संजीव सिंह ,बलिया।बेसिक एजुकेशन मूवमेंट ऑफ़ इंडिया, हिंदी साहित्य भारती एवं केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा के संयुक्त तत्वाधान मे राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला पुस्तक लोकार्पण एवं शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन मुख्य अतिथि एस.पी .सिंह बघेल,( केंद्रीय राज्य मंत्री भारत सरकार) पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ रवींद्र शुक्ला( पूर्व सांसद )प्रोफेसर ओमपाल सिंह निडर, (खेरागढ़ विधायक )भगवान सिंह कुशवाहा ,हिंदी संस्थान के निदेशक प्रोफेसर सुनील कुलकर्णी ,बेसिक एजुकेशन मूवमेंट ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश कुमार शर्मा की उपस्थिति में अटल बिहारी वाजपेयी सभागार केंद्रीय हिन्दी संस्थान आगरा में हुआ।

उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया

कार्यक्रम में आये स्वीडन, रसिया, टर्की,आयरलैंड, श्री लंका,जापान,आस्ट्रेलिया सहित 22 अन्य देशों के प्रतिनिधियों सहित जनपद बलिया के चिलकहर विकास खण्ड के कम्पोजिट विद्यालय सवन के सहायक अध्यापक पद पर कार्यरत शिक्षक संजय कुमार यादव को मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल द्वारा उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया।मुख्य अतिथि एस.पी. सिंह बघेल ने अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर आज विश्व में साक्षर प्रतिशत बढा है ।

200 शिक्षकों को शुभकामनाएं दी

हम पढ़ेंगे पढ़ाएंगे, उन्नत राष्ट्र बनाएंगे। शिक्षा साहित्य और शिक्षकों के कर्तव्य पर उन्होंने कार्य दृष्टि हेतु कार्य दृष्टि मे प्रकाश डाला तथा राष्ट्र निर्माण में सहयोग करने वाले 200 शिक्षकों को शुभकामनाएं दी। पूर्व बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ रवींद्र शुक्ला ने काव्य शैली में चरित्र निर्माण मूल्य पर शिक्षा तथा आध्यात्मिक पर प्रकाश डाला और कहा शिक्षक राष्ट्र का निर्माता होता है वह दूर से रहकर बालकों का जीवन सवारने का कार्य करते हैं ।अच्छे शिक्षक आज भी पूजनीय है।

शिक्षक समाज को हमेशा से युगनिर्माता की भूमिका में रहा

पूर्व सांसद व राष्ट्रीय कवि ओमपाल सिंह ‘निडर’ ने भारत मां की रचना पढ़कर उपस्थित समुदायों का अपनी ध्यान आकर्षण किया। हिंदी संस्थान के निदेशक प्रोफेसर सुनील कुलकर्णी ने बताया कि शिक्षक समाज को हमेशा से युगनिर्माता की भूमिका में रहा है।डॉ राजेश शर्मा ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए शिक्षकों में अपनी कविता शैली से शिक्षकों में जोश भर दिया।कार्यक्रम के अंत मे अध्यक्षता कर रहे खैरागढ़ विधायक भगवान सिंह कुशवाहा द्वारा अपने उद्बोधन में कहा कि मैं शिक्षकों का ऋणी हूं यह प्रथम कार्यक्रम है जिसमें 5 घंटे बैठे क्योंकि यह गुरुजनों का कार्यक्रम था।

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