लखनऊ/बहराइच। अभी तक आप चीता, तेंदुआ, शेर व हाथी से परेशान होने ग्रामीणों को देंखे व सुने होंगे लेकिन यूपी के बहराइच जिले में तो भेड़ियों ने आतंक मचा कर रखा है। यहां महसी तहसील क्षेत्र के 50 से अधिक गांवों में आतंक का पर्याय बने भेड़ियों ने दहशत के मामले में बाघ व तेंदुओं को भी पीछ़े छोड़ दिया है। इस साल जनवरी माह से अब तक तेंदुओं ने चार को निवाला और 17 लोगों को घायल किया है, लेकिन भेड़ियों ने नौ लोगों को निवाला तो वहीं 35 से अधिक लोगों को घायल कर दिया। इन्हें पकड़ने के लिए योगी सरकार ने सारा सिस्टम लगा लगा दिया है लेकिन भेड़िये सब पर भारी पड़ रहे है।

एक माह में सात बच्चों को मारा और 25 को किया घायल

17 जुलाई से 28 अगस्त के बीच ही सात बच्चों को मारा तो 25 को घायल कर दिया। महसी तहसील के हरदी थाना क्षेत्र में तबाही मचाने के साथ ही अब भेड़िया खैरीघाट क्षेत्र में भी सक्रिय हो गए हैं। दहशत का आलम यह है कि हरदी व खैरीघाट से सटे अन्य क्षेत्रों के ग्रामीणों की भी नींद हराम हो गई है।अभी तक के हालात को देखें तो मात्र चार से छह भेड़िये ही पूरे सिस्टम पर भारी पड़ रहे हैं। 17 जुलाई को हुए हमले के बाद से जिला प्रशासन, पुलिस व वन विभाग लगातार भेड़ियों को पकड़ने व हमले रोकने का दावा कर रहा है, लेकिन सफलता नहीं मिल रही है।

एक मादा भेड़िया की मौत होने के बाद हमले में आयी तेजी

वन विभाग ने तीन अगस्त को एक मादा भेड़िया को पकड़ा था। वन प्रभाग लाते समय उसकी मौत हो गई। इसके बाद भेड़ियों के हमले तेजी से बढ़े। वहीं इसके बाद आठ अगस्त को एक नर व 18 को एक मादा भेड़िया को भी वन विभाग ने पकड़ा, लेकिन हमलों में कोई कमी नहीं आई। हमले बढ़ते ही गए। इसके बाद ग्रामीण झुंड की मुखिया के मौत के बाद बदला स्वरूप हमला करने की भी बात कह रहे हैं।भेड़ियों को पकड़ने के लिए बाराबंकी के डीएफओ आकाशदीप बधावन को स्पेशल टास्क फोर्स के रूप में बुलाया गया। इसके बाद भी भेड़ियों ने रीता देवी, अयांश को निवाला बना लिया और तीन मासूम सहित चार को घायल किया। यही नहीं, भेड़ियों के आगे वन विभाग की ओर से लगाए गए 10 ट्रैप कैमरे, जाल, पिंजरा व ड्रोन कैमरे भी असहाय नजर आ रहे हैं।

डर के मारे बच्चे नहीं जा रहे स्कूल

महसी तहसील के गांवों में दहशत का आलम यह है कि किसान छुट्टा मवेशियों से फसल रखवाली के लिए खेत नहीं जा रहे हैं। इससे उनकी फसल मवेशी चट कर रहे हैं। वहीं नौनिहालों की पढ़ाई भी बाधित है। भेड़ियों के डर से अधिकतर अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। इस बीच जो बच्चे स्कूल जा भी रहे है, तो उनके अभिभावक साथ रह रहे हैं।भेड़ियों का डर इस कदर व्याप्त है कि लोगों की सुबह हांका व ड्रोन कैमरों की आवाज सुनने से हो रही। वहीं रात भी टार्च की दूधिया रोशनी व हांके की आवाज के बीच जागकर बीत रही है। खूंखार भेड़ियों की दहशत का आलम यह है कि बच्चे दिन के समय भी खेलते नजर नहीं आते हैं।

बदले की भावना वाला जानवर है भेड़िया : डीएफओ

कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के सेवानिवृत्त डीएफओ ज्ञान प्रकाश सिंह ने बताया कि भेड़िया काफी चालाक और बदले की भावना वाला जानवर है। नदी के कछार में मांद बनाकर स्थानीय जंतुओ का शिकार करता है। मनुष्यों पर बहुत की कम हमले करता है, लेकिन इसमें बदले की प्रबल भावना होती है। उन्होंने बताया कि इनके बच्चे को मारने पर कुनबे का नर या मादा मुखिया उग्र होकर हमले करता है। हरदी में भी हो सकता है किसी ने इनके बच्चे को छति पहुंचाई हो, जिसके बाद से सभी बदले की भावना से हमले कर रहे हों।

भेड़ियों ने नौ को मारा, 35 को किया घायल

हरदी थाना क्षेत्र में भेड़ियों ने 10 मार्च को मिश्रनपुरवा निवासी सायरा (03) व 23 मार्च को नयापुरवा निवासी छोटू (02) को शिकार बनाया। इस दौरान लगभग 10 लोगों को घायल भी किया, लेकिन 17 जुलाई के बाद हमले तेज कर दिए। भेड़ियों ने खैरीघाट के दीवानपुरवा निवासी अयांश (05), हरदी के कुम्हारन पुरवा निवासी रीता देवी(52), हरदी निवासी खुशबू(05), संध्या(04), कोलैला निवासी किशन(07), नकवा निवासी प्रतिभा (2) व मक्कापुरवा निवासी अख्तर रजा (डेढ़ वर्ष) को मौत के घाट उतार दिया।

इन्हें भेड़ियों ने किया घायल

वहीं कटैलापुरवा निवासी राजपत (08), सुखरामपुरवा निवासी सोनू (8), नथुवापुर निवासी फकीरे (70), संपत (20), सिसैया चूड़ामड़ि निवासी मखाना (80) व सोनम (10), खौरहवा बाबा निवासी छोटेलाल(60), दरैहिया निवासी उत्कर्ष(10), गंगापुरवा निवासी कांति(07), अजीत (12), बैरागीपुरवा निवासी पल्लवी(06), दिव्यांशी (5), अनुराधा (9), किलाची(07), काजल(25), वंश (08), शिवानी(09), हरियाली (06) आदि समेत 25 को घायल कर चुके हैं।

ऑपरेशन भेड़िया पर सीएम की नजर, बहराइच पहुंच पीड़ितों से मिले वन मंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहराइच में ऑपरेशन भेड़िया पर नजर बनाए हुए हैं। उनके निर्देश पर वन व पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना बुधवार को बहराइच पहुंचे। वन मंत्री ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों संग बैठक भी की।उन्होंने यहां के कई गांवों में पहुंचकर ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि आमजन की सुरक्षा व भेड़ियों को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम मुस्तैदी से जुटी है। वन विभाग सुरक्षा के लिए ड्रोन मैपिंग कर रहा है। साथ ही थर्मल ड्रोन से भी भेड़ियों को पकड़ने के लिए निगरानी जारी है। वहीं बीते दिनों चार मृतकों के आश्रितों को जिला प्रशासन की तरफ से पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि पहले ही दी जा चुकी है। शेष के परिजनों को जल्द ही राशि जारी की जाएगी।

तीन भेड़िए पकड़े जा चुके, तीन को पकड़ने में जुटी वन विभाग की टीम

प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव संजय श्रीवास्तव ने बताया कि भेड़ियों को पकड़ने के लिए 16 टीमें तैनात की गई हैं। यहां जिला स्तर के 12 अधिकारी भी कैंप कर रहे हैं। भेड़िया पकड़े जाने तक अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक रेनू सिंह यहां कैंप करती रहेंगी। डीएफओ बाराबंकी आकाश बधावन व डीएफओ नवीन प्रकाश भी ‘ऑपरेशन भेड़िया’ को सकुशल पूरा करने में जुटे हैं।मुख्य वन संरक्षक व वन राज्यमंत्री ने सिर्फ तीन भेड़ियों के होने का दावा किया है। यही तीन भेड़िये बीते 41 दिनों से 32 राजस्व टीमों, 200 से अधिक पुलिसकर्मियों, मंडलीय समेत 10 से अधिक वन टीमों को चकमा दे रहे हैं और लगातार स्थान परिवर्तन कर उन्हें नचा रहे हैं।

भेड़ियों को ट्रैंकुलाइज करने के लिए दो डॉक्टर भी पहुंचे

भेड़ियों को पकड़ने के लिए वन विभाग सजग है। ड्रोन व थर्मल ड्रोन से मैप किया जा रहा है। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डेन से भेड़ियों को ट्रैंकुलाइज करने की अनुमति मिल गई है। इसके लिए दो डॉक्टर भी बहराइच में टीम के साथ जुटे हैं।बैठक में जिलाधिकारी की ओर से बताया गया कि जिन घरों में दरवाजे नहीं हैं, वहां विभिन्न फंड के जरिए दरवाजे लगवाए जा रहे हैं। इसके लिए सीएसआर समेत अन्य फंड से पैसा दिया जा रहा है। गांवों में रात्रि गश्त किया जा रहा है। वहीं आमजन व महिलाओं को जागरूक करने के लिए आशा वर्कर्स की भी ड्यूटी लगाई गई है।

चार मृतकों के परिजनों को दिया जा चुका पांच-पांच लाख का चेक

भेड़ियों के हमले में जान गंवाने वाले चार मृतकों के परिजनों को सीएम योगी के निर्देश पर पांच-पांच लाख का चेक दिया जा चुका है, जबकि शेष पीड़ित परिवारों को जल्द ही अनुग्रह राशि दी जाएगी। अब तक जिला प्रशासन की तरफ से अख्तर रजा, प्रतिभा, किशन, संध्या के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का चेक प्रदान किया जा चुका है। शेष मामलों पर कार्रवाई की जा रही है।

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