भदोही। गर्मी शुरू हो गई है और इससे निपटने के लिए स्थानीय नगर निगम और नगर निकाय स्तर पर काेई इंतजाम नहीं किया जा रहा है। जबकि गर्मी बढ़ते ही लोगों को सबसे ज्यादा शीतल जल की आवश्वकता पड़ने लगी है। दूसरी ओर जिले के तीन निकाय क्षेत्रों में लगे वॉटर वेंडिग मशीन (आरो) बीते कई महीनों से खराब पड़े हैं। इसकी जल्द मरम्मत न हुई तो नगर में आने वाले लोगों को बोतल बंद पानी का सहारा लेना होगा।
सार्वजनिक स्थानों पर शीतल पेय की व्यवस्था नहीं
जिले के भदोही व गोपीगंज नगर पालिका के अलावा ज्ञानपुर, खमरिया, घोसिया और सुरियावां नगर पंचायत है। इसमें सुरियावां में चार, ज्ञानपुर में एक, भदोही में छह सहित कुल 11 वाटर वेडिंग मशीन लगाए गए हैं। वहीं शेष निकायों में अब तक सार्वजनिक जगहों पर शीतल पेय की व्यवस्था नहीं है। खास बात यह है कि सुरियावां नगर पंचायत में लगे चारों ऑरो मशीन ठीक है, लेकिन ज्ञानपुर और भदोही के वाटर वेडिंग मशीन खराब पड़ चुके हैं। भदोही नगर में स्टेशन रोड पर कोविड एल-2 अस्पताल के सामने, महादेव मंदिर मेनरोड, तकिया कल्लन शाह मस्जिद के बाहर लगा मशीन पूरी तरह बेकार हो चुका है।
शीतल पाल तिराहा के पास आरो प्लांट मशीन छह महीने से खराब
श्री साईं राजपूत दुकान के सामने लगी मशीन में दो टोटी में एक खराब रही। भदोही पालिका के ईओ जी.लाल ने बताया कि इन मशीनों की उपयोगिता गर्मियों में अधिक होती है। गर्मी से पहले ठीक करा दिया जाएगा। दूसरी तरफ ज्ञानपुर से भदोही मार्ग पर शीतल पाल तिराहा के पास आरो प्लांट मशीन छह महीने से भी अधिक समय से खराब है। ज्ञानपुर ईओ राजेंद्र कुमार दूबे ने बताया कि मशीन का मरम्मत कार्य जल्द ही कराया दिया जाएगा। इसी तरह सुरियावां ईओ सोनल जैन ने बताया कि नगर बाईपास चौराहा, हनुमान मंदिर, पुरानी बाजार, गल्लामंडी रामलीला स्थल के आरो मशीन लगे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोगों को खरीदकर पीना पड़ेगा पानी
एक मशीन में तकनीकी दिक्कत थी, उसे ठीक करा लिया गया है। सभी चालू हालत में हैं।ठंड का दिन होने के कारण अभी तक लोगों की इसकी आवश्यकता नहीं थी, लेकिन अब जैसे-जैसे पारा चढ़ रहा है, वैसे-वैसे लोग शीतल पेयजल की तलाश कर रहे हैं। ज्ञानपुर नगर के पास मुख्यालय होने और भदोही नगर पालिका में हर रोज हजारों की संख्या में लोग अपने कार्यों के लिए आते हैं। इनमें अधिकतर मध्यम या गरीब वर्ग के लोग होते हैँ, जिनके बस में बोतल बंद पानी खरीदना नहीं होता। पानी के लिए वे ऑरो मशीन पर ही आश्रित होते हैं।