एसएमयूपीन्यूज,लखनऊ । उत्तर प्रदेश एटीएस की नोएडा यूनिट और गाज़ियाबाद पुलिस की साहिबाबाद थाना टीम ने संयुक्त अभियान में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। टीम ने खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) से जुड़े मोस्ट वांटेड फरार आतंकी मंगत सिंह उर्फ मंगा को 30 वर्षों के लंबे फरारी के बाद गिरफ्तार कर लिया है। मंगत सिंह की गिरफ्तारी को खालिस्तानी नेटवर्क के खिलाफ चल रही कार्रवाई में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।
25,000 का इनामी, चार गंभीर मामले दर्ज
मंगत सिंह पर गाज़ियाबाद पुलिस द्वारा 25,000 का इनाम घोषित किया गया था। उसके खिलाफ थाना साहिबाबाद में दर्ज मामलों में टाडा, हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट और फिरौती जैसे चार गंभीर मुकदमे शामिल हैं। मंगत सिंह को 1993 में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, लेकिन 16 अगस्त 1995 को जमानत पर रिहा होने के बाद वह कानून से बचते हुए फरार हो गया था।
गुप्त सूचना से मिली गिरफ्तारी में सफलता
ATS को खुफिया इनपुट मिला था कि मंगत सिंह इस समय पंजाब के जिला अमृतसर के गांव टिम्मोवाल, थाना खिलचियाँ में छिपा हुआ है। इस सूचना को तकनीकी और सहयोगी एजेंसियों की मदद से पुष्ट किया गया और फिर एक संयुक्त अभियान चलाकर बुधवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया।गिरफ्तार आरोपी मंगत सिंह पुत्र गुरुदत्त, मूल रूप से गाज़ियाबाद का निवासी था और KCF का सक्रिय सदस्य रहा है।
परिवारिक पृष्ठभूमि भी आतंक से जुड़ी
गौरतलब है कि मंगत सिंह का सगा भाई संगत सिंह, खालिस्तान कमांडो फोर्स का प्रमुख (चीफ) था, जिसकी वर्ष 1990 में पंजाब पुलिस के साथ मुठभेड़ में मौत हो गई थी। मंगत सिंह भी उसी संगठन की गतिविधियों में वर्षों तक सक्रिय रूप से शामिल रहा।
अब होगा कानूनन हिसाब
मंगत सिंह को गिरफ्तारी के बाद गाज़ियाबाद लाया गया है और अब उससे संबंधित मामलों में आगे की कानूनी प्रक्रिया चलाई जा रही है। एटीएस और स्थानीय पुलिस की इस सफलता को खालिस्तानी आतंकवाद के विरुद्ध एक निर्णायक कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है।