लखनऊ।उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बार फिर प्रकृति ने चौंकाया है। हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता आईबी सिंह के गोमतीनगर स्थित विभव खंड आवास में दुर्लभ रेड सैंडबोया (Red Sand Boa) प्रजाति का सांप मिला है। यह प्रजाति न सिर्फ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत संरक्षित है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय तस्करी बाजार में इसकी कीमत करोड़ों में आंकी जाती है।
अधिवक्ताओं ने देखने के बाद वन विभाग को दी सूचना
यह दुर्लभ सांप आई.बी. सिंह के चैंबर में उस समय देखा गया जब वहां मौजूद जूनियर वकील तुषार तिवारी, निश्चल वर्मा और दीपेश सिंह किसी दस्तावेज़ पर काम कर रहे थे। सांप को देखकर घबराने की बजाय, इन तीनों ने साहस और सूझबूझ दिखाते हुए उसे सुरक्षित तरीके से पकड़ा और तुरंत लखनऊ प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) को इसकी सूचना दी।सूचना मिलते ही प्राणि उद्यान की विशेषज्ञ टीम, जिसमें वन्यजीव विशेषज्ञ देवयानी सिंह चौहान शामिल थीं, मौके पर पहुंची और सांप को अपने कब्जे में लिया। सांप को चिड़ियाघर में सुरक्षित रखा गया है और स्वास्थ्य जांच के बाद उसे वन विभाग को सौंपा जाएगा।
क्या है रेड सैंडबोया?
रेड सैंडबोया (Eryx johnii) एक गैर विषैला सांप है, जो अपनी मोटी त्वचा और दो सिर जैसे दिखने वाले सिरे के लिए जाना जाता है। इसे ‘दो मुंह वाला सांप’ भी कहा जाता है। इसकी विशेष आकृति और व्यवहार के कारण तांत्रिक क्रियाओं, झूठे अंधविश्वासों और तस्करी में इसका खूब इस्तेमाल होता है। भारत में यह प्रजाति वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-4 के तहत संरक्षित है, और इसके शिकार या व्यापार पर पूर्ण प्रतिबंध है।
बाजार में क्यों है करोड़ों की कीमत?
रेड सैंडबोया को लेकर अंधविश्वास और तांत्रिक मान्यताओं के कारण इसे समृद्धि, धन और सौभाग्य लाने वाला सांप माना जाता है। यही कारण है कि इसकी अंतरराष्ट्रीय काले बाजार में करोड़ों रुपये तक पहुंच जाती है। हालांकि, भारत में इसके व्यापार पर पूरी तरह से कानूनी प्रतिबंध है और तस्करी पर कड़ी सजा का प्रावधान है।
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि प्राकृतिक धरोहरों की सुरक्षा और संरक्षण में आम नागरिकों की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितनी प्रशासन की। वरिष्ठ अधिवक्ता आई.बी. सिंह के सहयोग और चैंबर के वकीलों की सतर्कता व संवेदनशीलता के लिए वन विभाग ने सराहना भी की है। गोमतीनगर प्रभारी निरीक्षक ने राजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि रेड सैंडबाेया को वन विभाग की टीम लेकर जा रही है।