लखनऊ। यूपी की राजधानी की साइबर क्राइम सेल व थाना मदेयगंज की संयुक्त पुलिस टीम द्वारा, देशभर में भोले-भाले लोगों को बैंकॉक(थाईलैण्ड ) में डाटा इन्ट्री व सेल्स मार्केटिंग की जॉब दिलाने का प्रलोभन देकर अनाधिकृत रूप से बैंकाक से म्यांमार ले जाकर उन्हें बंधक बनाकर साइबर ठगी करवाने वाले गिरोह के एक वांछित अन्तर्राष्ट्रीय साइबर ठग को किया गया गिरफ्तार। इनके कब्जे से चार स्मार्ट मोबाइल फोन, दो पासपोर्ट, तीन एटीएम कार्ड, 22 चैकबुक व पासबुक, एक सिमकार्ड व अन्य सामग्री बरामद किया है।

बंधक बनाकर साइबर ठगी का करवाते थे काम

थाना मदेयगंज क्षेत्र निवासी वादी सुल्तान सलाहउद्दीन रब्बानी व सादिक मिर्जा के द्वारा एजेन्ट जावेद इकबाल, मो. अहमद खान व जीशान खान तथा उनके साथियों द्वारा उक्त वादी को बैंकाक(थाईलैण्ड) में डाटा इन्ट्री का काम दिलाने के बहाने बैंकाक(थाईलैण्ड) भेजने के नाम पर बैंकाक से अनाधिकृत रूप से म्यांमार ले जाकर पासपोर्ट छीनकर बंधक बनाकर साइबर ठगी का काम करवाने के सम्बन्ध में मुकदमा दर्ज कराया गया था।उक्त दोनों वादी मुकदमा म्यांमार में साईबर अपराधियों के चंगुल से म्यांमार-थाईलैण्ड-चीन सरकार की सेनाओं के द्वारा चलाये गये रेस्क्यू ऑपरेशन से मुक्त होकर 11 मार्च को अपने घर पहुंचे थे।

दो अभियुक्तों को पहले ही भेजा जा चुका है जेल

म्यांमार में एक चाईनीज अभिनेता WANG XING (XING XING) के गुमशुदा हो जाने के कारण चीन-म्यांमार-थाईलैण्ड सरकार/सेना द्वारा चलाये गये सर्च ऑपरेशन में म्यांमार के K.K. PARK में चल रहे कॉल सेन्टरों में बंधक बनाकर विभिन्न देशों के लोगों से साईबर फ्रॉड कराये जाने की जानकारी मिलने पर उन्हें मुक्त कराकर उन लोगों को उनके देश के मंत्रालाय से सम्पर्क किया गया। जिसमें भारत सरकार/विदेश मंत्रालय के द्वारा सेना के सहयोग से देश के करीब 540 पीड़ितों को मुक्त करा कर वापस लाया गया । जिसमें उत्तर प्रदेश के 38 लोगों को वापस लाया गया था। उक्त अभियोग से सम्बन्धित अभियुक्त जावेद इकबाल, मो. अहमद खान उर्फ भैय्या को 15 मार्च को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

अभियुक्त का एक साथी म्यामार में करता है साइबर ठगी का काम

उक्त अभियोग से सम्बन्धित वांछित अभियुक्त ज़ीशान खान पुत्र वाजिद अलीखान निवासी मंसूरनगर, चौक लखनऊ, मूलपता- पठनौदा बस स्टैण्ड, औरंगाबाद थाना मैगलगंज लखनऊ उम्र करीब 36 वर्ष को मंगलवार को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जा रहा है।गिरफ्तार अभियुक्तगणों से पूछतांछ करने पर अभियुक्त जावेद इकबाल व उसके साथियों द्वारा बताया कि साहब म्यामार में मेरा मित्र रफ्फाक राही एक कम्पनी में HR के पद पर नियुक्त है। जो कि म्यामार में साईबर ठगी का काम करता है । जिसके कहने पर हम लोग थाइलैण्ड/बैकॉक में डाटा एन्ट्री के नाम पर नौकरी दिलवाने का लालच देकर लोगों को बैकॉक भेज देते है वहाँ से रफाक राही के लोग उन व्यक्तियो को अनाधिकृत रुप से म्यामार तक पहुँचाते है तथा वहाँ पर उन लोगों से पासपोर्ट छीनकर, उन्हें बन्धक बनाकर डाटा एन्ट्री का काम न करवाकर जबरदस्ती साईबर ठगी का काम करवाते है।

लड़कों को भेजने पर 500 डालर प्रति व्यक्ति, मिलता था

जो व्यक्ति वहाँ से वापस आने की इच्छा प्रकट करता है तो उसे 03 लाख रुपये जमा करने होते है जब ही रफाक उनको वापस उनके देश भेजता है। क्योकि लड़को को भेजने का हमारे समूह को 500 डालर प्रति व्यक्ति, मिलता था। हमारे इस कार्य में मेरे अन्य सहयोगी लड़के सहयोग करते है, जो भिन्न-भिन्न शहरों से लोगों के बैंक खाते खरीदते हैं, जिनमें हम, हमारे विदेश में वैठे साथी रफ्फाक राही, व उसके सहयोगी जो टेलीग्राम, फेसबुक, लिंकडिन आदि सोशल मीडियो एप के माध्यम से लोगों से सम्पर्क कर इन्वेस्टमेण्ट/ट्रेडिंग के नाम पर साईबर ठगी करते हैं, को हमारे द्वारा अपने सहयोगियों के माध्यम से खुलवाये गये खातों को उपलब्ध कराया जाता है, जिनमें हमारे विदेश में बैठे सहयोगियों के द्वारा साईबर ठगी का पैसा मंगवाया जाता है। जिसे हमारे सहयोगी लड़कों के द्वारा अलग-अलग शहरों से एटीएम के माध्यम से निकाल लिया जाता है।

ऑनलाइन तथा कैश से USDT से कर लेते हैं पर्चेस

उसके पश्चात मैं अपने सहयोगी लड़को को उनका हिस्सा देकर शेष धनराशि उनसे अपने कुछ सुरक्षित खातों में, उनको फ्रीज होने से बचाने के लिये एटीएम के माध्यम से अपने सुरक्षित खातों में अलग-अलग शहरों से डिपोसिट करा लेता हूँ। उसके पश्चात मेरे तथा मो. अहमद खान के द्वारा उस ठगी के पैसे को एटीएम से निकाल कर उस पैसे से अपने डिजीटल वॉलेट जैसे – Network Ethereum(ERC20) , Network – Tron (TRC20) आदि में ऑनलाइन तथा कैश से USDT पर्चेस कर लेते हैं। तथा उस USDT को अपने विदेश में बैठे साथियो को उनके हिस्से के रूप में भिन्न भिन्न डिजिटल वॉलेट में ट्रान्सफर कर देते हैं।

जीशान खान लोगों से करता था संपर्क

इस काम में जीशान खान लोगों से सम्पर्क कर उन्हें विदेश भेजने में सहयोग करता है। उपरोक्त अभियुक्त जावेद इकबाल तथा उसके सहयोगियों के मध्य व्हॉटसप के माध्यम से जिन खातों का आदान प्रदान किया गया है, उनको साईबर पुलिस पोर्टल पर चेक पर पाया गया कि उक्त खातों में अधिकाँशतः खातों में देश के विभिन्न राज्यों करीब 41 साईबर शिकायतें दर्ज हैं। अभियुक्त मो. अहमद खान उपरोक्त से बरामद दो पोसपोर्ट के सम्बन्ध में पूछने पर वताया कि हम लोग इन दोनों को साईबर सिलेवरी हेतु बैंकांक भेजने के बहाने अनाधिकृत रूप से म्यांमार भेजने बाले थे।

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