लखनऊ। कैसरबाग क्षेत्र में उस समय अफरातफरी मच गई जब एक बस चालक अवध डिपो वर्कशाप स्थित एक टावर पर चढ़ गया और वहां से कूदकर आत्महत्या की धमकी देने लगा। कहा कि वह रोडवेज के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कार्यशैली से परेशान हो गया है। इसकी जानकारी विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को लगी तो हड़कंप मच गया और उसे मनाने के लिए मोबाइल टावर के पास पहुंचे। यह हाई वोल्टेज ड्रामा करीब छह घंटे चला । आखिरकार जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने उसे मना लिया और छह घंटे बाद बस चालक टावर से नीचे उतर आया। तब जाकर पुलिस व परिवहन के अधिकारियों ने राहत की सांस ली ।

अलीगढ़ डिपो में संविदा पर तैनात से बस चालक

आपको बता दें कि यह बस चालक राजू सैनी अलीगढ़ डिपो का है। जो विभाग में ड्राइवर के पद पर संविदा पर तैनात है। गुरुवार की सुबह वह अवध डिपो वर्कशाप पहुंचा । यहां पर विभागीय अधिकारियों से नाराज होकर राजू सैनी अवध डिपो परिसर में लगे मोबाइल टावार पर स्पीकर लेकर चढ़ा गया और बोला कि उसे कुछ नहीं चाहिए। बस परिवहन विभाग का सिस्टम ठीक कीजिए।

जिलाधिकारी के आश्वासन पर टावर से नीचे उतरा चालक

उसका कहना है कि उसे जब तक यह आश्वासन नहीं मिल जाएगा कि कोई अधिकारी व कर्मचारी परेशान नहीं करेंगा। तब तक वह टावर से नहीं उतरेगा और उसकी मांग पूरी नहीं की गई तो वह कूदकर जान दे देगा। हालांकि रोडवेजकर्मी उसे मनाने में जुटे हैं। टावर के नीचे लोगों और पुलिस की भारी भीड़ जमा हो गयी है।सुबह से उससे नीचे उतरने का अनुरोध किया जा रहा है, लेकिन वह कुछ भी सुनने को तैयार नहीं था । इसी बीच जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार मौके पर पहुंच गए और काफी देर तक समझा तो वह टावर से नीचे उतरने के लिए राजी हो गया। वही विभागीय अधिकारियों का कहना रहा कि राजू कुछ साल पहले अलीगढ़ में भी पानी की टंकी पर चढ़कर हंगामा कर चुका है।

सीएम योगी के जीरो टॉलरेंस नीति पर पानी फेर रहे अफसर

एक तरफ जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जीरो टॉलरेंस नीति और भ्रष्टाचार को खत्म करने पर जोर दें रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ अधिकारी उस पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं। जिसका आज कड़वा सच परिवहन विभाग में देखने को मिला। विभाग में संविदा पर तैनात एक बस चालक अधिकारियों की कार्यशैली से तंग आकर आत्मघाती कदम उठा लिया और मोबाइल टावर पर चढ गया और बोला अगर परिवहन विभाग का सिस्टम सही नहीं हुआ तो यही से कूदकर जान दे देगा। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग में क्या हो रहा है। इसमें मजे की बात यह है कि विभागीय अधिकारी कमियों को सुधारने के बजाय बस चालक पर सारा बीकानेर फोड़ते हुए बोल रहे हैं कि यह पहले भी इस तरह का कदम उठा चुका है।

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