लखनऊ । अपराधियों पर सतत निगरानी व अपराध पर नियन्त्रण के लिए गठित की गयी “ईगल मोबाइल टीम का रिजर्व पुलिस लाइन से शुभारम्भ करते हुये पुलिस आयुक्त अमरेंद्र कुमार सेंगर द्वारा हरी झण्डी दिखाकर उनको अपने-अपने कार्यक्षेत्र में रवाना किया गया ।अब राजधानी की गलियों में अपराधियों के लिए छुपना आसान नहीं रहेगा, क्योंकि राजधानी पुलिस ने अपनी नजरों को और पैनी कर दिया है।

शुक्रवार से लखनऊ पुलिस ने एक अत्याधुनिक और स्मार्ट पहल की शुरुआत की गई, जिसका नाम है ईगल मोबाइल – क्रिमिनल सर्विलांस एंड मॉनिटरिंग टीम।इस टीम को खास मकसद के साथ गठित किया गया है अपराधियों पर चौबीसों घंटे निगरानी रखना, उनकी गतिविधियों की जानकारी जुटाना और वक्त रहते उन पर कार्रवाई करना।
हर थाने में होगी “ईगल” की तैनाती
पुलिस आयुक्त लखनऊ कमिश्नरेट और संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय) की अगुवाई में शुरू हुई इस योजना के तहत हर थाने में एक दोपहिया वाहन पर दो प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों की टीम तैनात की जाएगी। इन टीमों को खास तकनीकी उपकरणों से लैस किया गया है, जिससे वे फील्ड में एक्टिव रहकर संदिग्धों और अपराधियों की सटीक जानकारी जुटा सकें।टीम का नाम ‘ईगल’ यूं ही नहीं रखा गया -यह टीम एक शिकारी पक्षी की तरह अपराधियों की हर हरकत पर नज़र रखेगी।
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क्या करेगी ईगल मोबाइल टीम
प्रत्येक थाने की ईगल टीम को एक खास मोटरसाइकिल दी गई है, ताकि वे फुर्ती से मूवमेंट कर सकें। टीम को क्षेत्र के History-Sheeter, गैंग मेंबर, सक्रिय अपराधियों और जेल से छूटे अपराधियों की पूरी सूची दी गई है।हर दिन कम से कम 10 अपराधियों का डोज़ियर तैयार किया जाएगा — जिसमें उनकी पिछली गतिविधियाँ, पते, संपर्क, फोटो और अन्य विवरण शामिल होंगे। डोज़ियर तैयार होने के बाद हर दिन 20 अपराधियों की निगरानी की जाएगी। सभी टीमों का एक व्हाट्सएप ग्रुप होगा, जिसमें दिनभर का काम रिपोर्ट किया जाएगा।
जेल से छूटे अपराधियों की सूची रोज भेजी जाएगी
जेल से छूटे अपराधियों की सूची रोज भेजी जाएगी और संबंधित टीम उनके घर जाकर सत्यापन करेगी। थाने के अपराधी एलबम रजिस्टर को भी नियमित रूप से अपडेट किया जाएगा। DCRB कार्यालय के लिए डोज़ियर स्कैन करके भेजे जाएंगे और SHO के माध्यम से उन्हें Trinetra App पर अपलोड किया जाएगा। इन पुलिसकर्मियों को सामान्य ड्यूटी से मुक्त रखा जाएगा ताकि इनका फोकस केवल निगरानी पर बना रहे। जिले में बने DCRB कंट्रोल रूम के माध्यम से रोज की रिपोर्टिंग होगी और पूरे अभियान की मॉनिटरिंग की जाएगी। हर महीने दो बैठकें DCP Crime की अध्यक्षता में होंगी, जिनमें समीक्षा की जाएगी।