एसएमयूपीन्यूज, लखनऊ। उत्तर प्रदेश एसटीएफ को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। आज एसटीएफ की टीम ने मोनाड विश्वविद्यालय, हापुड़ में छापा मारकर फर्जी डिग्री और मार्कशीट घोटाले का पर्दाफाश किया है। इस सिलसिले में विश्वविद्यालय के चेयरमैन और प्रो. चांसलर समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, लाखों की नकदी और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए हैं।

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गिरफ्तारी की कार्रवाई,एसटीएफ ने की व्यापक जांच

एसटीएफ को पूर्व में शिकायत मिली थी कि मोनाड विश्वविद्यालय द्वारा बीए, बीएड, बीए-एलएलबी, फार्मासिस्ट, बीटेक जैसे कोर्सों की फर्जी डिग्रियां और मार्कशीट बनाकर मोटी रकम वसूली जा रही है। इस शिकायत के आधार पर एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक  संजीव कुमार दीक्षित के पर्यवेक्षण में जांच शुरू की गई। सूचना एकत्र करते हुए टीम ने 18 मई को मोनाड विश्वविद्यालय परिसर में छापा मारा और भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज बरामद करते हुए प्रमुख संचालकों को गिरफ्तार कर लिया।

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गिरफ्तार अभियुक्तों की सूची

-चौधरी विजेन्द्र सिंह उर्फ विजेन्द्र हुड्डा, चेयरमैन, मोनाड विश्वविद्यालय – मेरठ निवासी

-नितिन कुमार सिंह, प्रो. चांसलर – मेरठ निवासी

-मुकेश ठाकुर, पीए टू चेयरमैन – नई दिल्ली निवासी

-गौरव शर्मा, हेड ऑफ वेरिफिकेशन – मेरठ निवासी

-इमरान, एडमिशन डायरेक्टर – हापुड़ निवासी

-अनिल वत्रा, अकाउंटेंट – नोएडा निवासी

-विपुल ताल्यान, हेड वेरिफिकेशन – हापुड़ निवासी

-कुलदीप, निवासी बुलंदशहर

-सनी कश्यप, निवासी हापुड़

-संदीप कुमार उर्फ संदीप सेहरावत, निवासी पलवल, हरियाणा

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बरामदगी का विवरण

-1372 फर्जी मार्कशीट व डिग्रियां

-262 प्रोविजनल व माइग्रेशन सर्टिफिकेट

-14 मोबाइल फोन, 1 आईपैड, 7 लैपटॉप

-₹6,54,800 नगद

-26 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण

-6 आधार कार्ड

-एक सफारी कार (HR 29 AW 4578)

-35 लक्जरी गाड़ियों की चाबियां

मुख्य आरोपी पर पुराने आरोप

गिरफ्तार चेयरमैन विजेन्द्र सिंह हुड्डा पहले भी विवादों में रह चुका है। वर्ष 2017 में वह बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले का मास्टरमाइंड रहा है, और उसके खिलाफ कई जिलों में सौ से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। वर्ष 2022 से उसने मोनाड विश्वविद्यालय का संचालन शुरू किया था और फर्जीवाड़े की यह चेन शुरू की थी।

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ऐसे हुआ पूरा खुलासा

एसटीएफ की टीम को सूत्रों से सूचना मिली थी कि फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाला संदीप सेहरावत इस समय हापुड़ में मौजूद है। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, जिसमें उसने खुलासा किया कि वह चेयरमैन विजेन्द्र हुड्डा के कहने पर बीए, बीएड, फार्मासिस्ट आदि कोर्सों की फर्जी डिग्रियां तैयार करता था। प्रति छात्र 50 हजार से 4 लाख रुपये तक की वसूली होती थी। इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।

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