लखनऊ। यूपी के उन्नाव के पुरवा के एक अधिवक्ता के उकसाने पर लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग पर आकर आग लगाने वाली महिला की रविवार को उपचार के दौरान मौत हो गयी। पुलिस ने महिला के शव पोस्टमार्टम के बाद रविवार को परिजनों के सुपुर्द कर दिया। उधर, जेल भेजे गए महिला को आत्मदाह के लिए भड़काने वाले वकील पर अब पुलिस ने और शिकंजा कसा है। एफआईआर में गंभीर धारा बढ़ाई है।महिला का उपचार किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में चल रहा था।
छह अगस्त को महिला ने खुद को लगा ली थी आग
जानकारी के लिए बता दें कि बीते छह अगस्त को मुख्यमंत्री आवास के निकट विक्रमादित्य मार्ग पर एक महिला ने ज्वलन पदार्थ डाल कर अपने को आग के हवाले कर दी।इसके बाद गौतमपल्ली थाने की पुलिस ने उसे आनन-फानन में किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के बर्न यूनिट में उपचार के लिए भर्ती कराया था। उसका बर्न यूनिट के डाक्टरों की टीम उपचार कर रही थी। फिर भी अस्सी प्रतिशत से ज्यादा जलने से महिला की हालत गम्भीर थी। वहीं गौतमपल्ली थाने की पुलिस ने महिला को उकसाने वाले अधिवक्ता सुनील को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
पुलिस ने अब वकील पर और कसा शिकंजा
शनिवार देर रात करीब दो बजे अंजली की इलाज के दौरान मौत हो गई। एडीसीपी सेंट्रल मनीषा सिंह ने बताया कि एफआईआर में आत्महत्या दुष्प्रेरण की धारा बढ़ा दी गई है।अंजली ने करीब तीन साल पहले पुरवा निवासी देशराज से विवाह किया था। करीब दो साल का उनका बेटा है। 30 जुलाई को पति से विवाद हो गया था। दो अगस्त को उन्होंने दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने देशराज व उसके भाई को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इधर, छह अगस्त को अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी न होने व पुलिस पर लापरवाही और मिलीभगत का आरोप लगा अंजली ने खुद को आग लगा ली थी।
मासूम के सिर से छिन गया मां का साया, अब कौन होगा उसका सहारा
अंजली को जरा भी अंदाजा न रहा होगा कि वह जो कदम उठाने जा रही है, उससे उसकी जिंदगी खत्म हो जाएगी। मासूम के सिर से मां का सहारा छिन जाएगा। वकील ने उसको ऐसा भड़काया कि उसकी जिंदगी ही खत्म करवा दी। अब सवाल उठता है कि अंजली के जाने के बाद उसकी औलाद का क्या है। जिसे अभी इतना तक नहीं पता की अभी तक जिसकी गोद में खेल रहा था, अब वह इस दुनिया में नहीं रही। पिता पहले ही माता-पिता के विवाद में जेल जा चुका है।यह अंजली के मरने के बाद बड़ा सवाल खड़़ा हो गया है।