उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में फाइलेरिया की दवा खाने से दर्जनों बच्चों की हालत खराब होने के बाद उल्टी और दस्त शुरू हो गई। इतना ही नहीं कुछ बच्चे बेहोश होकर गिर भी पड़े। इससे स्कूल में हड़कंप मच गया। इसकी जानकारी जैसे ही अधिकारियों को लगी तो उनके भी हाथ पांव फूल गए और जैसे-तैसे मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य में जुट गए। बेहोश बच्चों को एंबुलेंस से इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

मल्लू पुर व पसियान कला प्राथमिक विद्यालय का मामला

बता दें की औराई थाना क्षेत्र के मल्लू पुर व पसियान कला प्राथमिक विद्यालय में आज फाइलेरिया की बच्चों को दवा खिलाया जाने लगा। उसी दौरान पहली से चौथी कक्षा में पढ़ने वाली सुनिधि रश्मि, अर्पिता दूबे, ममता, शिखा, वंदना, काजल सहित 25 बच्चों को उल्टी-दस्त शुरू हो गई। यह देख स्कूल प्रशासन में खलबली मच गई।घटना की जानकारी मिलते ही जिला अस्पताल में एसडीएम ज्ञानपुर अश्वनी पांडे क्षेत्राधिकारी ज्ञानपुर प्रभात कुमार व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संतोष चक पहुंचकर राहत कार्य में जुट गए। तत्काल बच्चों को एंबुलेंस द्वारा इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया । जहां पर बच्चों का इलाज तत्परता पूर्वक चिकित्सक करने में जुट गए और कुछ देर बाद दो बच्चों को नॉर्मल किया गया तब जाकर जिले के आला अधिकारियों ने राहत की सांस लिया।बच्चों के हालत बिगड़ने की खबर मिलते ही जिले में हड़कंप की स्थिति बन गई और जो जिधर था उधर से जिला अस्पताल में पहुंच गया ।

अस्पताल में जुटी अभिभावकों की भीड़।

सीएमओ बोले- खाली पेट दवा खाने से ऐसा हुआ

बीमार बच्चों की उम्र पांच से 10 साल है। सीएमओ डॉक्टर संतोष चेक ने बताया कि बच्चों की हालत ठीक है और उनकी तबीयत खाली पेट दवा खा लेने से व शरीर में फाइलेरिया की शुक्राणु मिलने के कारण ऐसा स्थिति उत्पन्न होती है। किंतु इसमें कोई घबराने की बात नहीं है। जल्द ही सभी बच्चे स्वस्थ हो जाएंगे । करीब डेढ़ सौ बच्चों ने दवा का सेवन किया है। जिसमें नौ की हालत बिगड़ गई है। उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके अलावा जिन और बच्चों ने दवा का सेवन किया था उन्हें भी जांच के लिए अस्पताल लाया गया है। जिन बच्चों में थोड़ा भी दिक्कत दिख रही है उन्हें भर्ती करके ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा है।

जिला अस्पताल में लगातार एंबुलेंस के बजते रहे हूटर

जिला अस्पताल में बच्चों के पहुंचने के बाद अभिभावकों की भारी भीड़ जमा हो गई। वहीं अस्पताल परिसर में लगातार एंबुलेंस के हूटर बजते रहे। एक एंबुलेंस बच्चों को छोड़कर फुर्सत नहीं पा रही थी की दूसरी एंबुलेंस बच्चों को लेकर अस्पताल पहुंच जा रही थी। यह नाजारा देखने के बाद लोगों में दहशत भरा माहौल रहा। हालांकि किसी बच्चे के साथ कोई अप्रिय घटना की खबर नहीं है। अस्पताल से जैसे-जैसे बच्चे ठीक हो रहे है उन्हें उनके परिजनों के साथ घर भेज दिया जा रहा है।

सेहत में सुधार होने पर अधिकारियों व अभिभावकों ने ली राहत की सांस

बता दें कि जैसे ही अन्य प्राथमिक विद्यालय के अध्यापकों व अभिभावकों को पता लगा कि फाइलेरिया की दवा खाने के बाद कुछ बच्चों की तबीयत खराब हुई तो जिन जिन विद्यालयों में बच्चों को दवा खिलाया गया था उनके अभिभावक खुद एंबुलेंस को फोन कर कर बच्चों को लेकर अस्पताल में पहुंचने लगे । इस दौरान लगभग सैकड़ों बच्चे अस्पताल में चेकअप कराने के लिए पहुंचे ।जहां पर चिकित्सक चेकअप कर उन्हें इलेक्ट्रोल की देकर छोड़ दिया। जब लोगों को पता चला कि अब बच्चे धीरे-धीरे नॉर्मल हो रहे हैं तो लोगों ने राहत की सांस ली ।

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