लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की मंगलवार को लखनऊ में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मायावती को एक बार फिर सर्वसम्मति से अगले पांच साल के लिए पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा ने बैठक में मायावती के निर्वाचन की घोषणा की।
मायावती ने सभी पदाधिकारियों के प्रति आभार जताया
पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक में अध्यक्ष चुने जाने के बाद मायावती ने सभी पदाधिकारियों के प्रति आभार जताया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि बाबासाहब भीमराव अम्बेडकर, कांशीराम समेत कई महापुरुषों के मानवतावादी एवं समतामूलक मिशन को बसपा की मूवमेंट के जरिए आगे बढ़ाने के लिए वह हमेशा हर प्रकार की कुर्बानी देने को तैयार हैं। बहुजन हिताय व बहुजन सुखाय के कल्याणकारी सिद्धांत एवं लक्ष्य की प्राप्ति पर डटे रहकर अपना संघर्ष इस उम्मीद पर जारी रखे हैं कि यह संघर्ष एक दिन बहुजनों के पक्ष में जरूर रंग लाएगा।
अब देश की राजनीति गैर भाजपावाद में उलझकर रह गयी
बसपा प्रमुख ने कहा कि पहले गैर कांग्रेसवाद की तरह अब देश की राजनीति गैर भाजपावाद में उलझकर रह गयी है। ये दोनों दल और इनके नेतृत्व वाले गठबंधन देश के दलित, ओबीसी, आदिवासी, मुस्लिम के सच्चे हितैषी न कभी थे और न कभी हो सकते हैं। इन दलों का रवैया लगाता जातिवादी, षड्यंत्रकारी बना हुआ है, जो खासकर चुनाव में काफी तेज हो जाता है। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में यही सब कुछ खुले तौर पर देखने को मिला और केंद्र की भाजपा एवं कांग्रेस देनों कहीं जातिवादी एवं अहंकारी सरकार बनाने से रोकेने पर बहुजन समाज काफी हद तक पिछड़ गया।
उन्होंने कहा कि बसपा अगर चुनाव में मजबूती से आगे बढ़ती तो ऐसी परिस्थिति को रोका जा सकता था लेकिन ऐसा नहीं हो पाया और इन पार्टियों ने संविधान की रक्षा को चुनावी मुद्दा बनाया। इतना ही नहीं बाबासाहब को भारत रत्न से सम्मानित और बसपा के जन्मदाता कांशीराम की मृत्यु पर देश व किसी भी प्रदेश में एक दिन का राजकीय शोक भी घोषित नहीं किया गया।
पूरा देश, गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई से त्रस्त
मायावती ने कहा कि देश की विकास का जो भी दावा सरकार कर रही है उसका लाभ केवल मुट्ठी भर पूंजीपतियों व धन्नासेठों को मिला रहा है जबकि पूरा देश, गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई से त्रस्त है। यह देश की सबसे बड़ी समस्या है, जिसका मूल कारण कांग्रेस की तरह भाजपा सरकार की गलत नीयत व नीतियां हैं। मायावती ने कहा कि हरियाणा, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर व दिल्ली विधानसभा के लिए शीघ्र होने वाले आम चुनाव को मजबूती के साथ लड़ना है। इसको लेकर उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों को कुछ जरूरी निर्देश भी दिए।
मायावती पहली बार 18 सितंबर 2003 को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनी गयी थीं
उल्लेखनीय है कि हर पांच साल में बसपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होती है। इस बैठक में पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाता है। मायावती पहली बार 18 सितंबर 2003 को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनी गयी थीं।
पार्टी पदाधिकारियों के मुताबिक नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद को कई अन्य राज्यों का प्रभारी भी बनाया गया है। बैठक में प्रदेश के सभी पदाधिकारियों के साथ ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी शामिल रहे जिनके साथ चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी चर्चा की गई। उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर भी कार्य योजना बनाई गई।