि किन्नर व ट्रांसजेंडरों को राजनीतिक सहभागिता भी दी जाए। जिससे कि वह अपनी बातें समाज में रख सकें और वह लोग सम्मान के साथ समाज में रह सके। जागरूकता रैली में किन्नर अखाड़ा की महंत वैष्णवी नंद गिरी, महंत संजना नंदगिरी, राधिका, नैना, शोभा, दुर्गा, रानी, सुनीता, संध्या, मनीषा, सुषमा, सृष्टि सहित बड़ी संख्या में किन्नर व ट्रांसजेंडर और बड़ी संख्या में शिष्य शामिल हुए।