आज लोकसभा में आर्थिक सर्वे पेश किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के तत्काल बाद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। सर्वे में साल 2023-24 के लिए 6 से 6.8 फीसदी ग्रोथ का अनुमान है। सर्वे के अनुसार भारत दुनिया की सबसे तेज रफ्तार से ग्रोथ करने वाली इकोनॉमी बनी रहेगी। सर्वे में यह दावा किया गया है कि भारत ने असाधारण आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के मामले में दुनिया के अधिकतर देशों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है।
सर्वे में वित्त वर्ष 2023 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान और वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6-6.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। वित्तीय वर्ष 24 में नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ 11 फीसदी रहने की संभावना है। देश की अर्थव्यवस्था 2023-24 में चालू वित्त वर्ष के सात फीसदी की तुलना में 6.5 फीसदी की दर से बढ़ेगी। पिछले वित्त वर्ष में वृद्धि दर 8.7 फीसदी रही थी। भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी रहेगी।
जुलाई सितंबर 2019 में बेरोजगारी दर 8.3% से घटकर जुलाई-सितंबर 2022 में 7.2% हुई। सर्वे के अनुसार ईपीएफओ के आंकड़े भी रोजगार क्षेत्र में सुधार की गवाही दे रहे हैं। सर्वेक्षण में यह चिंता जताई गई है कि चालू खाता घाटा बढ़ सकता है क्योंकि दुनियाभर में कीमतें बढ़ रही हैं। अभी रूपया डॉलर के मुकाबले करीब 81 के स्तर पर ट्रेड कर रहा है। सर्वे के अनुसार वैश्विक ग्रोथ रेट धीमी पड़ने से ग्लोबल ट्रेड में गिरावट का असर मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के दौरान देश के एक्सपोर्ट पर हुआ है।
इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक, भारत के पास इस समय पर्याप्त फॉरेक्स रिजर्व है। इसके साथ ही भारत का प्रदर्शन भी काफी बेहतर है। वित्त वर्ष 2023 के पहले 8 महीने में कैपेक्स करीब 63 फीसदी बढ़ा है। इसके साथ ही इन्वेस्टमेंट साइकिल भी बढ़ोतरी होने की संभावना है। अप्रैल दिसंबर गुड्स एंड सर्विस एक्सपोर्ट 16 फीसदी बढ़ा है।