लखनऊ । उत्तर प्रदेश एसटीएफ को बड़ी सफलता प्राप्त हुई है जब उन्होंने कोलकाता से एक संगठित गिरोह के तीन प्रमुख सदस्यों को गिरफ्तार किया। यह गिरोह सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर विभिन्न चिकनकारी कम्पनियों के नाम से फर्जी पेज बनाकर ऑनलाइन ठगी करता था। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और बैंकिंग साधन बरामद हुए हैं, जो ठगी की कार्यप्रणाली को उजागर करते हैं।

इस घटना का पूरा विवरण

24 अप्रैल 2025 को उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने कोलकाता के इकबालपुर थाना क्षेत्र से एक संगठित गिरोह के सरगना सहित तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की। यह गिरोह सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर विभिन्न चिकनकारी कम्पनियों के नाम से फर्जी पेज बनाकर ग्राहकों से कपड़े के ऑनलाइन ऑर्डर लेकर ठगी करता था। गिरोह के सदस्य ग्राहकों से धोखाधड़ी करके लाखों रुपये की ठगी कर चुके थे।

गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण

मो0 सईद हुसैन उर्फ जीषान (उम्र 19 वर्ष)

-पता: 4th फ्लोर, मीना मंजिल, 8 भूकैलाष रोड, मोमिनपुर, खिदिरपुर थाना इकबालपुर, कोलकाता

-शिक्षा: होटल मैनेजमेंट

-भूमिका: गिरोह का प्रमुख सदस्य, सोशल मीडिया पर फर्जी पेज बनाकर ठगी करता था।

-मो0 जाबिर (उम्र 25 वर्ष)

-पता: 1/1 एच/7 बंगाली शाह वारसी लेन, थाना इकबालपुर, कोलकाता

-शिक्षा: बीकॉम

-भूमिका: पहले विप्रो कम्पनी में काम करता था और बाद में एक धोखाधड़ी करने वाली कंपनी में एजेंट के रूप में कार्य करता था। जाबिर ने सईद हुसैन और जैनब जाकिर को ठगी करने के लिए प्रेरित किया।

जैनब जाकिर (उम्र 19 वर्ष)

पता: 1/1 रामेष्वरषाह रोड, थाना बनियापुकुर, कोलकाता

-शिक्षा: 12वीं

-भूमिका: सईद हुसैन के साथ मिलकर फर्जी पेज बनाकर ठगी करने का कार्य करती थी।

इनके पास से बरामदगी

-गिरफ्तारी के बाद अभियुक्तों से कई महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज़ बरामद हुए, जिनका इस्तेमाल ठगी करने में किया जाता था:

03 मोबाइल फोन

05 डेबिट/क्रेडिट कार्ड

01 पासबुक

01 आधार कार्ड

01 पैन कार्ड

01 वाईफाई राउटर मय चार्जर

ठगी की प्रक्रिया, जानिये पूरा हाल

यह गिरोह सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर विभिन्न चिकनकारी कम्पनियों के नाम से फर्जी पेज बनाता था। सईद हुसैन और जैनब जाकिर ने विशेष रूप से इंस्टाग्राम पर विभिन्न चिकनकारी कंपनियों के नाम से पेज बनाए थे, जैसे कि “नजाकत चिकन” और “thechikankari”। इन पेजों पर कपड़ों की फोटो डालकर, ग्राहकों से ऑनलाइन ऑर्डर लिए जाते थे। इसके बाद, ग्राहकों को कूटरचित इनवॉइस और दस्तावेज भेजे जाते थे, जिसमें कम्पनियों के जीएसटी नंबर और पते का उपयोग किया जाता था।

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पूरे भारत में सैकड़ों लोगों से ठगी की गई थी

इसके बाद, इनवॉइस को व्हाट्सएप के माध्यम से ग्राहकों को भेजा जाता था और विभिन्न UPI और बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर कराए जाते थे। इन खातों के एटीएम कार्ड सईद हुसैन के पास होते थे, जो उन पैसों को एटीएम के माध्यम से कैश में निकालता था और गिरोह के अन्य सदस्यों को उनके हिस्से के अनुसार वितरित करता था। इस प्रक्रिया के द्वारा पूरे भारत में सैकड़ों लोगों से ठगी की गई थी।

गिरफ्तारी की प्रक्रिया और जांच

एसटीएफ को इस गिरोह के बारे में सूचना मिली थी कि वे सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर चिकनकारी कंपनियों के नाम से फर्जी पेज बनाकर ठगी कर रहे थे। इस सूचना के आधार पर एसटीएफ की साइबर टीम ने गहरी जांच शुरू की और मुखबिरों से जानकारी एकत्र की। इसके बाद 7 अप्रैल 2025 को हजरतगंज, लखनऊ में एक शिकायत दर्ज की गई, जिसमें एक चिकनकारी कंपनी के नाम से फर्जी इंस्टाग्राम पेज बनाकर ठगी की जा रही थी। इसी जांच के आधार पर 24 अप्रैल 2025 को एसटीएफ टीम ने कोलकाता के इकबालपुर थाना क्षेत्र से अभियुक्तों को गिरफ्तार किया और उनके पास से ठगी में इस्तेमाल होने वाले उपकरण बरामद किए।

आगे की कार्रवाई

गिरफ्तार अभियुक्तों से प्राप्त जानकारी के आधार पर एसटीएफ अन्य गिरोह के सदस्यों की तलाश में जुटी है। साथ ही, अभियुक्तों से बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का फॉरेंसिक परीक्षण किया जा रहा है, ताकि ठगी की पूरी प्रक्रिया और गिरोह के अन्य सदस्यों का पता चल सके। गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है। उन्हें लखनऊ के थाना हजरतगंज में दाखिल किया गया है, जहां उनके खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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