महाकुम्भनगर। प्रयागराज महाकुम्भ में इन दिनों कई स्थानों पर लगे पोस्टर चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रयागवाल एवं तीर्थ पुरोहितगण की ओर से प्रकाशित पोस्टर में मेला प्रशासन पर कई गम्भीर आरोप लगाये गये हैं।पोस्टर में लिखा है कि मेला प्रशासन प्रयागराज मेला को पिकनिक स्पाट बनाने का कार्य कर रही है जिससे श्रद्धालु मर्माहत हैं। आस्था, परम्परा, श्रद्धा मर रही है। प्रशासन कुम्भकर्णी निद्रा में सो रही है।

श्रद्धा के साथ ही परम्पराओं की हत्या

पोस्टर के बड़े अक्षरों में लिखा है सनातन धर्म के आस्था एवं श्रद्धा के साथ ही परम्पराओं की हत्या। पोस्टर के अनुसार प्रयागराज के तीर्थ यात्रियों एवं कल्पवासी सावधान प्रयागराज मेला प्राधिकरण के द्वारा तीर्थ यात्रियों व कल्पवासियों के साथ सौतेला व्यवहार कर आस्था एवं श्रद्धा की हत्या के साथ ही उन्हें मूलभूत सुविधा पानी, विद्युत तथा शौचालय की व्यवस्था पूर्ण नहीं हो सकी है। जो भूमि यात्रियों, कल्पवासियों की सुविधा के लिए उपलब्ध थी उसे भी संगम तट से दूर कर दिया गया।

आर्थिक विषमता के कारण बढ़ रहा धर्मान्तरण: देवजी भाई रावत

आर्थिक विषमता के कारण धर्मान्तरण बढ़ रहा है। कम्युनिस्ट व ईसाई मिशनरियां इसका लाभ उठाकर धर्मान्तरण कराने का काम करती हैं। यह बातें विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मंत्री व सामाजिक समरसता अभियान के प्रमुख देवजी भाई रावत ने महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर 17 में आयोजित अखिल भारतीय संत समागम को संबोधित करते हुए कही।उन्होंने बताया कि अनुसूचित समाज के बंधुओं को वैचारिक षड़यंत्र के तहत धर्म से विमुख करने का प्रयास हो रहा है। अनुसूचित जाति व जनजाति छात्रावासों में पढ़ने वाले बच्चों से सम्पर्क का काम चल रहा है।

अनुसूचित समाज के युवा अपने पैरों पर खड़े हो सकें

देवजी भाई रावत ने संत समागम में कहा कि विश्व हिन्दू परिषद हिन्दू समाज की विकृति को दूर करने के लिए गत 60 वर्षों से काम कर रही है। देशभर में समरसता संगोष्ठी के माध्यम से वैचारिक जागरण करने का काम हो रहा है। अनुसूचित समाज के युवा अपने पैरों पर खड़े हो सकें इसके लिए उन्हें हुनर सिखाने के लिए काम हो रहा है। प्रत्येक जिले में ऐसे बेरोजगार युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए ट्रेनिंग सेन्टर प्रारम्भ किये गये हैं।

प्रत्येक जिले में 500 परिवारों को चिन्हित किया जा रहा

हिन्दू परिवार मित्र योजना विहिप की ओर चल रही है। प्रत्येक जिले में 500 परिवारों को चिन्हित किया जा रहा है। प्रत्येक जिले में विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता सेवा बस्ती के एक—एक परिवार को गोद लेकर हिन्दू परिवार मित्र बनायेंगे। महापुरूषों की जयंतियां मनाई जा रही हैं। सपरिवार जाना और उनको अपने यहां बुलाना। छुआछूत शास्त्र आधारित नहीं है। हम सब हिन्दू आपस में भाई—भाई हैं।देवजी भाई रावत ने बताया कि समरस समाज समर्थ भारत ऐसा संदेश लेकर विश्व हिन्दू परिषद सामाजिक समरसता अभियान की ओर से सामाजिक समरसता यात्रा निकाली गयी है। इस दौरान सेवा बस्तियों में समरसता संगोष्ठी,समरसता महायज्ञ व संतों की पदयात्राएं भी हुई हैं।

महाकुम्भ में राष्ट्र रत्ना शोभायात्रा निकालेगी संस्कार भारती

भारतीय राष्ट्रीय स्वाधीनता की शताब्दी के प्रथम पुरश्चरण में कला और साहित्य की अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती प्रयागराज महाकुंभ में 22 जनवरी को भारत के निर्माण में योगदान देने वाली आदर्श महिला एवं वीरांगनाओं की शोभायात्रा के माध्यम से संपूर्ण विश्व में अलख जगाएगी। यह जानकारी संस्कार भारती के अखिल भारतीय मंचीय कला के संयोजक देवेन्द्र रावत ने दी।देवेन्द्र रावत ने बताया कि कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और संस्कार भारती के अ.भा. संगठन मंत्री अभिजीत गोखले करेंगे।

सांस्कृतिक नव जागरण का सन्देश दिया जाएगा

इस कार्यक्रम में भारत के राष्ट्रीय, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक व आध्यात्मिक क्षेत्रों में अपने शौर्य का, मेघा का और जीवट का प्रदर्शन करने वाली नारी-शक्ति को पुनर्जागरण का संदेश देने वाली योगदात्रियों जैसे रानी दुर्गावती, लोकमाता अहिल्याबाई होलकर, सावित्रीबाई फुले, महारानी लक्ष्मीबाई, रानी चेन्नम्मा, अवंती बाई, सुभद्रा कुमारी चौहान, लता मंगेशकर, नागालैंड की रानी गाइदिन्ल्यू, सुचेता कृपलानी, सरोजनी नायडू, रानी पद्मिनी, भगिनी निवेदिता, मीराबाई, महादेवी वर्मा, कल्पना चावला, गौरा देवी, तीलू रौतेली आदि सहित पूरे देश की सभी प्रान्तों से लगभग दो सौ दिव्य स्वरूपों की भव्य शोभायात्रा निकालकर उन्हें श्रद्धादर समर्पित करते हुए वर्तमान पीढ़ियों को राष्ट्रीय, सामाजिक और सांस्कृतिक नव जागरण का सन्देश दिया जाएगा।

नों ही इस शोभायात्रा का नेतृत्व करेंगी

उल्लेखनीय है कि यह वर्ष महीमसी मीराबाई का 525 वीं और चन्देलकन्या महारानी दर्गावती की 500 वीं और लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300 वीं जयंती का वर्ष है। यह तीनों ही इस शोभायात्रा का नेतृत्व करेंगी। इस झांकी में भारत के प्रत्येक प्रांत से आए हुए कलाकार युवा-शक्ति के जागरण, नए समाज के अभ्युदय और नए भारत के निर्माण के लिए संकल्पित संस्कार भारती के कार्यकर्ता अपनी- अपनी क्षेत्रीय विभूतियों को सज्जित और योजित करेंगे।

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