एसएमयूपीन्यूज, लखनऊ।उत्तर प्रदेश पुलिस तकनीक की मदद से अपराध नियंत्रण के साथ-साथ आत्महत्या की कोशिश कर रहे लोगों की जान भी बचा रही है। आत्महत्या जैसे संवेदनशील मामलों को रोकने के लिए यूपी पुलिस ने मेटा कंपनी (फेसबुक और इंस्टाग्राम की मूल कंपनी) के साथ वर्ष 2022 में एक विशेष समझौता किया था। इस व्यवस्था के तहत यदि कोई व्यक्ति फेसबुक या इंस्टाग्राम पर आत्महत्या संबंधी कोई पोस्ट करता है, तो मेटा कंपनी उस पोस्ट की जानकारी तत्काल यूपी पुलिस को भेजती है।

अलर्ट मिलते ही संबंधित थाने को दी जाती है सूचना

पुलिस की सोशल मीडिया सेल इस जानकारी को संबंधित थाने को भेजती है, जिसके बाद पुलिस टीम सक्रिय होकर उस व्यक्ति तक समय रहते पहुंच जाती है और उसे आत्मघाती कदम उठाने से रोक लेती है। इस प्रभावी पहल का नतीजा यह है कि 1 जनवरी 2023 से 31 मई 2025 के बीच कुल 986 लोगों की जान बचाई जा चुकी है।

लखनऊ में छात्र करने जा रहा था आत्महत्या

हालिया मामला लखनऊ के सरोजनी नगर क्षेत्र का है, जहां एक 12वीं के छात्र ने इंस्टाग्राम पर आत्महत्या का इशारा करते हुए पोस्ट किया – “मेरी मौत सुबह 5 बजे ट्रेन से होने वाली है।” यह पोस्ट आठ जून की रात करीब तीन बजे की गई थी। मेटा ने तुरंत इसका संज्ञान लेकर यूपी पुलिस मुख्यालय को ईमेल भेजा। सोशल मीडिया सेल ने तुरंत हरकत में आते हुए सरोजनी नगर थाने को जानकारी दी।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छात्र को बचाया

थाने में तैनात उपनिरीक्षक बताए गए पते पर पहुंचे, लेकिन छात्र वहां नहीं मिला। इसके बाद पुलिस टीम रेलवे ट्रैक की ओर निकली और समय रहते छात्र को खोज लिया। पूछताछ में पता चला कि छात्र फाइव-जी फोन और बाइक की मांग पूरी न होने से मानसिक तनाव में था और यह कदम उठाने जा रहा था।

छात्र की काउंसिलिंग करने के बाद परिजनों को सौंपा

पुलिस ने न सिर्फ उसकी जान बचाई, बल्कि काउंसलिंग कर उसे परिजनों को सौंपा। परिवार ने यूपी पुलिस का आभार जताते हुए कहा कि यदि समय रहते पुलिस न पहुंचती तो अनहोनी हो सकती थी।यह पहल न सिर्फ तकनीक और कानून व्यवस्था का बेहतरीन समन्वय है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति एक संवेदनशील दृष्टिकोण भी प्रस्तुत करती है। यूपी पुलिस की यह मुहिम सैकड़ों परिवारों को उजड़ने से बचा चुकी है।

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