लखनऊ ।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अपराध, अपराधियों एवं माफियाओं के विरुद्ध जीरो टालरेन्स की नीति तथा अपराध होने पर अभियुक्तों की शीघ्र गिरफ्तारी एवं न्यायालय में प्रभावी पैरवी कर कठोर सजा सुनिश्चित कराये जाने के संबंध में दिये गए आदेश का असर यूपी में देखने को मिलने लगा है। एक जुलाई 2023 को शुरू किए गए आपरेशन कनविक्शन” अभियान के तहत 13 महीने और 10 दिनों के अंदर 50 हज़ार से ज़्यादा अपराधियों को सलाखों के पीछे डाल दिया गया है। यह अभियान राज्य में कानून-व्यवस्था को सख्त और अपराधियों में पुलिस का खौफ पैदा करने के लिए चलाया गया है।
हर महीने 20 अपराधियों सजा दिलाने का था टारगेट
इस अभियान को प्रदेश में सफलतापूर्वक संचालित किये जाने हेतु अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है ।उक्त अभियान के अन्तर्गत माफिया, महिला एवं बच्चों से सम्बन्धित अपराध, सनसनीखेज अपराध जैसे हत्या, लूट, डकैती, गोकशी, अवैध धर्म परिवर्तन एवं अन्य अपराधों के 20 -20 अभियोगों को प्रतिमाह चिन्हित कर सजा दिलाने को प्राथमिकता में सम्मिलित किया गया है । अभियान के प्रभावी संचालन के लिए अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध, यूपी के पर्यवेक्षण में एक पोर्टल “इन्वेस्टीगेशन, प्रासिक्यूशन एवं कनविक्शन” प्रयोग में लाया जा रहा है, जिसमें समस्त सजाओं व चिन्हित प्रकरणों की विगत एक वर्ष की प्रतिदिन की प्रगति को जनपदों व कमिश्नरेटों द्वारा फीड किया जाता है ।
‘ऑपरेशन कनविक्शन’ के तहत अपराधियों पर की जा रही कार्रवाई
डीजीपी प्रशांत कुमार ने अभियान की सफलता के संबंध में बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशन मे उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा ‘ऑपरेशन कनविक्शन’ के तहत माफिया, महिला एवं बच्चों से जुड़े अपराध, और अन्य गंभीर अपराधों के मामलों में त्वरित कार्रवाई कर कठोर सजा सुनिश्चित करने के प्रयास में एक नया अध्याय लिखा जा रहा है।‘न्याय में देरी न्याय न मिलने के समान’की प्रथा को इतिहास बनाकर हम ‘शीघ्र न्याय ही सच्चा न्याय है’ की व्यवस्था उत्तर प्रदेश मे स्थापित कर चुके हैं। अपराधियों को शीघ्र गिरफ्तार कर, वैज्ञानिक विवेचना, अचूक साक्ष्य संकलन और अभियोजन विभाग के समन्वय से न्यायालय मे प्रबल पैरवी कर हम उनको न्यूनतम समय मे दण्डित करा रहे हैं ताकि जनता के मन में आपराधिक न्याय प्रणाली और पुलिस के प्रति विश्वास कायम रहे। 13 महीने 10 दिनों में 50,010 अपराधियों को सजा दिलाई जा चुकी है।
87 माफिया को मिली सजा, 44 को फांसी
डीजीपी ने बताया कि इस अभियान में 87 माफिया, पोक्सो महिला सुरक्षा मामलों के 6944, हत्या लूट जैसे सनसनीखेज अपराधों में लिपा 15541 और अन्य अपराधों के 27438 अपराधियों को सजा सुनाई गई। इन आरोपितों में 44 अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई गई। इसी प्रकार से 2453 मामलों में 4953 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा करायी गयी । आम जनमानस में कानून व्यवस्था को बनाये रखने हेतु यह एक बहुत अच्छी उपलब्धि है ।
72815 प्रकरण हुए थे चिह्नित
1 जुलाई 2023 से 9 सितंबर, 2024 के बीच 72 हजार 815 प्रकरणों को चिन्हित कर दिन प्रतिदिन सुनवाई के लिए नियत कराया गया। इसमें 36 हजार 375 आरोपितों को दोषी साबित किया गया। सिर्फ 2653 प्रकरणों में आरोपी दोषमुक्त हो सके। कोर्ट ने ये मामले 334 दिन में औसतन 150 मामलों की रोजाना सुनवाई की। चिन्हित प्रकरणों में 50010 अभियुक्तों को कारावास की सजा दिलायी गयी है। इस प्रकार चिन्हित अभियोगों में कर्वजन रेट 93.20 प्रतिशत रहा, जो विश्वस्तरीय है। अभियान के तहत प्रति कार्यदिवस में लगभग 117 चिन्हित प्रकरणों का निस्तारण एवं लगभग 150 अपराधियों को उपरोक्त चिन्हित प्रकरणों में कारावास की सजा करायी गयी। इस प्रकार न्यायालय द्वारा कुल 334 कार्य दिवस मे 50010 व्यक्तियो को प्रतिदिन 150 व्यक्तियों की औसत से सजा की गयी ।
अपराधियों में डर पैदा करना था मकसद
‘ऑपरेशन कनविक्शन’ का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि पुलिस ने जहां पुराने मामलों को तेजी से निपटाया, साथ ही नए मामलों में भी तेजी देखने को मिली। इतना ही नहीं इस ऑपरेशन से माफियाओं और परदहियों में भी कड़ा संदेश दिया गया कि अब मामला लटकेगा नहीं और कानून के तहत सजा होगी. डीजीपी प्रशांत कुमार ऑपरेशन की सफलता का श्रेय प्रभावी विवेचना और पैरवी को दिया है।