उत्तर प्रदेश Uttar Pradesh की राजधानी लखनऊ Capital Lucknow में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट -2023 Global Investors Summit-2023के पहले दिन 18,643 एमओयू साइन 8,643 MoUs signed हुए। यह 32 लाख 92 हजार करोड़ के यानी करीब 33 लाख करोड़ का हैं। यह धनराशि यूपी के बजट से जहां 5 गुना ज्यादा है वहीं वाइब्रेंट गुजरात समिट Vibrant Gujarat Summit और इन्वेस्टर मध्य प्रदेश समिट Investor Madhya Pradesh Summitका रिकॉर्ड record तोड़ दिया है। जबकि प्रदेश का सालाना बजट 6 लाख करोड़ का है। सीएम योगी आदित्यनाथ CM Yogi Adityanathने दावा किया कि समिट प्रदेश की $1 ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य को पूरा करने वाला होगा। उन्होंने कहा कि इस निवेश से प्रदेश में 92 लाख 92 million युवाओं को रोजगार employmentमिलेगा।

पश्चिमांचल में सबसे ज्यादा निवेश करने के लिए प्रस्ताव मिले

पश्चिमी यूपी क्षेत्र में रहने वालों के लिए बहुत ही सुखद भरी खबर है। क्योंकि ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में भाग लेने के लिए देश व विदेश से जो निवेशक आये हैं उन्हें सबसे ज्यादा पश्चिमांचल का क्षेत्र पसंद आया है। इसलिए समिट में सबसे ज्यादा निवेश प्रस्ताव पश्चिमांचल को मिले हैं। इसके बाद पूर्वांचल और फिर मध्यांचल और बुंदेलखंड का नंबर है। पश्चिमांचल को 14 लाख 81 हजार करोड़ के प्रस्ताव मिले हैं। यह कुल निवेश का 45 प्रतिशत है।

इसमें सबसे ज्यादा नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ के हैं। इसके अलावा, लखनऊ और वाराणसी में 1-1 लाख करोड़ का निवेश आया है।संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश की ओर से मेहमानों के स्वागत में जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए मंच बनाए गए हैं। दुल-दुल घोड़ी डांस कर कलाकारों ने मेहमानों का वेलकम किया। वहीं लड़कियों ने एक ओर मयूर नृत्य किया तो वहीं लड़कों ने भी लोगों का मन मोहा। पूरे शहर में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला।

गुजरात और मध्य प्रदेश का टूटा रिकार्ड, अन्य प्रदेशों के लिए चुनौती

जानकारी के लिए बता दें कि अब तक के वाइब्रेंट गुजरात समिटों में अधिकतम 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं।जबकि इसी साल जनवरी में मध्यप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश करार हुए थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 29 लाख लोगों को रोजगार देने का दावा किया है। राजस्थान में अक्तूबर 2022 में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में 11 लाख करोड़ रुपये के करार हुए थे।

सीएम अशोक गहलोत ने दस लाख लोगों को रोजगार मिलने का दावा किया था।ओडिशा में 2022 के इन्वेस्टर्स समिट में दस लाख करोड़ के करार का दावा किया गया था। अप्रैल 2022 में आयोजित बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में 3.42 लाख करोड़ रुपये के करार हुए थे। इसी तरह इन्वेस्ट कर्नाटका-2022 में 9.8 लाख करोड़ के करार हुए थे। आंध्र सरकार 3-4 मार्च को विशाखापट्नम में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन करेगी। महाराष्ट्र में भी इसी वर्ष समिट प्रस्तावित है। ऐसे में यूपी के रिकॉर्ड ने दूसरे राज्यों के सामने चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रख दिया है।

पिछली सरकार में निवेशक लखनऊ आने को नहीं थे तैयार : अमित शाह

इन्वेस्टर्स समिट में भाग लेने के लिए गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को लखनऊ पहुंचे। इस दौरान यूपी में हो रहे विकास का जिक्र किया।गृहमंत्री ने कहा कि यूपी में विकास की अपार संभावनाएं हैं। देश को फाइव ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने में राज्य की अहम भूमिका हो सकती है। यूपी की संभावना को देखते हुए बड़ी संख्या में निवेशक राज्य में निवेश कर रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पिछली सरकार में लखनऊ में निवेशक आने को तैयार नहीं थे, इस वजह से दिल्ली में इन्वेस्टर्स समिट की गई थी। उन्होंने कहा कि एमएसएमई ही वो बीज है जो भारत की सबसे बड़ी विकास की कारक होती है।

यूपी को आगे बढ़ाने का मतलब है, देश के विकास को गति देना

आज की एमएसएमई में ही कल की सबसे बड़ी कंपनी इंडस्ट्री छिपी है। यूपी में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक हुई है। कई सारी नीतियां बजट के अनुसार बनाई गई हैं। यूपी सरकार पर एक भी आरोप नहीं हैं। हर दृष्टि से यूपी का महत्व है। उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ाने का मतलब है, देश के विकास को गति देना। यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में आए निवेश से भारत के विकास में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश का इंफ्रास्ट्रक्चर और यहां की कानून-व्यवस्था पूरे देश में एक मिसाल की तरह हैं।

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