प्रयागराज। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, उत्तर प्रदेश नरेन्द्र कश्यप ने बुधवार को उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, प्रयागराज में दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा दिव्यांगजनों में अन्र्तनिहित सृजनात्मक क्षमता को सार्वजनिक क्षेत्र में उजागर करने तथा उनकी पहुंच जनसामान्य तक सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य निधि अंतर्गत उत्तर प्रदेश मूक बधिर विद्यालय, प्रयागराज के सहयोग से निर्मित उत्पादों एवं कलाकृतियों के प्रर्दशन हेतु 13 से 15 फरवरी तक लगायी गयी त्रिदिवसीय राज्य स्तरीय दिव्यांग कला मेला एवं दिव्य शक्ति प्रर्दशन (सांस्कृतिक कार्यक्रम) के समापन समारोह कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।
प्रदेश के अन्य जनपदों में भी होगा ऐसा कार्यक्रम
मंत्री ने कहा कि दिव्यांग बच्चों के द्वारा प्रस्तुत नृत्य, गायन, योगा, श्लोक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से जिस दिव्यता का परिचय दिया है, उनकी विधा, कला किसी भी सामान्य बच्चे से कम नहीं है, इनके द्वारा बनाये गये पोस्ट कार्ड, मोमबत्ती, लकड़ी के उत्पाद, कपड़े के उत्पाद व कलाकृत्रियां आकर्षण का केन्द्र है। इस तरह का कार्यक्रम प्रदेश में पहली बार जनपद प्रयागराज में आयोजित किया गया है। इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन प्रदेश के अन्य जनपदों में भी कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है कि हमारे देश का हर दिव्यांग सशक्त हो, सामर्थयवान हो, बिना किसी के सहारे के जीवन जीने की कला को सीख सके, अपने पैरों पर खड़ा होकर, अपनी योग्यता, कार्यकुशलता का प्रदर्शन कर सके, इसलिए हमारे विभााग द्वारा बहुत सारी योजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है।
दिव्यांग छोटा-मोटा कारोबार करना चाहता तो सरकार देगी धनराशि
मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनों की वेदना को समझते हुए उनको प्रतिमाह मिलने वाले भरण पोषण की सहायता राशि को 300 रूपये से बढ़ाकर 1000 रूपये कर दिया है। मंत्री ने कहा कि दिव्यांगजनों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए ट्राईसाईकिल के साथ ही मोटर चालित ट्राई साईकिल निःशुल्क उपलब्ध करायी जा रही है। सरकार के द्वारा दिव्यांग बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए भी व्यवस्थायें की गयी है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग युवक/युवती की शादी के लिए पुरस्कार के रूप में 35 हजार रूपये दिए जाने की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि यदि कोई दिव्यांग छोटा-मोटा कारोबार करना चाहता है, तो उसके लिए भी 10 हजार रू0 दिए जाने की व्यवस्था है। मंत्री ने कहा कि दिव्यांग लोगो के लिए कृत्रिम अंग उपलब्ध कराये जा रहे है। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा दिव्यांग बच्चों की प्रगति एवं विकास के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे है, जिसके तहत दिव्यांग बच्चों के लिए कार्य करने वाली संस्थाओं, स्कूलों, विद्यालयों, विश्वविद्यालयों को और सशक्त बनाया जा रहा है।
मंत्री ने दिव्यांगों के साथ खड़े होकर खिंचवाई फोटो
मंत्री ने इसके पूर्व एनसीजेडसीसी परिसर में लगायी गयी दिव्यांग कौशल प्रदर्शनी के प्रत्येक स्टाॅल पर जाकर दिव्यांगजनों द्वारा बनाये गये उत्पादों के बारे में जानकारी प्राप्त की तथा उनके साथ फोटो भी खिंचवाई। मंत्री ने दिव्यांग बच्चों के कौशल की सराहना की तथा इसे और बेहतर करने हेतु प्रोसाहित किया। मंत्री ने उत्पादों की खरीददारी भी की। आर्ट गैलेरी का अवलोकन करते हुए प्रत्येक पेंटिंग को देखा तथा बनाने वाले दिव्यांगों के साथ फोटो खिंचवाई। मंत्री के समक्ष विशेष बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
अच्छा कार्य करने वालों को प्रमाण पत्र देकर किया सम्मानित
इस अवसर पर मंत्री ने दिव्यांगजनों को ट्राई/मोटराईज्ड साईकिल प्रदान किया तथा विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले दिव्यांगजनों को प्रमाण-पत्र देकर पुरस्कृत करते हुए उनका उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर सत्गुरू रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के उप कुलपति योगेन्द्र दुबे, निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, उ.प्र. एसपी पटेल, उप निदेशक दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग विनीता यादव, जिला दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी नंद किशोर, कमलेश नारायण मिश्रा, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी सहित अन्य सम्बंधित विभागों के अधिकारीगणों के अलावा काफी संख्या में विशेष बच्चें/अभिभावक उपस्थित रहे।