एसएमयूपीन्यूज, ब्यूरो।जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कई अहम और ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की आपात बैठक में सिंधु जल समझौते को निलंबित करने, अटारी-वाघा सीमा को बंद करने और पाकिस्तानी उच्चायोग को सीमित करने जैसे कड़े कदमों पर मुहर लगाई गई है।
हमले में 26 की मौत, देश में शोक और रोष
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले में 25 भारतीय नागरिकों के साथ एक नेपाली नागरिक की भी मौत हो गई थी। इस जघन्य हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है। सीसीएस ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।
सख्त कदमों का ऐलान: पाकिस्तान से रिश्ते लगभग समाप्त
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस वार्ता में बताया कि सरकार ने पाकिस्तान के प्रति अब तक के सबसे कठोर कदम उठाने का फैसला किया है:सिंधु जल समझौता तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। यह प्रतिबंध तब तक जारी रहेगा जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ विश्वसनीय और स्थायी कदम नहीं उठाता।अटारी-वाघा सीमा को 01 मई 2025 से पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। वैध अनुमतियों के साथ जो लोग पहले से भारत में हैं, उन्हें लौटने का मौका 30 अप्रैल तक मिलेगा।
पाकिस्तानियों के वीजा रद्द कर दिए गए
सार्क वीजा छूट योजना के तहत पाकिस्तानियों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं। वर्तमान में भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं।पाकिस्तानी उच्चायोग को सीमित किया गया है — रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को “पर्सोना नॉन ग्राटा” घोषित कर एक सप्ताह के भीतर देश छोड़ने को कहा गया है। भारत भी इस्लामाबाद से अपने सैन्य सलाहकारों को वापस बुलाएगा। उच्चायोगों की संख्या 55 से घटाकर 30 की जा रही है।
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अंतरराष्ट्रीय समर्थन और भारत की चेतावनी
विदेश सचिव ने बताया कि विश्व के अनेक देशों ने भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की है और आतंकवाद के विरुद्ध भारत के रुख को समर्थन दिया है। सीसीएस ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद के दोषियों और उनके प्रायोजकों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। बैठक में देशभर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई और सभी सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस हमले में शामिल सभी आतंकियों और उनके मददगारों को न्याय के कठघरे में लाया जाए।