उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि पशुधन विभाग के अधिकारियों को प्रदेश में निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश संरक्षण के लिए 20 जनवरी से 20 फरवरी, 2023 तक युद्धस्तर पर अभियान चलाकर गोवंश को आश्रय स्थलों में संरक्षित कराना है। इसके लिए जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारियों का भी सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए प्रदेश को पूर्वी जोन तथा पश्चिमी जोन में विभाजित किया जाय। प्रत्येक जोन में 9 मण्डल होंगे। उन्होंने निर्देश दिये है कि निदेशालय स्तर पर कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जाय तथा प्रतिदिन संरक्षित गोवंश की जिलेवार समीक्षा की जाय। टोल फ्री नंबर 18001805141 एवं 0522-2741992 को निरन्तर क्रियाशील रखा जाये। जिससे लोग निराश्रित गोवंश के सम्बंध में सूचना दे सकें।
निर्धारित लक्ष्यों को पूरा न करने वाले अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
पशुधन मंत्री ने कहा कि अधिकारी अपने निर्धारित लक्ष्यों को सही समय पर पूरा करें और अनुशासन में रहकर कार्य करें अन्यथा उनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। धर्मपाल सिंह ने बुधवार को विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में निराश्रित गोवंश के संरक्षण के कार्यों की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि वह नियमित रूप से फील्ड में निरीक्षण करें। गो संरक्षण कार्यों के लिए आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाय और जिन स्थानों पर गौ आश्रय स्थल नही है वहॉं अस्थायी गौ आश्रय स्थल बनाये जाने हेतु जिलाधिकारियों से सहयोग लिया जाय। कोई भी गोवंश निराश्रित या बेसहारा न रहने पाये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गोवंश के प्रति अत्यंत संवेदनशील है और गोवंश का संरक्षण एवं संवर्धन सरकार की प्राथमिकताओं में है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गो आश्रय स्थल पर चारा, भूसा, प्रकाश, ठण्ड से बचाव, चिकित्सा सुरक्षा एवं औषधियॉ आदि की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
पशुओं को छोड़ देने पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही की जायेगी
पशुधन मंत्री ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वह अपने पशुओं को छुट्टा न छोड़े और उनके प्रति संवेदनशील रहें। पशुओं को छोड़ देने पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही की जायेगी।पशुधन मंत्री ने बैठक में निराश्रित गोवंश को संरक्षित करने हेतु गौशालाओं के प्रबन्धन, प्रदेश में जनपदवार चारागाह की जमीन कैटल फार्म्स और ब्रीडिंग फार्म्स की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि दूध, अण्डा एवं मांस इत्यादि उत्पाद आय के महत्वपूर्ण स्रोत है और प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य में इनकी मत्वपूर्ण भूमिका है इसलिए कैटल फार्म्स का आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाय और पीपीपी मोड पर कैटल/ब्रीडिंग फार्म्स विकसित किये जायें।बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र पाण्डेय, पशुधन विभाग के निदेशक, रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र डा पीके सिंह तथा निदेशक, प्रशासन एवं विकास डा इन्द्रमनि तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।