लखनऊ। राजधानी के गोमती नगर स्थित भारतीय रिजर्व बैंक की लखनऊ इकाई के अधिकारी ने 20 की संख्या में नकली नोट मिलने पर महानगर थाने मेंएफआईआर दर्ज करायी है। भारतीय रिजर्व बैंक में नकली नोट मिलने के बाद से अधिकारियों ने सतर्कता और सख्ती बढ़ा दी है। अब यही कहा जा सकता है कि जिस पर ज्यादा भरोसा लोग करते है वहीं पर नकली नोटो का जाल मिलना चिंता का विषय है।

नकली नाेट कितने के हैं अभी इसकी जानकारी की जा रही

महानगर थाना प्रभारी अखिलेश मिश्रा ने शुक्रवार को बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से मिली तहरीर पर नकली नोट से संबंधित एफआईआर दर्ज की गयी है। भारतीय रिजर्व बैंक की लखनऊ इकाई से जुड़ी एजेसिंयों में जहां से नकली नोट आने की सम्भावना है, उनसे पूछताछ की जायेगी। नकली नाेट कितने के हैं अभी इसकी जानकारी की जा रही है।

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इससे पूर्व भी दर्ज कराई जा चुकी है एफआईआर

थाना प्रभारी ने बताया कि वर्तमान समय में महानगर थाना ही भारतीय रिजर्व बैंक का जोनल थाना घोषित है। इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक की समस्त एफआईआर यहीं पर दर्ज की जाती है। इससे पूर्व भी नकली नोट मिलने पर महानगर थाने में एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं, जिन पर कार्रवाई भी हुई हैं।

नकली नोटों का RBI तक पहुंचना: खतरे की घंटी

भारत जैसे विशाल अर्थतंत्र में अगर रिजर्व बैंक तक नकली नोट पहुंचने लगें, तो यह साफ संकेत है कि मुद्रा तस्करी और फर्जी नोट रैकेट अब और शातिर हो चुके हैं। यह घटना महज़ 20 नोटों तक सीमित नहीं है, बल्कि सिस्टम में सेंध का एक संकेत हो सकती है।

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अब ज़रूरत है सख्ती और स्मार्टनेस की

आरबीआई द्वारा नकली नोटों की पहचान की प्रक्रिया को और अधिक आधुनिक बनाने की आवश्यकता है। एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय और निगरानी ज़रूरी है।रिजर्व बैंक की सीमाओं के भीतर नकली नोटों का प्रवेश दिखाता है कि जालसाजों की पहुंच कहीं भी हो सकती है। ऐसे में निगरानी तंत्र को अपग्रेड करना और हर स्तर पर सतर्क रहना ही एकमात्र उपाय है।

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