एसएमयूपीन्यूज, लखनऊ।उत्तर प्रदेश में आगामी 7 जून को मनाए जाने वाले ईद-उल-जुहा (बकरीद) पर्व को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण के निर्देश पर प्रदेशभर के जिलों में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। सभी जोनल, रेंज व जिला पुलिस अधिकारियों को त्योहार के मद्देनज़र सख्ती व सतर्कता के साथ कार्रवाई करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।
त्योहार से पहले की गई प्रमुख तैयारियां
प्रत्येक थाने में त्यौहार रजिस्टर और रजिस्टर नंबर-8 की प्रविष्टियों की समीक्षा कर यह सुनिश्चित किया गया है कि किसी भी प्रकार की नई परंपरा की शुरुआत न हो।समस्त थानों पर धर्मगुरुओं, शांति समितियों, संभ्रांत नागरिकों, सिविल डिफेंस तथा स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठकें की गई हैं। संवाद के माध्यम से सभी को आपसी सौहार्द बनाए रखने का संदेश दिया गया।
विगत वर्षों की घटनाओं की समीक्षा
पिछले वर्षों में बकरीद के दौरान घटित घटनाओं की समीक्षा वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर की गई है और संवेदनशील बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा हैअब तक 2623 संवेदनशील स्थानों व हॉटस्पॉट की पहचान की जा चुकी है, जहां विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
पूरे प्रदेश में 2134 क्यूआरटी टीमें गठित
मुख्यालय स्तर से जिलों में अतिरिक्त बल भेजा गया है जिसमें 2 अपर पुलिस अधीक्षक, 6 पुलिस उपाधीक्षक, 51 पीएसी कंपनियाँ और 3 आरआरएफ कंपनियाँ शामिल हैं।पूरे प्रदेश में 2134 क्यूआरटी टीमें गठित की गई हैं। साथ ही राजपत्रित अधिकारियों की निगरानी में फुट पेट्रोलिंग को और अधिक सक्रिय किया गया है।यूपी-112 की पीआरवी गाड़ियों के रूट दोबारा तय किए गए हैं और उन्हें संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है। उनके रिस्पॉन्स टाइम को बेहतर करने के निर्देश दिए गए हैं।
धार्मिक स्थलों और कुर्बानी के संबंध में दिशा-निर्देश
धार्मिक स्थलों के आसपास नियमित रूप से गश्त और चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। पोस्टर पार्टियों द्वारा आपत्तिजनक सामग्री व चित्रों की जांच की जा रही है।प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी पर पूर्ण रोक रहेगी। नगर निगम और संबंधित विभागों के सहयोग से कुर्बानी के पश्चात साफ-सफाई और अवशेषों के निस्तारण की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
साइबर निगरानी और अफवाहों पर कार्रवाई
सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफार्म्स पर भड़काऊ, समाज विरोधी व आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। अफवाह फैलाने वाले असामाजिक तत्वों पर कड़ी वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की गई है।अब तक प्रदेशभर में 1178 शांति समितियों, धर्मगुरुओं और स्थानीय लोगों के साथ बैठकें की जा चुकी हैं। इन बैठकों में त्यौहार के शांतिपूर्ण आयोजन के लिए सभी से सहयोग की अपील की गई है।
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