लखनऊ ।राजधानी के गाजीपुर थाना क्षेत्र में आज तड़के एक बेहद खतरनाक और हैरान करने वाला हादसा सामने आया। मिट्टी से लदा एक बेकाबू डंपर अचानक एक दंत चिकित्सक के घर में घुस गया। डंपर की रफ्तार इतनी तेज थी कि वह पहले सड़क किनारे लगे लोहे के खंभे को तोड़ता हुआ सीधे घर के दरवाजे तक पहुंच गया। गनीमत रही कि डंपर वहीं बंद हो गया, वरना बड़ा हादसा तय था।
जोरदार धमाके से लोगों की खुल गई नींद
यह हादसा सुबह करीब चार बजे का है, जब इलाके में सन्नाटा पसरा था। तभी एक जबरदस्त धमाका हुआ, जिससे आसपास के लोग घबरा गए और घरों से बाहर निकल आए। देखा तो डंपर ‘सांई दंत एवं मुख्य चिकित्सालय’ के बाहर खड़ा था, जिसकी चपेट में आकर डॉक्टर आलोक कुमार राय के घर के बाहर लगी एंगल और गमले बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।डंपर चालक फरार, पुलिस खाली हाथसूचना मिलने पर गाजीपुर थाने की पुलिस मौके पर तो पहुंची, लेकिन घटनास्थल से चालक गायब मिला। डंपर पर किसी प्रकार की पहचान नहीं थी और पुलिस यह तक नहीं जान पाई कि यह डंपर किसका है। सवाल यह उठता है कि जब डंपर सार्वजनिक सड़कों पर फर्राटा भरते घूम रहे हैं, तो पुलिस की नाक के नीचे यह सब कैसे हो रहा है?
लोहे का खंभा बना सुरक्षा कवच
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर लोहे का खंभा डंपर को न रोकता, तो वह सीधे डॉक्टर के बेडरूम तक जा सकता था। हादसे की भयावहता को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि डंपर काफी तेज रफ्तार में रहा होगा। यह एक चमत्कार ही है कि किसी को चोट नहीं आई।पुलिस की नाकामी और सिस्टम पर सवालस्थानीय लोगों ने पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि इंदिरा नगर और गाजीपुर थाना क्षेत्रों में बिना पुलिस की मिलीभगत के रिहायशी इलाकों में रात के समय डंपरों का यूं दौड़ना संभव नहीं। यह क्षेत्र अवैध खनन माफियाओं का अड्डा बनता जा रहा है, जहां रात के अंधेरे में मिट्टी लदे भारी-भरकम डंपर बेकाबू रफ्तार से चलते हैं और कोई उन्हें रोकने वाला नहीं है।
पुलिस को क्या किसी बड़े हादसे का इंतजार
सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले कई नागरिकों ने बताया कि यह कोई पहली घटना नहीं है। इंदिरा नगर और गाजीपुर क्षेत्र में रात के समय डंपरों की रफ्तार और उनकी संख्या में इजाफा हुआ है। इसके पीछे कौन लोग हैं, यह सबको पता है सिवाय पुलिस के। क्या किसी बड़े हादसे का इंतजार है?यह घटना एक चेतावनी है कि अगर समय रहते इन अवैध डंपरों की गति पर लगाम नहीं लगाई गई, तो अगला हादसा और भी गंभीर हो सकता है। सवाल यह है कि अब भी प्रशासन जागेगा या किसी जान-माल के नुकसान के बाद कार्रवाई होगी?