एसएमयूपीन्यूज ब्यूरो।मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा को गुरुवार देर शाम भारत लाए जाने के बाद एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया। उसे पालम एयरपोर्ट से सीधे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। जहां आधी रात तक चली सुनवाई में कोर्ट ने उसे 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया। एनआईए ने 20 दिन की रिमांड की मांग की थी।
पूछताछ के लिए एनआईए मुख्यालय ले जाया गया
राणा को कोर्ट से एनआईए मुख्यालय लाने के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए। शुक्रवार सुबह से उससे पूछताछ शुरू होगी। पालम एयरपोर्ट से लेकर पटियाला हाउस कोर्ट तक के मार्ग को सील किया गया था।
कोर्ट में पेश किए गए ठोस सबूत
अदालत में राणा का प्रतिनिधित्व लीगल सर्विस अथॉरिटी द्वारा नियुक्त वकील पीयूष सचदेवा ने किया, जबकि एनआईए की ओर से वरिष्ठ वकील दयानन कृष्णनन ने दलीलें दीं। एनआईए ने कहा कि तहव्वुर राणा की रिमांड आवश्यक है, क्योंकि उसके पास 26/11 हमलों की साजिश से जुड़ी अहम जानकारी हो सकती है। अदालत में उसके द्वारा भेजे गए ई-मेल और अन्य दस्तावेजी सबूत पेश किए गए।
डेविड हेडली से संपर्क और साजिश की जानकारी
एनआईए के अनुसार, राणा ने हमले से पहले डेविड कोलमैन हेडली के साथ ऑपरेशन की योजना पर चर्चा की थी। हेडली ने उसे ई-मेल के ज़रिए अपनी गतिविधियों, सामान और अन्य साझेदारों—जैसे इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान—की जानकारी दी थी।
26/11: दो दिनों तक चला था आतंक का तांडव
26 नवंबर, 2008 को दस आतंकवादियों ने मुंबई के कई प्रतिष्ठित स्थानों पर एक साथ हमला किया था। इसमें छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल और नरीमन हाउस शामिल थे। इस हमले में 160 से अधिक लोगों की जान गई थी और सैकड़ों घायल हुए थे।
एकमात्र जीवित आतंकी अजमल कसाब को फांसी दी गई थी
हमले के दौरान नौ आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया, जबकि अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया। बाद में उसे न्यायिक प्रक्रिया के बाद फांसी दी गई।