लखनऊ । खुशी के माहौल में की गई एक लापरवाह हर्ष फायरिंग ने मातम में बदल दिया एक घर का माहौल। लखनऊ के काकोरी क्षेत्र में एक विदाई समारोह के दौरान हुई गोलीबारी में एक व्यक्ति की दर्दनाक मौत हो गई। लेकिन पुलिस की तेज़ी और सूझबूझ से महज 24 घंटे में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी के पास से लाइसेंसी रायफल और जिंदा कारतूस सहित अन्य साक्ष्य भी बरामद किए गए हैं।
विदाई समारोह के दौरान हुई हर्ष फायरिंग में बुजुर्ग को लगी थी गोली
घटना 16 अप्रैल 2025 की है, जब काकोरी थाना क्षेत्र के गहलवारा गांव में चाँद बाबू उर्फ चन्दू की पुत्री की विदाई हो रही थी। इसी दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने समारोह में हर्ष फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें वहां मौजूद शमशेर उर्फ शेरा को गोली लग गई और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।शमशेर के बेटे नफीस ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके आधार पर मु0अ0सं0 114/2025 धारा 106 बीएनएस के तहत अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
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तेज़ कार्रवाई में जुटी पुलिस, 24 घंटे में बड़ी सफलता
जैसे ही घटना की जानकारी मिली, थाना काकोरी की पुलिस टीमों का गठन कर दिया गया। पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस, भौतिक साक्ष्य और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर जांच तेज़ की। जांच में सामने आया कि इमरान गाजी पुत्र जब्बार, निवासी काकोरी मोड़, थाना पारा, ने ही फायरिंग की थी। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने 17 अप्रैल 2025 को कठिंगरा अंडरपास से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
क्या-क्या बरामद हुआ आरोपी से
आरोपी इमरान गाजी की निशानदेही पर पुलिस ने घटनास्थल पर प्रयुक्त हथियार भी बरामद किए:
– 01 लाइसेंसी रायफल (.315 बोर)
– 18 जिंदा कारतूस (.315 बोर)
– 02 खोखा कारतूस (.315 बोर)
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फायरिंग का मकसद: दिखाना चाहता था दबदबा
पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में यह बात सामने आई कि आरोपी ने समाज में वर्चस्व और दबदबा दिखाने के लिए इस तरह की फायरिंग की थी। लेकिन उसका यह ‘शौक’ अब कानून के शिकंजे में आ गया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस मामले में और गहराई से जांच कर रही है कि कहीं कोई अन्य व्यक्ति या साजिश भी इसके पीछे तो नहीं।यह मामला एक बार फिर ये दर्शाता है कि हर्ष फायरिंग महज ‘मौज-मस्ती’ नहीं, बल्कि कानूनन अपराध है, जो किसी की जान भी ले सकता है। लखनऊ पुलिस की सक्रियता ने न सिर्फ पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया बल्कि समाज को भी एक सख्त संदेश दिया है।