लखनऊ ।यूपी के शामली जिले के झिंझाना में रात को हुई मुठभेड़ में एसटीएफ ने चार बदमाशों ढेर कर दिया। इस दौरान गोली लगने से एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील घायल हो गए। मारे गए बदमाशों में मुस्तफा उर्फ कग्गा गिरोह का एक लाख रुपये का इनामी बदमाश अरशद भी शामिल है।इंस्पेक्टर की गम्भीर हालत देखते हुए गुरुग्राम के लिए रेफर कर दिया गया।

42 मिनट चला एनकाउंटर, 30 राउंड फायरिंग

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मुखबिर ने एसटीएफ को सूचित किया था कि अरशद अपने साथियों के साथ झिंझाना थाना क्षेत्र से गुजरने वाला है। इसके बाद एसटीएफ ने घेराबंदी की। बदमाश जब गुजरे तो उन्हें रोकने की कोशिश की। इस पर बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोली चलानी शुरू कर दी। एसटीएफ ने माकूब जवाब दिया। करीब 42 मिनट चली इस मुठभेड़ में अरशद और उसके तीन साथी घायल हो गए। इस दौरान करीब तीस राउंड फायरिंग की गई। घायलों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

कुख्यात अरशद के ऊपर था एक लाख का इनाम

कुख्यात अरशद थाना बेहट (सहारनपुर) से लूट के एक मामले में वांछित था। उस पर एडीजी जोन ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। अरशद पर लूट, डकैती और हत्या के एक दर्जन मामले दर्ज थे। मुठभेड़ के दौरान एसटीएफ टीम का नेतृत्व कर रहे इंस्पेक्टर सुनील को कई गोलियां लगी हैं। आनन-फानन में उन्हें करनाल के अमृतधारा अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां से उन्हें गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल रेफर किया गया है।

बदमाशों के पास से पिस्टल, तमंचे भी बरामद किए गए

सूचना पाते ही डीआईजी अजय साहनी, एसपी शामली रामसेवक गौतम मौके पर पहुंचे। बदमाशों के पास से पिस्टल, तमंचे भी बरामद किए गए हैं। वहीं बदमाशों की फायरिंग में इंस्पेक्टर सुनील कुमार को गोली लगी है। उन्हें गुरुग्राम के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एसटीएफ के अनुसार, सोनीपत के मनजीत को किसी मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई हुई है। वह पैरोल पर जेल से बाहर आया हुआ था। बाहर आने के बाद वारदातों को अंजाम दे रहा था। अब झिंझाना क्षेत्र में किसी बड़ी वारदात को करने की फिराक में बदमाश थे।एसटीएफ के अनुसार, एक लाख के इनामी अरशद पर शामली के अलावा सहारनपुर, हरियाणा के पानीपत में भी लूट, हत्या और अन्य मामले दर्ज हैं।

15 साल पहले पश्चिमी यूपी में था कग्गा गैंग का आतंक

बदमाश अरशद का साथी सोनीपत का मंजीत और हरियाणा के मधुबन का रहने वाला सतीश और एक अन्य को भी गोली लगी। इन तीनों की भी मौके पर मौत हो गई।पश्चिमी यूपी में वर्ष 2010 के दौरान कग्गा गैंग की दहशत थी। गैंग के सदस्य रंगदारी से लेकर अन्य वारदातों को अंजाम देते थे। खास तौर से गैंग की व्यापारियों में दहशत थी। वर्ष 2011 में कग्गा को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। उस समय ही इंस्पेक्टर सुनील कुमार एसटीएफ में आए थे। वह ददुआ, ठोकिया समेत कई के एनकाउंटर में शामिल रहे।

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