लखनऊ । राजधानी के थाना सैरपुर क्षेत्र में रहने वाले एक इंटरमीडिएट के छात्र द्वारा घर में रखे पुराने दवा का ओवरडोज़ खाकर आत्महत्या करने संबंधी वीडियो इंस्टाग्राम पर अपलोड किया गया था। उक्त वीडियो के संबंध में मंगलवार को समय 14.18 बजे मेटा कंपनी की तरफ से मुख्यालय पुलिस महानिदेशक स्थित सोशल मीडिया सेन्टर को ई-मेल के ज़रिए एलर्ट प्राप्त हुआ, जिसका तत्काल संज्ञान लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया।
डीजीपी प्रशांत कुमार द्वारा उक्त एलर्ट पर तत्काल कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया। जिसके अनुपालन में मुख्यालय सोशल मीडिया सेंटर द्वारा तत्काल छात्र की लोकेशन की जानकारी कन्ट्रोल रूम से प्राप्त कर कमिश्नरेट लखनऊ की मीडिया सेल को सूचित किया गया।
मेटा कंपनी द्वारा पुलिस मुख्यालय को भेजा गया था अलर्ट
मुख्यालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना व लोकेशन का कमिश्नरेट लखनऊ की मीडिया सेल द्वारा तत्काल संज्ञान लेकर उक्त सूचना व लोकेशन पर थानाध्यक्ष सैरपुर को पहुंचकर त्वरित आवश्यक कार्रवाई के लिए अवगत कराया गया। थानाध्यक्ष सैरपुर द्वारा मात्र 20 मिनट के अन्तराल में छात्र के घर जाकर उससे मुलाकात कर उसकी समस्या की जानकारी एवं काउंसलिंग की गई, जिस पर उक्त छात्र द्वारा बताया गया कि उसकी गर्लफ़ेंड से बातचीत के दौरान विवाद हो गया था और उसकी गर्लफ़ेंड ने उसका दिल दुखाने वाली बात कह दी थी ।
जिससे आहत होकर भावावेश में आकर वह आत्महत्या करना चाह रहा था, इसलिए उसने घर में रखी पुरानी दवा की 10 गोलियां खा ली थी और दवा खाते समय का वीडियो इन्स्टाग्राम पर अपलोड कर दिया था। थानाध्यक्ष द्वारा छात्र के परिजनों से वार्ता करने पर ज्ञात हुआ कि उनके द्वारा छात्र को पानी पिलाकर उल्टी करवा दिया गया है । परिजनों को चिकित्सक से परामर्श करने सलाह थानाध्यक्ष द्वारा दी गयी ।
डीजीपी ने खुद मामले को संज्ञान में लेते हुए तत्काल कार्रवाई का दिया निर्देश
काउंसलिंग के उपरान्त छात्र द्वारा भविष्य में ऐसी गलती नहीं करने का आश्वासन दिया गया। छात्र के पिता द्वारा इस त्वरित कार्रवाई के लिए पुलिस को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस एवं मेटा कम्पनी के मध्य मार्च 2022 से प्रचलित व्यवस्था के अंतर्गत यदि कोई भी व्यक्ति फेसबुक अथवा इंस्टाग्राम पर आत्महत्या किए जाने से सम्बंधित पोस्ट करता है तो ऐसी पोस्ट के सम्बंध में मेटा कम्पनी द्वारा उत्तर प्रदेश पुलिस को अलर्ट मेल भेजकर सूचित किया जाता है। एक जनवरी 2023 से 20 सितंबर 2024 के मध्य 528 व्यक्तियों द्वारा की गई आत्महत्या संबंधी पोस्ट पर प्राप्त अलर्ट का संज्ञान लेकर उनकी काउंसिलिंग करके उनके प्राणों की रक्षा उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा की जा चुकी है।