गोण्डा। कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी डॉ. उज्ज्वल कुमार की अध्यक्षता में सड़कों के निर्माण कार्यों एवं प्रगति के संबंध में समीक्षा बैठक संपन्न हुई। जिसमें में निर्माण कार्य से संबंधित सभी अधिकारी और कार्यदायी संस्था के अधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने सभी अधिकारियों से विभागवार बनाई जा रही सड़कों के बारे में बारी-बारी से समीक्षा की व आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि वह भ्रमण कर सड़कों का निरीक्षण करें।
ठेकेदार के खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज कराई जायेगी
डीएम ने सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि सड़कों के किनारे कोई भी गड्ढा नहीं होना चाहिए। सड़कों के किनारे यदि गड्ढे हो तो अभियान चलाकर उन्हें तत्काल भर दिया जाए। यदि कोई गड्ढा पाया गया और उससे कोई जनहानि हुई तो संबंधित अधिकारी और ठेकेदार के खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज कराई जायेगी। दोषी व्यक्ति को बिल्कुल भी बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि जनपद में जो भी सड़के बनाई जा रही है उसमें सुरक्षा संबंधी सभी मानको का विशेष ध्यान रखा जाए जिससे दुर्घटना होने की संभावना को कम किया जा सके।
भवन निर्माण में ना किया जाए गुणवत्ता से कोई समझौता
जिलाधिकारी डॉ उज्जवल कुमार द्वारा लेखपाल ट्रेनिंग सेंटर, कृषि महाविद्यालय, विधि विज्ञान प्रयोगशाला, अटल आवासीय विद्यालय सिसवा मनकापुर, राजकीय महाविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज, आईटीआई परसपुर, महिला छात्रावास, मिनी स्टेडियम नरेचा, स्वच्छ पेयजल, यूपीपीसीएल तथा निर्माण खंड डिवीजन बलरामपुर द्वारा किए जा रहे निर्माण 30वीं पीएसी, मेडिकल कॉलेज, पर्यटन विभाग सहित कई अन्य विभागों के निर्माण कार्यों के प्रगति की गहन समीक्षा की। उन्होंने सभी कार्यदाई संस्थाओं को सख्त निर्देश दिए कि भवन निर्माण में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि समिति के द्वारा सत्यापन कराकर ही भवनों को हैंडओवर किया जाए। भवन निर्माण में सुरक्षा संबंधी सभी मानकों का शत प्रतिशत ध्यान रखा जाए।
अधूरी पड़ी सड़कों के लिए की जाये बजट की मांग
जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि जनपद में बन रहे सभी सड़कों के निर्माण कार्य में तेजी लाकर सभी को समय से पूरा किया जाए। उन्होंने सख्त निर्देश दिये कि सड़क निर्माण में गुणवत्ता से किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं होना चाहिए। गुणवत्ता से समझौता हुआ तो संबंधित कार्यदायी संस्था सहित संबंधित अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जो निर्माणाधीन सड़कें बजट के अभाव में अधूरी पड़ी हुई है उनके संबंध में शासन को पत्र भेजकर बजट की डिमांड की जाए, बजट आते ही सड़क को तत्काल पूरा कराया जाए।