लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि प्रदेश की शांति व्यवस्था को भंग करने एवं राष्ट्रीय सम्पत्ति को नुकसान पहुचाने तथा आमजन को मुसीबत में डालने वाले विद्युत कर्मियों के खिलाफ ऊर्जा विभाग ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। हड़ताल करने वाले ऐसे 22 कर्मचारियों पर एस्मा के तहत कार्रवाई की गयी है। अभी तक 29 कार्मिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुयी है। 06 कर्मियों को सस्पेन्ड कर दिया गया है और उनको लखनऊ के बाहर भेजने के निर्देश दिये गये। हड़ताल में शामिल होने और कार्य न करने पर 1332 संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है।
कार्य पर वापस न आने पर ऐसे हजारों कर्मिकों होगें बर्खास्त
ऊर्जा मंत्री ने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को चार घंटे की मौहलत और दी गयी है। कार्य पर वापस न आने वाले ऐसे हजारों कर्मिकों को आज रात ही बर्खास्त किया जायेगा। किसी को नौकरी आसानी से नहीं मिलती है। इनके परिवार को भी इसकी चिन्ता करनी चाहिये। ऐसी खाली जगहों को भरने, विद्युत व्यवस्था की सुचारू बहाली एवं निर्वाध आपूर्ति के लिये शीघ्र ही आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग पास अभ्यर्थियों की शीघ्र भर्ती की तैयारी की जायेगी। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा आज शक्ति भवन में विद्युत कर्मियों की हड़ताल से उत्पन्न परिस्थितियों एवं अब तक की गयी कार्यवाही के संबंध में प्रेस वार्ता कर जानकारी दे रहे थे।
बिजली आपूर्ति में बाधा डालने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये है कि बिजली आपूर्ति में बाधा डालने वाले तथा आराजकता पैदा करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाये। जन सामान्य को कोई परेशानी न हो इसलिये निर्वाध विद्युत आपूर्ति में कोई समझौता न किया जाये। उन्होने कहा कि विद्युत जैसी आवश्यक सेवा को बाधित करने पर बहाली के लिये हाईकोर्ट के आदेशों को भी 24 घंटे से अधिक का समय हो गया है। इसके बाबजूद भी हाईकोर्ट एवं सरकार के आदेश को न मानने वाले तथा कानून को हाथ में लेने वाले विद्युत संघर्ष समिति के पदाधिकारियों एवं अन्य हड़ताल करने वाले कार्मिकों को चिन्हित करने के लिये सभी मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों तथा पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिये गये है। ऐसे कार्मिकों एवं उपद्रवियों के खिलाफ सख्त दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।
कुछ संगठन के इशारे पर हड़ताल कर रहे बिजली कर्मचारी
एके शर्मा ने कहा कि विगत 05 दिनों से बिजली कर्मियों के कुछ संगठन के इशारे पर कर्मचारी हड़ताल एवं कार्य बहिष्कार कर रहे हैं। हड़ताल के बावजूद विद्युत व्यवस्था सामान्य है। अबतक आमजन के हितों में इसका ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है। हमने हड़ताली संगठनों एवं कार्मिकों के साथ बार-बार वार्ता की। लेकिन अपनी हटधर्मिता के कारण उन्होने हमारी बात अनसुनी कर दी और राष्ट्रहित एवं जनहित के मामलों में भी अपने कृत्यों से संवेदनहीनता दिखायी। विद्यार्थियों की पढ़ाई, जनता की परेशानी, मार्च में राजस्व की वसूली, रिवैम्प योजना की कार्यों में अवरोध की उन्होने बिल्कुल चिंता नहीं की।
हड़ताल का आमजन के जीवन में अभी कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि विद्युत कर्मियों के हड़ताल का आमजन के जीवन में कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा है। विद्युत सम्पत्ति को क्षतिग्रस्त करना राष्ट्रीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसा है। कोई जनता की सम्पत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा सकता। पावर कारपोरेशन 01 लाख करोड़ रूपये के घाटे में है, करीब 80 हजार करोड़ रूपये का लोन भी है। फिर भी हम विद्युत कर्मचारियो के हित में व्यापक फैसले ले रहे है। उनकी मांगों को भी पूरा करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन विद्युत कर्मियों के अव्यवाहारिक, बेबुनियाद एवं राष्ट्र व जन विरोधी हड़ताल को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जायेगा।