लखनऊ । यूपी की राजधानी पुलिस कमिश्नरेट ने महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है। पूर्ववर्ती एंटी-रोमियो स्क्वॉड को अब ‘महिला सुरक्षा टीम’ के रूप में पुनर्गठित किया गया है। प्रत्येक थाने पर एक टीम तैनात की गई है, जिसका नेतृत्व महिला उपनिरीक्षक करेंगी।
यह टीम अब सिर्फ छेड़खानी ही नहीं, बल्कि नशाखोरी, संदिग्ध गतिविधियों, महिला अपराधों और सार्वजनिक स्थलों की निगरानी जैसे व्यापक दायित्व निभाएगी। आधुनिक संसाधनों और सशक्त कानूनी अधिकारों से लैस यह टीम महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और सशक्त वातावरण सुनिश्चित करेगी।
पूर्ववर्ती एंटी-रोमियो दल को पुनर्गठित कर महिला सुरक्षा टीम गठित
महिलाओं की सुरक्षा और मजबूत व बेहतर बनाने के मकसद से पुलिस आयुक्त महोदय के आदेश पर एण्टी रोमियो दल का फिर से पुनर्गठन किया गया है। अब जनपद के प्रत्येक थानों पर 01 महिला सुरक्षा टीम का गठन किया गया है, जिसका प्रभारी उपनिरीक्षक स्तर का अधिकारी होगा।
महिलाओं व बालिकाओ से संबंधित अपराधों पर रोकथाम लगाने एवं महिलाओं के सशक्तिकरण, स्वाबलंबी, सुरक्षित परिवेश की अनुभूति तथा जनमानस की सेवा में अपनी विशेष भागीदारी करने को लेकर लखनऊ कमिश्नरेट के समस्त थानों पर 01-01 महिला सुरक्षा टीम का गठन किया गया है।प्रत्येक थाने पर तैनात इस टीम का उद्देश्य सार्वजनिक स्थलों पर छेड़छाड़, ईव-टीजिंग और महिला अपराधों पर अंकुश लगाना है।
इस तरह काम करेगी महिला सुरक्षा टीम
पुलिस कमिश्नर द्वारा पूर्व में गठित एंटी रोमियो स्क्वॉड का नाम बदलकर महिला सुरक्षा टीम का गठन किया गया है। नाम बदलने के साथ ही इस स्क्वॉड की जिम्मेदारियों को और विस्तार दिया गया है। खास तौर से पहली बार पकड़े गए जिन लड़कों को समझाकर छोड़ा गया था, उन्हें दोबारा पकड़े जाने पर जेल भेजने तक की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही नारी सुरक्षा दल को मनचलों पर खुद से कार्रवाई करने का अधिकार भी दिया जाएगा। यह दल मनचलों पर एफआईआर तक दर्ज करा सकेगी।
बदलाव-एंटी रोमिया स्क्वाड से महिला सुरक्षा टीम
एंटी रोमियो स्क्वॉड के नाम से यह दल सिर्फ एक क्षेत्र में कार्य करने को बाध्य था। जैसे कि सिर्फ छेड़खानी को रोकने के लिए ही एंटी रोमियो स्क्वॉड को जाना जाता था। लेकिन महिला सुरक्षा टीम का गठन कर इसे व्यापक रूप देकर इस टीम की जिम्मेदारियों को और अधिक विस्तार दिया गया है। –
कार्यक्षेत्र और ज़िम्मेदारियों का विस्तार
एंटी-रोमियो स्क्वॉड मुख्य रूप से स्कूल, कॉलेज और पार्कों में “छेड़खानी” रोकने तक सीमित था। महिला सुरक्षा टीम का दायरा अब व्यापक है। इसमें नशाखोरी, संदिग्ध गतिविधियों की जाँच, शैक्षणिक संस्थानों के आसपास मादक पदार्थों की बिक्री रोकना, बैंक चेकिंग, और कानून व्यवस्था से जुड़ी त्वरित कार्रवाई जैसे कार्य शामिल हैं।
सक्रिय और समग्र सुरक्षा दृष्टिकोण
पहले केवल “प्रतिक्रियात्मक” कार्य (जैसे छेड़खानी के बाद कार्रवाई) होती थी। अब निवारक उपायों पर जोर दिया जाएगा, जैसे सार्वजनिक स्थानों पर नशेड़ियों पर कार्रवाई, संदिग्ध वाहनों की जाँच, और चौराहों पर निगरानी।
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नैतिक पुलिसिंग की छवि से दूरी
एंटी-रोमियो नाम से कई बार मासूम युवाओं को परेशानी होती थी।महिला सुरक्षा टीम नाम से लैंगिक संवेदनशीलता और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित होगा, जिससे जनता का विश्वास बढ़ेगा।पहले यह दल केवल कुछ स्थानों पर सक्रिय था। अब यह पूरे जनपद में महिलाओं के खिलाफ होने वाले हर प्रकार के अपराध (यौन उत्पीड़न, ड्रग्स, हिंसा आदि) को रोकने के लिए काम करेगा।
कानूनी और सामाजिक उद्देश्यों को रखा गया है ध्यान
यह बदलाव महिला सुरक्षा से जुड़े राष्ट्रीय कानूनों और सामाजिक अपेक्षाओं के अनुरूप है।अब टीम की भूमिका सिर्फ “कानून लागू करना” नहीं, बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाने और सुरक्षित वातावरण देने की है।
नाम बदलकर टीम को एक व्यावसायिक, संवेदनशील और प्रभावी स्वरूप दिया गया है, ताकि महिला सुरक्षा को समग्र सामाजिक ज़िम्मेदारी के रूप में देखा जाए।दल को मिलेगी सीयूजी, चार पहिया वाहन, टीम प्रभारी के पास होगा बॉडी वार्न कैमरा, ई-चालान डिवाइस सहित एक छोटा शस्त्र।महिलाओं के विरुद्ध अपराधों को रोकने, त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने और संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने के उद्देश्य से पूर्ववर्ती एंटी-रोमियो दल को पुनर्गठित कर महिला सुरक्षा टीम गठित की है।
दल में इतने को किया गया है शामिल
प्रत्येक दल में 1 उपनिरीक्षक, 2 आरक्षी, और 2 महिला आरक्षी शामिल होंगे।दल के सदस्यों को न्यूनतम 2 महीने के लिए नियुक्त किया जाएगा, जिन्हें अन्य ड्यूटी नहीं दी जाएगीदल के पास दंगा नियंत्रण उपकरण (डंडा, हेलमेट, बॉडी प्रोटेक्टर, रस्सा) और चार पहिया वाहन होगा।प्रभारी के पास बॉडी वॉर्न कैमरा, छोटा शस्त्र, ई-चालान डिवाइस, और सीयूजी फोन उपलब्ध होगा।
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थाना प्रभारी प्रतिदिन दल को ब्रीफिंग देकर रवाना करेंगे
दल प्रतिदिन सुबह 8:00 बजे से रात 8:00 बजे तक कार्यरत रहेगा।आकस्मिक स्थितियों (जैसे दंगा या महिला अपराध) में इसे क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) के रूप में तैनात किया जाएगा।
महिला अपराध से जुड़े हॉटस्पॉट्स की पहचान कर उनकी जियो-लोकेशन (Long/Lat) और सीसीटीवी उपलब्धता की जानकारी एकत्र की जाएगी।थाना प्रभारी प्रतिदिन दल को ब्रीफिंग देकर रवाना करेंगे और ड्यूटी समाप्ति पर कार्यवाही की समीक्षा करेंगे।नोडल अधिकारी (पुलिस उपायुक्त और सहायक पुलिस आयुक्त) प्रतिदिन की गतिविधियों की मॉनिटरिंग करेंगे तथा पूर्वनिर्धारित प्रारूप में रिपोर्ट एकत्र करेंगे।
क्या है “महिला सुरक्षा टीम
महिला सुरक्षा टीम में महिला पुलिस को भी शामिल किया गया है। टीम महिलाओं, छात्राओं को छेड़ने और कमेंट करने वाले शोहदों को पकड़ेंगी। कोई भी शोहदा किसी भी महिला, युवती को परेशान या उनके साथ अभद्रता करते हुए पकड़ा गया तो तत्काल टीम उसे हिरासत में लेगी।
घरवालों को बुलाकर उसकी हरकत से वाकिफ कराया जाएगा
इसके बाद उसे थाने लाकर पुलिस उसकी काउंसलिंग करेगी, फिर उसके घरवालों को बुलाकर उसकी हरकत से वाकिफ कराया जाएगा। पकडे़ गए शोहदों का नाम पता बकायदा थाने के रजिस्टर में दर्ज होगा। यदि इसके बाद भी वह दोबारा किसी हरकत में पकड़ा जाता है तो फिर जेल भेज दिया जाएगा। पुलिस कमिश्नर, लखनऊ ने लोगों को आश्वश्त करते हुये कहा कि भयमुक्त होकर महिलाएं, छात्राएं अपने काम करें और पुलिस उनकी मदद में हर जगह मौजूद रहेगी।
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समस्त थानों पर 01-01 महिला सुरक्षा टीम का गठन
लखनऊ के स्कूल व कॉलेजों के सामने रोमियो पर नजर रखने को पुलिस कमिश्नर लखनऊ ने जनपद के समस्त थानों पर 01-01 महिला सुरक्षा टीम का गठन किया है। इस दल की अगुवाई एसआई करेंगे। हर दल में पांच पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। यह दल सोमवार से शनिवार तक सुबह 08.00 बजे से स्कूल/कॉलेज की समाप्ति तक स्कूल-कॉलेज के सामने अश्लील हरकत, टिप्पणी करने वाले युवकों की धरपकड़ करने के साथ ही शाम को अलग-अलग सार्वजनिक स्थानों व बाजारों में भी गश्त करेगा।
महिला सुरक्षा टीम के कार्य एवं दायित्वों का संक्षिप्त विवरण
सार्वजनिक स्थलों पर निगरानी
स्कूल, कॉलेज, बाजार, पार्क, बस/रेलवे स्टेशन आदि सार्वजनिक स्थानों की नियमित गश्त और निगरानी।
आपत्तिजनक गतिविधियों (छेड़छाड़, अश्लील टिप्पणी, पीछा करना) में लिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई।
शैक्षणिक संस्थानों के साथ समन्वय
स्कूल/कॉलेज प्रशासन के साथ संपर्क, CUG नंबर साझा करना और नियमित बैठकें आयोजित करना।
शिकायत पेटिका लगाकर गुमनाम शिकायतें प्राप्त करना और उन पर त्वरित कार्रवाई।
सादे वस्त्रों में गश्त
महिला पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में संवेदनशील स्थानों (कोचिंग, मॉल, बाजार) का भ्रमण कर चिह्नित करेंगी।
ग्रामीण/बाहरी क्षेत्रों के शैक्षणिक संस्थानों पर विशेष ध्यान।
कानूनी एवं सुधारात्मक कार्रवाई
पहली बार अपराध करने वालों को काउंसलिंग और चेतावनी।
गंभीर मामलों में भारतीय न्याय संहिता (BNS) और गुंडा एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई।
शराब पीने या मादक पदार्थ बेचने वालों के विरुद्ध सख्त कदम।
तकनीकी उपाय
बॉडी वर्न कैमरे और वीडियोग्राफी के माध्यम से सबूत एकत्र करना।
संदिग्धों की फोटो गैलरी बनाकर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाना।
रिकॉर्ड प्रबंधन
थाना स्तर पर चिह्नित स्थानों, अपराधियों और कार्रवाई का डिटेल्ड रजिस्टर रखरखाव।
प्रभावी गश्त
शैक्षणिक संस्थानों के खुलने/बंद होने के समय गश्त।
संदिग्ध वाहनों की चेकिंग और महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े आपातकालीन मामलों में त्वरित प्रतिक्रिया।
संसाधनों की उपलब्धता
टीम को हेलमेट, बॉडी प्रोटेक्टर, वाहन आदि संसाधन प्रदान किए जाएंगे।
मुख्य उद्देश्य
महिलाओं/युवतियों के लिए भयमुक्त वातावरण बनाना।
सुधारात्मक प्रयासों के साथ-साथ कानूनी प्रक्रिया को सुदृढ़ करना।
एंटी रोमियो दल को मिली हिदायतें
पुलिस कमिश्नर लखनऊ महोदय के द्वारा इस एंटी दल को सख्त निर्देश दिए गए हैं, इस ऑपरेशन के तहत किसी मासूम या अपने दोस्तों के साथ बैठा हो, उसे तंग नहीं किया जाए। टीम को हिदायत/सख्त निर्देश दिये गये हैं कि किसी के साथ भी बदसलूकी न करें।
स्कूल, कॉलेज या कोचिंग इसके आसपास कोई छात्रा का जानने वाला भी हो सकता है। इससे सबसे ठीक से बात करें, ताकि पुलिस के खिलाफ खराब संदेश न जाए। लोगों को इस बात का एहसास हो कि पुलिस उनके सहयोग के लिए है, उनके अंदर डर की भावना न आने पाए। छेड़खानी करने वालों के खिलाफ कदम उठाएं महिला सुरक्षा को दल इसलिए बनाया गया है ताकि महिलाएं व लड़कियां सार्वजिनक जगहों पर सुरक्षित महसूस करें।