लखनऊ। राजधानी के कैंट थाना क्षेत्र में 14 जनवरी को सदर क्रांसिग के पास एक युवक का शव मिला था। पुलिस ने शव की शिनाख्त के बाद युवक की हत्या का आठ माह बाद खुलासा करते हुए अभियुक्त को गिरफ्तार किया है। युवक की हत्या करने वाला ट्रैफिक का सिपाही निकला। समलैंगिक एप के माध्यम से ट्रैफिक सिपाही युवक के संपर्क में आया। पैसे लेन देन को लेकर विवाद होने पर सिपाही ने युवक की हत्या कर दी गई।

20 जनवरी को कैंट थाना में दर्ज कराया गया था हत्या का मुकदमा

डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि इन्दिरानगर पीसीओ शक्तिनगर​ निवासी रामदास ने 20 जनवरी को कैंट थाना में अपने बेटे कौशिक की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। इसमें उन्होंने सूरज यादव, महिला मित्र समेत चार लोग नामजद थे। जिसमें सूरज यादव उनकी महिला मित्र राजठाकुर बाकी अज्ञात थे। सहायक पुलिस आयुक्त कैंट इस मामले की जांच कर रही थी। विवेचना के दौरान तमाम साक्ष्यों के आधार पर पुलिस को पता चला कि कौशिक जो समलैंगिक है, जो ग्रिंडर नाम की एक समलैंगिक एप का प्रयोग करता था।

युवक की हत्या कर खुद शव को रेलवे पटरी पर रख दिया

इसी एप के जरिए वह यातायात पुलिस में तैनात मुख्य आरक्षी रविन्द्र पाल सिंह के सम्पर्क में आया। घटना के दो या तीन दिन पहले रविन्द्र के बुलाने पर वह उनके कमरे में गया, जहां दोनों ने आपस में संसर्ग किया। इसके बाद दोनों में पैसे को लेकर विवाद हो गया। आरक्षी ने मामले को शांत कराया फिर विश्वास में लेकर उसे शराब में विषैला पदार्थ मिलाकर पिला दिया। जिससे उसकी मृत्यु हो गयी। हत्या की घटना दिखाने के उद्देश्य से शव को घर से कूछ दूर स्थित रेलवे लाइन की पटरी पर रख दिया। पुलिस को मिले तमाम सबूतों के साथ शुक्रवार को अभियुक्त आरक्षी को गिरफ्तार कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।

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