लखनऊ ।राजधानी के बक्शी का तालाब (बीकेटी) थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए फिरौती के लिए अपहरण करने वाले तीन शातिर बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने अपहृत युवक को सुरक्षित बरामद कर लिया है, साथ ही आरोपियों के पास से फिरौती के दो लाख रुपये व एक मोबाइल फोन भी बरामद हुआ है।
घटना का यह रहा पूरा विवरण
15 मई को थाना बीकेटी पर इमरान पुत्र रऊफ ने सूचना दी कि उसके भाई इरफान (उम्र 35 वर्ष) का 12 मई को शाम करीब 6 बजे अज्ञात दो लोगों ने मारपीट कर अपहरण कर लिया है। अपहरणकर्ताओं द्वारा परिजनों से 2 लाख रुपये की फिरौती मांगी जा रही थी। इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए स्थानीय पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज किया और पुलिस उपायुक्त उत्तरी के निर्देश पर एक विशेष टीम गठित की गई।
इमरान को अपहर्ताओं ने बार-बार फोन और व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से धमकाया
पीड़ित के भाई इमरान को अपहर्ताओं ने बार-बार फोन और व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से धमकाया कि अगर फिरौती नहीं दी गई तो इरफान की जान जा सकती है। पैसे देने के लिए अचरामऊ अंडरपास के पास बुलाया गया। पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई करते हुए अचरामऊ तिराहा, किसान पथ सर्विस लेन के पास से तीन अभियुक्तों को धर दबोचा।
गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान निम्न रूप से हुई
उत्कर्ष सिंह पुत्र संतोष कुमार सिंह निवासी सरायगनी, थाना दिलीपपुर, जनपद प्रतापगढ़-मो. मुफीद पुत्र मो. मुजीब निवासी रजौली, थाना गुडम्बा, लखनऊ-रामचंद्र उर्फ अब्दुल्ला पुत्र शिवनाथ निवासी बसंतनगर, थाना सफदरगंज, जनपद बाराबंकी इनके कब्जे से कुल 2 लाख तथा एक मोबाइल फोन बरामद हुआ तीनों के विरुद्ध धारा 140(2)/308(5)/317(2) बीएनएस के अंतर्गत कार्यवाही की गई। इनके पास से 500 की चार गड्डियों में कुल 2 लाख तथा एक मोबाइल फोन बरामद हुआ। पीड़ित इरफान को सकुशल बरामद कर लिया गया और उसने आरोपियों की शिनाख्त की।
अपराध करने का यह रहा मुख्य उद्देश्य
पुलिस के अनुसार, अभियुक्तों ने अपने भौतिक और आर्थिक लाभ के लिए सुनियोजित साजिश के तहत इस अपहरण की घटना को अंजाम दिया। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती थी बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा के लिहाज से भी गंभीर थी।
पुलिस अब अभियुक्तों के आपराधिक इतिहास की भी जांच कर रही
डीसीपी अपराध कमलेश दीक्षित ने बताया कि थाना बीकेटी पुलिस और सर्विलांस टीम की इस त्वरित और सफल कार्रवाई से न सिर्फ एक निर्दोष की जान बचाई गई, बल्कि एक संगठित आपराधिक मंसूबे को भी समय रहते विफल कर दिया गया। पुलिस अब अभियुक्तों के आपराधिक इतिहास की भी जांच कर रही है।