लखनऊ । प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट की घटनाओं को देखते हुए पुलिस महानिदेशक यूपी प्रशांत कुमार गंभीर हो चले है। डीजीपी द्वारा बैठक करके समस्त जिलों के पुलिस अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किया है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पटाखा बनाने वाली फैक्ट्रियों एवं गोदामों की चेकिंग करने के लिए विशेष चेकिंग अभियान चलाने का निर्देश जारी किया है।

लाइसेंस धारी फैक्ट्रियों का हो निरीक्षण

डीजीपी ने कहा कि जिन फैक्ट्रियों को लाइसेंस दिया गया है, उन सभी का निरीक्षण संबंधित क्षेत्राधिकारी, उपजिलाधिकारी, थाना प्रभारी और अग्निशमन सेवा की संयुक्त टीम द्वारा किया जाये। जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण की वीडियोग्राफी कराते हुए अपर पुलिस अधीक्षक व अपर जिलाधिकारी पुलिस आयुक्त, पुलिस उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक एवं जिलाधिकारी द्वारा अभिलेखीकरण करके उनका क्रॉस-सत्यापन भी अवश्य किया जाये।

समीक्षा तथा तद्नुसार यथोचित कार्रवाई हो

आकस्मिक आग की दुर्घटनाओं, खासकर रासायनिक आग से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा विशेष ध्यान देकर सुनिश्चित करायी जाये। प्रत्येक निरीक्षण में दुर्घटनाओं के समय काम करने वाले कर्मचारियों और प्रबंधकों द्वारा की जाने वाली तैयारियों की भी गहनता पूर्वक जांच, समीक्षा तथा तद्नुसार यथोचित कार्रवाई हो। पटाखों आदि के भण्डारन, बिक्री के स्थानों पर पर्याप्त मात्रा में अग्निशमन यत्रों की व्यवस्था सुनिश्चित हो। चेकिंग व निरीक्षण के दौरान बालश्रम की उपस्थिति एवं बालश्रम की किसी भी घटना के मामले में तत्काल प्रभावी कार्रवाई की जाये।

पटाखों के भण्डारण और बिक्री के स्थान को चेक कर लें

किसी भी अवैध या अनधिकृत कारखानों, भंडारण व अवैध बिक्रय,परिवहन की जानकारी के लिए राजस्व अधिकारियों, सम्बन्धित थाना और एलआईयू द्वारा गोपनीय रूप से जानकारी एकत्र कराना सुनिश्चित किया जाये। अवैध फैक्ट्री व भण्डारण पाये जाने की स्थितियों पर सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत उन्हें बंद करने के संबंध में तत्काल कार्रवाई की जाय। पटाखों के भण्डारण और बिक्री के स्थान उनके लाईसेंस व अनुमति के आधार पर निर्धारित व चिन्हित स्थानों पर ही हो। अन्यथा उनके विरूद्ध समुचित वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाये।

जांच के नाम पर अनावश्यक किसी को न किया जाए परेशान

बिक्री के प्रत्येक स्थान को स्पष्ट रूप से चिह्नित और सीमांकित किया जाना चाहिए ताकि यह आबादी और व्यस्त बाजार व रिहाइशी इलाकों से उचित दूरी पर व्यस्थापित किया जाये। यह विशेष रूप से ध्यान रखा जाये कि इस प्रकार के जांच विशेष तौर पर थोक विक्रेताओं के लिए की जानी चाहिए, छोटे व पार्ट टाइम विक्रेताओं को जांच के दौरान अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाये। उक्त कार्रवाई के पश्चात भविष्य में अगर आग, विस्फोट जैसी कोई घटना होती है तो संबंधित चौकी प्रभारी, बीट प्रभारी, थाना प्रभारी और वरिष्ठ अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित करके तद्नुसार उनके विरूद्ध आवश्यक कार्रवाई की जाये।

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